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neha9213191879858
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probably me.

🌻

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probably me.

White खुशी...
कितनी भयावह है!
हृदय विदारक होती
तुम्हारे या मेरे 
होंठों का खिंचाव |

©probably me.
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probably me.

White  संसार भर की आँखों में रहे तुम ...
और बहते रहे बूँद - बूँद ।
मेरे मन के समंदर में  तुम
कहाँ विलिन हो चले ?
ओ मेरे आँसू!
अब बह भी जाओ...

©probably me.  poetry quotes

poetry quotes #Poetry

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probably me.

अभी तो मैं ने फ़क़त बारिशों को झेला है 
अब इस के ब'अद समुंदर भी देखना है मुझे

 आरिफ़ इमाम🌻

©probably me. #DropinOcean
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probably me.

White .मुझसे नहीं पूछा गया 
क्या बनना चाहते हो? 
बस बना दिया गया मनुष्य 
जबकि बनाया नहीं जा सकता
 किसी को मनुष्
   यदि पूछी जाती मेरी इक्षा 
तो मैं वह ज़िद बनना चाहता 
जो कोई बच्चा सड़क के आवारा कुत्ते को 
पालने के लिए करता है 
या वह बहाना जो कोई लड़की 
देर से घर आने पर बनाती है 
मैं चिड़िया के चोंच में दबा 
तिनका बनना चाहता था 
या बरसात की काग़ज़ वाली नाव 
या किसी बूढ़े आदमी की याद्दाश्त 
या अपनी माँ की आँखों में सोया हुआ पानी 
या अपनी प्रेमिका की चुप्पी 
या अपने पिता के पाँव की बिवाई 
और अगर ये सब कुछ न संभव हो पाता बनना 
तो आसमान का वह तारा ही बन जाता 
जो हर रात टूटता है 
और लोग आँखें बंद करके 
कभी न पूर्ण होने वाली अपनी इच्छाएँ बुदबुदाते हैं 
पर अफ़सोस पूछा ही नहीं गया मुझसे 
क्या बनना चाहते हो?

_अनुराग अनंत

©zindagi with Neha
  इक्षा.... अनुराग अनंत

इक्षा.... अनुराग अनंत #Poetry

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probably me.

Village Life मन करता है,
एक लम्बी, अकेली 
यात्रा पर निकल जाऊं ।
तब याद आता है,
इतने बरसों से 
उसी यात्रा में हूं ।

_गीत चतुर्वेदी

©zindagi with Neha
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probably me.

White मैंने पढ़ना चाहा
 वाक्यों के इतर
 वह सब जो अपठनीय रहा...
 मैंने पीड़ाओं को चाही थी आवाज देनी 
मजबूरीयों को कलम पकड़ाना चाहा ।
 मैंने मुस्कान के लिए 
तलाशें होंठ
 और प्यास में पूरी रेत खंगाली...
 मैंने चाहा-
क्रंदन, व्यथा, आंसू 
 क्रमशः मिल बैठे 
संगीत, पहार और सागर से l
मैंने "कुछ नहीं " में 
सब कहना चाहा...
 पूरा का पूरा जीवन खोजा,
 जीने के लिए।
 और एक दिन 
'खोजी' से 'जीवन' बना
 एक दिन मैंने तुम्हें खुद में जिया था !!!

                               _ मैं🌻

©zindagi with Neha
  एक दिन...

एक दिन... #Poetry

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probably me.

जब कभी मेरी याद आए तो कोई किताब उठाना
और उसे पढ़ना शुरू कर देना

 किसी भी भाषा का कोई भी शब्द
तुम्हें अंततः  मुझ तक ही पहुंचाएगा

_ गीत चतुर्वेदी

©zindagi with Neha
  #Books
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probably me.

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probably me.

उस ने कहा -
'सुन !
अहद निभाने की ख़ातिर मत आना।
अहद निभाने वाले अक्सर ,
मजबूरी या महजूरी की थकन से लौटा करते हैं ।
तुम जाओ ,
और दरिया दरिया प्यास बुझाओ...
जिन आँखों में डूबो ,
जिस दिल में उतरो...
मेरी तलब आवाज़ न देगी ।
लेकिन जब मेरी चाहत 
और मिरी ख़्वाहिश की लौ...
इतनी तेज़ और इतनी 
ऊँची हो जाए...
जब दिल रो दे 
तब लौट आना '!!!

- अहमद फ़राज़

©zindagi with Neha
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probably me.

दोनों ओर प्रेम पलता है।
सखि, पतंग भी जलता है
हां! दीपक भी जलता है।

सीस हिलाकर दीपक कहता - 
’बन्धु वृथा ही तू क्यों दहता?’
पर पतंग पड़ कर ही रहता
कितनी विह्वलता है
दोनों ओर प्रेम पलता है।

बचकर हाय! पतंग मरे क्या?
प्रणय छोड़ कर प्राण धरे क्या?
जले नहीं तो मरा करे क्या?
क्या यह असफ़लता है? 
दोनों ओर प्रेम पलता है।

कहता है पतंग मन मारे- 
’तुम महान, मैं लघु, पर प्यारे,
क्या न मरण भी हाथ हमारे?
शरण किसे छलता है?’
दोनों ओर प्रेम पलता है।

दीपक के जलने में आली,
फिर भी है जीवन की लाली।
किन्तु पतंग-भाग्य-लिपि काली,
किसका वश चलता है?
दोनों ओर प्रेम पलता है।

जगती वणिग्वृत्ति है रखती,
उसे चाहती जिससे चखती;
काम नहीं, परिणाम निरखती।
मुझको ही खलता है।
दोनों ओर प्रेम पलता है
 
   - मैथिलीशरण गुप्त

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