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madhurao7745
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Madhu Rao

क्या फ़िक्र करनी, कि मरने के बाद कहाँ जगह मिलेगी जहाँ सच्चे लोगों की महफ़िल लगी हो , मेरी रूह वहीं मिलेगी .

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Madhu Rao

बंदिशों के  इस जमाने में 
उडा़न के लिए पंख बाकी है ।

©Madhu Rao #Childhood
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Madhu Rao

अच्छा लगता है ....

#nidafazli

अच्छा लगता है .... #nidafazli #Poetry

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Madhu Rao

आने वाले कल के लिए
आज को पीछे छोड़ रहे हैं लोग,
एक ऊंचे मुकाम की खातिर
कितना नीचे उतर रहे हैं लोग।

©Madhu Rao #Down 

#Light
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Madhu Rao

सूरमे कि तरह पिसा है हमें हालातों ने 
तब जा के चढ़े हैं लोगों की निगाहों में

©Madhu Rao #high
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Madhu Rao

#MessageOfTheDay धूप में भी कुछ जल
यूँ हर साये में न ढल,
गम की नहीं आवाज कोई
कागज काले करता चल ।

©Madhu Rao #positivevibes 

#Messageoftheday
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Madhu Rao

#MessageOfTheDay क्यों  एक दूसरे को छोड़ने में लगे हैं 
एक दिन सब अपने आप छूट जाएगा ,
मिटा के गीले शिकवे आओ एक बार मिलते हैं
क्योंकि जो चला गया वो लौट कर नहीं आएगा।

©Madhu Rao दूरियाँ अच्छी नहीं .........

#Messageoftheday

दूरियाँ अच्छी नहीं ......... #Messageoftheday

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Madhu Rao

#5LinePoetry मैंने जब उस पार जाने की कोशिश की
लहरों ने भी ठहरने की कोशिश की
खुशियाँ तब इस दर का रास्ता भूल गई 
 वक्त जब हमने बदलने की कोशिश की ।

©Madhu Rao #5LinePoetry
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Madhu Rao

#5LinePoetry  कल तक पेड़ काटकर हमने पैसे कमाए
आज उन्हीं पैसों से हवा खरीद रहे हैं
ऊंची ऊंची इमारतें बनाई , सूकुन का एक कोना ढूंढ़ रहे हैं
कुदरत से हमनें अनगिनत अपराध किए हैं
#Karma उनका हिसाब ले रहे हैं ।

©Madhu Rao #Karma 

#5LinePoetry
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Madhu Rao

बुरा दौर है , गुजर जाएगा
बिखरा हुआ है , सब संभल जाएगा 
ऊपर वाला खफा़ है ,  एक दिन मान जाएगा 
इंसान है हो गई गलती , अब  सुधर जाएगा ।

©Madhu Rao #hope

#JumuatulWidaa
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Madhu Rao

प्रकृति से मिलने वाली आक्सीजन
आज सिलेंडर में बंद हो गई ,

 रुकती हुई साँसों को चलाने के लिए
शहर शहर में इसकी कीमत बढ़ गई
 
देखते ही देखते एक बार फिर
बस्ती बस्ती में कैद हर हस्ती हो गई

जिदंगी फिर से मंहगी ओर
दौलत सस्ती हो गई ।

©Madhu Rao #Oxygen #life 

#Nodiscrimination
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