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Shweta Sinha
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Shweta Sinha
जय श्री राम
Shweta Sinha
सच्ची कहानी पर आधारति
होली की अगली सुबह।पूरा मोहल्ला थक कर अपने अपने घरों में सोए हुए है। सुबह के 8 बज रहे थे तब भी पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ था।मैं भी अपने बिस्तर पर लेटे अपने स्मार्ट फ़ोन पर गेम का आनंद ले रही थी।तभी मेरे आंगन से मुझे बिल्लियों के लड़ने की आवाज़ आई।रोज़ की घटना समझकर मैंने नज़रअंदाज़ कर दिया और अपने गेम के अगले पड़ाव में मॉघुल हो गई।मेरे घर के आंगन में एक कुआँ है ।अचानक से उसमे कुछ भरो चीज़ गिरने की आवाज़ आई।मुझे शंका हुई कि जरूर बिल्ली ही गिरी होगी।मैंने तुरंत आने बड़े भाई और म
सच्ची कहानी पर आधारति
होली की अगली सुबह।पूरा मोहल्ला थक कर अपने अपने घरों में सोए हुए है। सुबह के 8 बज रहे थे तब भी पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ था।मैं भी अपने बिस्तर पर लेटे अपने स्मार्ट फ़ोन पर गेम का आनंद ले रही थी।तभी मेरे आंगन से मुझे बिल्लियों के लड़ने की आवाज़ आई।रोज़ की घटना समझकर मैंने नज़रअंदाज़ कर दिया और अपने गेम के अगले पड़ाव में मॉघुल हो गई।मेरे घर के आंगन में एक कुआँ है ।अचानक से उसमे कुछ भरो चीज़ गिरने की आवाज़ आई।मुझे शंका हुई कि जरूर बिल्ली ही गिरी होगी।मैंने तुरंत आने बड़े भाई और म
Shweta Sinha
ईश्वर ने जब बनाया पुरुष
न हुआ था वो कुछ परेशान
जब आई महिला को बनाने की बारी
वो हो गया हैरान।
सोच में पर गया ,
पर गया मन पर भारी बोझ,
कैसे बनाऊं ऐसे काया
ईश्वर ने जब बनाया पुरुष
न हुआ था वो कुछ परेशान
जब आई महिला को बनाने की बारी
वो हो गया हैरान।
सोच में पर गया ,
पर गया मन पर भारी बोझ,
कैसे बनाऊं ऐसे काया
Shweta Sinha
नील कंठ,स्वेत मन,
विष धारी, कैलाश वासी,
भोले शिव है मेरे।
भाव की अभिलाषा,
रौद्र रूप के स्वामी,
आदि शक्ति संग परमपूज्य,
गजानंद के दाता,
सर्वशक्ति के विधाता ,
नील कंठ,स्वेत मन,
विष धारी, कैलाश वासी,
भोले शिव है मेरे।
भाव की अभिलाषा,
रौद्र रूप के स्वामी,
आदि शक्ति संग परमपूज्य,
गजानंद के दाता,
सर्वशक्ति के विधाता ,
Shweta Sinha
बदला शहादत का
आज दिल हुआ बाग बाग,
सेना ने जब गिराया दुश्मनों पर गाज़,
कमर तोड़कर रख दी दहशतगर्दों की,
हुआ है हर भारतीय को जवानों पर नाज़।
शहीदों की शहादत पर रोये थे जितना हम,
उतना ही चैन आज पाया है,
बदला शहादत का
आज दिल हुआ बाग बाग,
सेना ने जब गिराया दुश्मनों पर गाज़,
कमर तोड़कर रख दी दहशतगर्दों की,
हुआ है हर भारतीय को जवानों पर नाज़।
शहीदों की शहादत पर रोये थे जितना हम,
उतना ही चैन आज पाया है,
Shweta Sinha
मैं हुँ भारत का बेटा
गर्व की चादर में आयां हूँ माँ,
तू होती क्यों उदास है,
तिरंगा थी शान मेरी,
उसने ही आज बढ़ाया मेरा मान है।
सोचा था बुढ़ापे में दूंगा तुझे हर सुख,
बाबा का बनूँगा लाठी,
मैं हुँ भारत का बेटा
गर्व की चादर में आयां हूँ माँ,
तू होती क्यों उदास है,
तिरंगा थी शान मेरी,
उसने ही आज बढ़ाया मेरा मान है।
सोचा था बुढ़ापे में दूंगा तुझे हर सुख,
बाबा का बनूँगा लाठी,
Shweta Sinha
कुछ ख्वाहिशें पूरी करने की जरूरत है,
ज़िन्दगी को अब जीने की जरूरत है,
अरमान ऐसे भी है मेरे,
की हर कोशिश में तेरी ही जरूरत है।