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vidhyachoudhary9207
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Vidhya Choudhary

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Vidhya Choudhary

फागुन के 
रंगों सा
पाक इश्क़ है
तेरा मेरा
रंग कोई भी
गिरे मुझपे
ग़ुलाल 
ही कहलाएगा
कालिख नहीं




Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary

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Vidhya Choudhary

फागुन के 
रंगों सा
पाक इश्क़ है
तेरा मेरा
रंग कोई भी
गिरे मुझपे
ग़ुलाल 
ही कहलाएगा
कालिख नहीं




Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary

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Vidhya Choudhary

जो तलाशनी हो
खामियां 
तो रिसर्च के लिए
बेहतरीन
किताब हूँ मैं
अगर जाननी हो
खूबियां
तो साहित्य की उम्दा
कृति हूँ मैं




Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary #Books
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Vidhya Choudhary

औरत को पांव की जूती
समझता है वो मर्द
जो ख़ुद को पांव समझता है
औरत को सर का ताज
समझने वाले तो
सिर्फ़ बादशाह होते हैं







Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary

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Vidhya Choudhary

जिसने ना की हो
शरारत कभी
वो मोहब्बत का
ज़ायका क्या जाने
शराफत दिखाने वाले तो
अक्सर
 इस एहसास से
अनछुये रह जाते हैं




Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary #standout
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Vidhya Choudhary

ज़ुबान से मिठास नहीं
बस सच परोसिये
मिठास कुछ पल के लिए
मोह सकती है
मग़र आपकी सच्चाई
सीधा दिल में बस जाएगी








Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary #roseday
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Vidhya Choudhary

तुम लाख करो
सितम
हम उफ्फ़
तक ना करेंगे
जो हम
ज़द पे आये तो
फ़िर
रहम भी ना करेंगे
सता लो
जब तक
दर्द की इंतेहां
नहीं होती
जब सूख
जाएंगे नयन
फ़िर
इन फ़िज़ाओं में
वफ़ा नहीं होगी

Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary #Love

Love

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Vidhya Choudhary

तू दिलकश
तू जांनशीं
मैं तुझमें गुम
तू मुझमें कहीं
जा ढूंढ कोई
वो पैमाना
जिसमें जाम भरा हो
मुझसा कहीं




Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary #Life

Life

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Vidhya Choudhary

धुआँ बनके उड़ गया
वो इश्क़ का समंदर
हम दीवाने थे जिस मौसम के
कम्बख्त वो,निकला बवंडर
कुछ यूं फिसला वो हाथों से
ज्यों रेत का मंज़र
सीने में दफन कर गया
हँसते हँसते खंज़र
फकत दर्द- ओ- ज़ख्म रह गया
 अंदर ही अंदर



Vidhya
Anamya

©Vidhya Choudhary #Rose
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Vidhya Choudhary

आसां नहीं है
ख़ाक होके सुलगते रहना
धधकते अंगारों को
समेटे रखना पड़ता है
बहुत जलना पड़ता है
राख हो जाने से पहले
यूंही नहीं जाती याद 
किसी की दिल से
आँख का एक एक आँसू
लहू बनके बहाना पड़ता है
आसां नहीं है
बग़ैर दिल के धड़कनों का धड़कते रहना


Vidhya 
Anamya

©Vidhya Choudhary

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