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✍️ हरीश पटेल "हर"

ग्राम - तोरन ,में जन्म , 30.01.99 को, कक्षा पांच तक गाँव मे शिक्षा ,सरस्वती शिशु मंदिर थान खम्हरियाके 12 तक अध्ययन,वर्तमान - दुर्ग साइंस कॉलेज ,बीएससी गणित - 2 ,में अध्ययन, कवि,सह महाविद्यालयिन प्रमुख,संघ स्वयं सेवक

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✍️ हरीश पटेल "हर"

रखना सब ग्रन्थों का सार जरूरी है
करना   उसका    व्यवहार  जरूरी है

सरलता  व तरलता के गुण अपनाओ
*जीवन  में  सच  का  श्रृंगार  जरूरी  है

कहते  रत्नाकर  कि  प्रेम ही* ईश्वर  है
किसी   से   प्यार, एक  बार  जरूरी है

काम हुआ तो चले गए यूँ* उठकर क्यों
तुमको*  तो  देना  आभार  जरूरी   है

माँ - बाप का कर्ज* अदा नही  होता पर
 यथाशक्ति  चुकाना* उधार जरूरी है

"हर" कहता है गुण गाओ तुम जननी* की
इस  हिन्द   वतन   से  प्यार   जरूरी   है #हरीश #पटेल#हर
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✍️ हरीश पटेल "हर"

तुझको  तेरी नहीं खबर
"मैं कौन हूँ" यह प्रश्न कर

क्या भूमिका है जगत में
इसका भी तू  विचार कर

लत छोड़ दो नशे का तुम
तू आदतन कुछ तो सुधर

जीवन   नैया,  छेद  न  हो
डूबा     ही    देगा    समंदर

अपने    ही     देते    झटके
अपनों  को  पहचानों  *हर*

,,,,,,,,,✍️हरीश पटेल "हर"
 ग्राम - तोरन (थान खम्हारिया)
                   बेमेतरा(छ. ग.)
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 #हरीश
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✍️ हरीश पटेल "हर"

◆◆◆◆भाषा- हिंदी◆◆◆◆◆◆◆

हिन्दी हैं जी हम सभी,  हिंदी  हो  स्वीकार
बोले जब भी मुख खुले,हिंदी स्वर उच्चार

भारत की बोली यही,जन जन की आवाज
 क्यों   रहे   वर्चस्व    यहाँ    अंग्रेजी   का   यार

संस्कार  संयुक्त  सदा,  सरल  सुबोध  सुसंग
सरस  मधुर ममतामयी,माँ -  सम  करे  दुलार

पंत,निराला,मैथिली,दिनकर दिव्य सुजान
हिंदी  भाषा लेख  की,सुधामयी  रसधार 

जयशंकर,हरिवंश कवि, हिंद  के  हैं  विद्वान
रामचन्द्र की समीक्षा,  भाषा   देती   धार

निज भाषा का हो सतत,"हर" नित नया विकास
इसमें लिखते,बोलते,  ग्रहण  करें  संस्कार


✍️हरीश पटेल "हर"
ग्राम - तोरन(थानखम्हरिया)
                बेमेतरा
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 #हर #की#कविता
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✍️ हरीश पटेल "हर"

#हर की माहिया

#हर की माहिया

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✍️ हरीश पटेल "हर"

💐💐💐
फूल नहीं,श्रृंगार नहीं,कविता से अंगार लिखूंगा
कामुकता को त्याग,इसी हिन्द वतन से प्यार लिखूंगा
💐💐💐
पराग  लोभ  को  लेकर  उन्मत  भंवरा  बनना छोड़ो
मातृभूमि  के हम सुत हैं, सेवा और सत्कार लिखूंगा
💐💐💐
देश  जागरण  धर्म  हमारा,ध्यान सदा यह लक्ष्य रहे
कलम करु* सिर आंतकी का,इसे बना तलवार लिखूंगा
💐💐💐
आस न बाकी मुझमें अब तो आलिंगन औ* चुम्बन की
इस मिट्टी के रजकण चूमूँ,सौंधी यह बयार लिखूंगा
💐💐💐
दर्पण,चुड़ी,रोली, बिंदी, पायल  औ  सिंदुर  मेहंदी
त्याग सभी अनित्य सुख "हर",अटल सत्य दमदार लिखूंगा
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
✍️हरीश पटेल "हर"
ग्राम - तोरन (थान खम्हरिया)
              बेमेतरा #हरीश पटेल "हर"

#हरीश पटेल "हर"

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✍️ हरीश पटेल "हर"

💐💐💐💐राष्ट्र आराधन💐💐💐💐

है  जान  जब तक  देह में, हो राष्ट्र आराधन
माँ  की  मान  रक्षा  में अर्पित हो मेरा ये तन

 ये राष्ट्र  वैभव  का  भवन  जर्जर  न हो जाए
सलामत रहे सदा यही अपना है अनुपम धन

"पराधीनता सम दुख नहीं"ये जानते सब हैं 
बधाई  हो जन जन को ये स्वाधीनता जीवन

माँ की बेड़ियाँ काटी बलि निज प्राण देकर के
ऐसे   त्यागी   बेटों  का   करता  हूँ अभिनंदन

