यादें आज कुछ ज्यादा ही खाये जा रही थी मुझको मेरे घर की...
वो बचपन की छिपन-छिपाई...
वो सेहरा लिए अपने ही मथे सजा लेना...
वो गुड्डो गुड़ियों संग खेलना...
कोई डांटे तो जोर जोर से चिल्लाना...
और फिर वो बेसुरे आवाज़ में सबको संताना...
कभी मुस्कराना सबके साथ...
तो कभी सबको परेशान करना... #Marriage#Home#Leave#nojotohindi#whyonlygirls
माना कि हक़ है इन्हें भूल जाने की
सुबह का सूरज मिलते ही भूल जाते रात की रागिनी
वो जो तन्हाई मैं साथ देते है
वो जो पास बिठाके सहलाते हैं
हक़ है इन्हें उस उजाले को भूल जाने की
#Nojoto#Night#Light#Loneliness#Support