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प्रणय त्रिपाठी

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प्रणय त्रिपाठी

संपर्क टूटा है, हौसला नहीं हम करके दिखायेंगे देश के महान वैज्ञानिकों को उनके बेहतरीन प्रयास और मेहनत के लिए बहुत-बहुत बधाई।🙏
~~~
निराश होने की जरूरत नहीं है। ✊
जल्द ही हम कामयाब होंगे।✊👍

जय हिन्द 🇮🇳 jai hind 🇮🇳

jai hind 🇮🇳 #विचार

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प्रणय त्रिपाठी

उसके जाने की बात सुनकर दिल दहलने लगता है 
उसको देखे बिना मन मचलने लगता है 
आखिर क्यों उन्हें दूर किया जा रहा है 
जो आज किसी के दिल की धड़कन बन चुका है love 💔
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प्रणय त्रिपाठी

आज का ज्ञान *मृतं शरीरमुत्सृज्य काष्ठलोष्ठसमं क्षितौ।*
*विमुखा बान्धवा यान्ति धर्मस्तमनुगच्छति॥* 

 मृत्यु के अनन्तर मृत शरीर को छोडकर वैसे ही बंधु-बांधव मुह फेरकर चले जाते हैं जैसे लकडे के टुकडे को महत्वहीन समझकर छोड़ दिया जाता है। केवल धर्म हि उस प्राणी के प्राण का अनुसरण-अनुगमन करते पीछे-पीछे जाता है।

*🙏सुप्रभातम्🙏*
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प्रणय त्रिपाठी

*नैनं छन्दांसि वृजनात् तारयन्तिमायाविंन मायया वर्तमानम्।*
*नीडं शकुन्ता इव जातपक्षाश्छन्दांस्येनं प्रजहत्यन्तकाले ॥*

 दुर्जन और कपटी व्यवहार करने वाले व्यक्ति की उसके पुण्य कर्म भी रक्षा नहीं कर पाते। जैसे पंख निकल आने पर पक्षी घोसले को छोड़ देते हैं; वैसे ही अंत समय में पुण्य कर्म भी उसका साथ छोड़ देते हैं।

🙏सुप्रभातम्🙏
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प्रणय त्रिपाठी

*वाच्यावाच्यं प्रकुपितो न विजानाति कर्हिचित्।                                           नाकार्यमस्ति क्रुद्धस्य नावाच्यं विद्यते क्वचित्॥*

अर्थात- गुस्से से भरा मनुष्य को किसी भी समय क्या कहना चाहिए और क्या नहीं कहना चाहिए का ज्ञान नहीं रहता है। ऐसे व्यक्ति के लिए कुछ भी अकार्य नहीं होता है और न ही कहीं अवाच्य रह जाता है।

🙏सुप्रभातम्🙏
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प्रणय त्रिपाठी

#DearZindagi            आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः । 
            नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति ।।
 
मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन उसमे बसने वाला आलस्य हैं ,मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका परिश्रम हैं जो हमेशा उसके साथ रहता हैं इसलिए वह दुखी नहीं रहता ।

🙏सुप्रभातम् 🙏
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प्रणय त्रिपाठी

आज का ज्ञान  *आर्ता: देवान् नमस्यन्ति, तप: कुर्वन्ति रोगिण:।*
*निर्धना: दानमिच्छन्ति, वॄद्धा नारी पतिव्रता॥*

 संकट में लोग भगवान की प्राार्थना करते है, रोगी व्यक्ति तप करने की चेष्टा करता है। निर्धन को दान करने की इच्छा होती है तथा वॄद्ध स्त्री पतिव्रता होती है। (अर्थात- कुछ लोग केवल परिस्थिती के कारण अच्छे गुण धारण करने का नाटक करते है।)

*🙏सुप्रभातम् 🙏*
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प्रणय त्रिपाठी

मूर्खस्य पञ्च चिन्हानि गर्वो दुर्वचनं तथा। क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः॥
 
मूर्खों के पाँच लक्षण हैं - गर्व, अपशब्द, क्रोध, हठ और दूसरों की बातों का अनादर॥


🙏सुप्रभातम् 🙏
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प्रणय त्रिपाठी

काच: काञ्चनसंसर्गात् धत्ते मारकतीं द्युतिम्।
तथा सत्सन्निधानेन मूर्खो याति प्रवीणताम्।।
                    
 सुवर्ण (Gold) का साथ पाकर कांच (Glass) भी मरकतमणि जैसा सुशोभित  हो उठता है। वैसे ही अच्छी सङ्गति पाकर मूर्ख भी चतुर हो जाता है।
                                                                        
🙏सुप्रभातम्🙏
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प्रणय त्रिपाठी

छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,

जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,

तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,

मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर.
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