बस  यही  काम  हो  मेरा  यही इनाम हो मेरा
देशहित  मेरी  जान  तन मन धन मेरा जीवन

"हर"आज कहता है सुने मेरी ये अखिल भुवन
भारत  सा  नहीं  प्यारा  जगत  में  दूसरा वतन

,,,,,,✍️ हरीश पटेल "हर"
     ग्राम - तोरन(थान खम्हरिया)
                   बेमेतरा
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 #राष्ट्र आराधन

#राष्ट्र आराधन

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✍️ हरीश पटेल "हर"

विधा - सजल

कर्म करता चल कभी कुछ कर जाएगा
गन्दी   आदतें    छोड़    दे   सुधर  जाएगा

मित्रता   हमने  किया  था,  वादे बहुत थे
नहीं   पता  था,  वचन  से मुकर  जाएगा

नाम  कमाना  तो  उम्रभर  कि फुर्सत है
एक  बदनाम  पल  से  तू  सिहर जाएगा

लोग  कहतें  हैं  गाँव में अच्छा था "हरिश"
हालात     पढ़ने   अब   वो    शहर   जाएगा

 सँजोया  "हरिश" , सलीके  से   स्वप्न  था
 किसे मालूम था कि वो बिखर जाएगा

  जमाने   तू    देखता   जा   ये   स्वर्ण   है
  आग में   कुंदन - सा ये निखर जाएगा

कविता  से  दूर  न  करना  प्राण  है  मेरा
जब लिखना बंद होगा "हर" मर जाएगा

,,,,,,,,,,✍️हरीश पटेल "हर"
ग्राम - तोरन (थान खम्हरिया)
                        बेमेतरा #विधा - सजल

कर्म करता चल कभी कुछ कर जाएगा
गन्दी   आदतें    छोड़    दे   सुधर  जाएगा

मित्रता   हमने  किया  था,  वादे बहुत थे
नहीं   पता  था,  वचन  से मुकर  जाएगा

#विधा - सजल कर्म करता चल कभी कुछ कर जाएगा गन्दी आदतें छोड़ दे सुधर जाएगा मित्रता हमने किया था, वादे बहुत थे नहीं पता था, वचन से मुकर जाएगा

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✍️ हरीश पटेल "हर"

विधा - सजल

कर्म करता चल कभी कुछ कर जाएगा
गन्दी   आदतें    छोड़    दे   सुधर  जाएगा

मित्रता   हमने  किया  था,  वादे बहुत थे
नहीं   पता  था,  वचन  से मुकर  जाएगा

नाम  कमाना  तो  उम्रभर  कि फुर्सत है
एक  बदनाम  पल  से  तू  सिहर जाएगा

लोग  कहतें  हैं  गाँव में अच्छा था "हरिश"
हालात     पढ़ने   अब   वो    शहर   जाएगा

 सँजोया  "हरिश" , सलीके  से   स्वप्न  था
 किसे मालूम था कि वो बिखर जाएगा

  जमाने   तू    देखता   जा   ये   स्वर्ण   है
  आग में   कुंदन - सा ये निखर जाएगा

कविता  से  दूर  न  करना  प्राण  है  मेरा
जब लिखना बंद होगा "हर" मर जाएगा

,,,,,,,,,,✍️हरीश पटेल "हर"
ग्राम - तोरन (थान खम्हरिया)
                        बेमेतरा #हरीश
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✍️ हरीश पटेल "हर"

विधा - सजल

कर्म करता चल कभी कुछ कर जाएगा
गन्दी   आदतें    छोड़    दे   सुधर  जाएगा

मित्रता   हमने  किया  था,  वादे बहुत थे
नहीं   पता  था,  वचन  से मुकर  जाएगा

नाम  कमाना  तो  उम्रभर  कि फुर्सत है
एक  बदनाम  पल  से  तू  सिहर जाएगा

लोग  कहतें  हैं  गाँव में अच्छा था "हरिश"
हालात     पढ़ने   अब   वो    शहर   जाएगा

 सँजोया  "हरिश" , सलीके  से   स्वप्न  था
 किसे मालूम था कि वो बिखर जाएगा

  जमाने   तू    देखता   जा   ये   स्वर्ण   है
  आग में   कुंदन - सा ये निखर जाएगा

कविता  से  दूर  न  करना  प्राण  है  मेरा
जब लिखना बंद होगा "हर" मर जाएगा

,,,,,,,,,,✍️हरीश पटेल "हर"
ग्राम - तोरन (थान खम्हरिया)
                        बेमेतरा #हरीश
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✍️ हरीश पटेल "हर"

विधा - सजल

प्रेम     मेरा    पहला   पहला था
उम्र थी सोलह  न सम्भला था

पाइथागोरस    सूत्र   भुलाकर
प्रिया कि गली में  मैं ठहला था

साथ   थे  मेरे   मित्र  वो  केशव 
देवकीनंदन    का   जुमला  था

पूजा पाठ सब छोड़ छाड़ कर
पिय  को मनाने  में  बहला था

वो भी कहती "प्रीत हरीश है"
दिया उसे गुलशन गमला था

वो भी दे गई बड़ा सा धोखा
पीठ पीछे कस के हमला था

"हर" प्रीत करना पर न छोड़ा
बेइज्जती नहले पे दहला था

✍️हरीश पटेल "हर" #हरीश
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