आज प्रातःकाल *अमृतसर* में एक बहुत बड़ा *चमत्कार* हुआ है, पूरे अमृतसर शहर में केवल *दरबार साहिब* पर बारिश की बौछार बहुत देर तक गिरती रही, इसके अलावा *पूरी परिक्रमा व अन्य सभी इमारतें सूखी रहीं.* और फिर *एक बड़ी और बहुत तेज रोशनी हुई*. कई लोगों ने, जो वहां उपस्थित थे, उन्होंने अपनी आंखों से ये अलौकिक *चमत्कार* देखा, और इनमें से कुछ लोगों ने जल्दी-जल्दी, जितनी हो सकी, इसकी वीडिओ भी बना ली. *धन्य-धन्य श्री गुरु रामदास जी*. कई लोग भले ही ना मांनें, परंतु ये सत्य ही है, #पौराणिककथा