Nojoto: Largest Storytelling Platform
madhuyada1266
  • 28Stories
  • 31Followers
  • 363Love
    0Views

madhavi madhu

बदल नही सकते हम खुद को औरों के हिसाब से एक लिबास हमे भी दिया हैं खुदा ने खुद अपने हिसाब से।

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

White एक कमरे जैसा वीरान मेरा मन जिसमें
कुछ ख्वाहिशें-कुछ सपनें
कुछ राश्तें-कुछ मंजिलें
गली से गुजर कर
चौखट पर खड़ी थी,

रात का सूनापन
हवाओं की सरसराहट
आँखों का धुंधलापन
मन का वहम
सब मचमचा रहें थे,

ये कमरें की वीरानी नही
गलियों के दृश्य बता रहें थे,

ख्वाहिशें मेरी बैग के अंदर
कंधे पर टँगी हैं
सपनें सांसो के हलचल से जुड़ी हैं
अभी राह के तिनके से भी डर जाती हूँ
सच कह रही हूं
मैं मंजिल पे नही सफर में ही मर जाती हूं,
                        माधवी मधु

©madhavi madhu #alone_sad_shayri #poetry
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

White पूरा चांद सबका था ..

पर
अमावस का चांद 
सिर्फ़ उसका 
जो देख सकता था 
किसी के ना होने में भी
उसका होना ।

जिसे यक़ीन था ये कि
कोई हो सकता है 
साथ
पास ना होकर भी..

माधवी मध

©madhavi madhu #chand#peotry#shayri#Chand
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

मेरी जीत में तू  हैं
मेरी चीख में तू हैं
तेरे बिना रूठा हैं, ये जहाँ
तेरे बिना सूखी हैं, मेरी बगिया
मन में वीरानी हैं, 
दुनिया से अलग क्यों ,
 मेरी कहानी हैं
मेरे अल्फाज में तेरे ही,दर्द है
मेरे सपनों में तेरे ही रंग हैं
शब्दों का सफर हमपे भारी हैं
हर पल में तेरी निशानी हैं
किस किस को समझाऊ,
तेरी कमी का एहसास
कहा सुनाऊ मैं,
 अपनी ये दास्तान...मेरी माँ!!

©madhavi माँ...!!

#MothersDay

माँ...!! #MothersDay #Life

469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

पतंग और मांझे सा  प्यार 
कलम और स्याही का साथ 
गंगा का दर्शन
और सर्दी की रात
इनसे ही तो मकर संक्रांति का त्योहार ।।

©madhavi #makarsakranti
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

किसी एक सपने के पीछे
सालों से पड़े रहना और
अन्त में ये सोच कर तसल्ली
देदो की किस्मत में ही नही थी
99% मेहनत पर वो एक
1% किस्मत भारी पड़ जाती हैं..!!

©madhavi #morningcoffee
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

जमी को क्या पता

सफर कितना हैं

गंगा को पता 
 
बहाव कितना हैं

हम अपने धुन के आजाद पंक्षी हैं
हमें क्या पता आकाश कितना हैं..।।

©madhavi #sunrays
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

खुद को बिखेर कर सब को सवार देती हैं
वो माँ हैं हर बला को टाल देती हैं
मिट्टी से धूल को जोड़कर रखती हैं  
वो माँ हैं बंजर जमी से भी
 नमी जोड़कर रखती हैं!!

©madhavi #LifeCalculator
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

बड़ी बिडम्बना हैं, बापू तेरे समाज में
यहाँ तो "परिन्दे "भी , कैदी हैं..!!

©madhavi #gandhijayanti
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

सब कुछ पीछे छोड़ा
एक "कदम "आगे की चाह में
सब" बिखर" गया


कुछ "समेटने "की चाह में!!

©madhavi #bachpan
469f94e978e1890ab398939286b672f8

madhavi madhu

रौशनी उनकों मुबारक जो
उजालों के शौकीन हैं

अंधेरे से कैसा डर
जो जिंदगी का हिस्सा हैं..!!

©madhavi #Light
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile