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dhruvbaliakadarv8461
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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

A Renowned Author , Shayar, Lyricist, Composer, Comparee, Ghazal writer, Singer , Trainer, Graphologist, Vastu Shastri , Consultant, Motivational speaker & Technocrat. Contact n Whatsapp --8754822401.

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

कण कण में  हो देशभक्ति और वीरोँ  का गुणगान  रहे
सर्व धर्म सम  भाव की थाती  पर हमको अभिमान  रहे
ऐसा अपना राष्ट्र  बने जो सबके लिये मिसाल  रहे 
प्रगति,विकास, आत्मनिर्भरता बढती सालों  साल रहे
भारत  माँ  की कीर्ति  बढे  और सदियों तक सम्मान रहे
पूरे विश्व  में  सदा सर्वदा अपने देश का मान रहे 
कर जायें कुछ  ऐसा जिससे अपने देश की शान रहे # देश हमारा

# देश हमारा

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

शहरों में चौराहों पर  तो  यहां  खासी गज़ब की भीड़  है 
लोगों के   दिलों में  देखो  किस कदर की  गहरी वीरानी  है
कहाँ हैं  वो लोग जो   मिल कर ह॔सते थे ,  गले लगते थे 
आज तो लगता है कि खुल कर मुस्कुराना  भी बेइमानी है 
आओ कि फिर से मुहब्बत को दिलों  तक लाने का इंतजाम करें 
 यही तो  ऐ मेरे  अजीज  यहाँ  पहली जरूरत  ए जिन्दगानी है
चलो कुछएक  क़ैद परिंदो को  रिहाई देदें , उनकी परवाजों को आज़ाद करें 
जिनके  पंखों  के नीचे  है ये दुनिया  है और  मंज़िल भी आसमानी है #इबारत
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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

वो जो एहसास खुशबुओं से मिल गये जाकर
उन्हीं को मिल करके हर सुबह मुस्कुराती है..
जमीं से दूर आसमानों की पनाहों में भी
यकीन बन कर के  कौंध जाती है  
ये कौन है जो जुगनुओं से मिल कर के
सूरज से आंखें मिलाती है आवाज़ उठाती है
जवां दिलों में छुप के  रहा करती है
वक्त आने पर  साफ़ नज़र आती है 
नयी हो राह कि वो सम्त एक  पुरानी हो 
सूखे पेडों मे भी हरियाली सी बिखर जाती है
ये वही हिम्मत है जिसमें आदमियत की  
रूह  हर  रोज बेहतरी से  निखर जाती है... # हिम्मत

# हिम्मत

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

बहुत अलहदा हैं ये अंदाज़ दानिश , समंदर की  लहरों की तरह मचल के 
कभी ढूंढ लाते हैं यादें मेरी वो , कभी डूब जाते हैं उनमें ही ढल के
कभी सीप मानिंद  मोती बनाते  ,कभी बन के आते हैं ख्वाबों से हलके
कभी तितलियों की तरह  बन के  रंगीं , लुभातेे रहे मेरे जज्बों से मिल के
यही तो कशिश है तेरे पैरहन मैं , के मैं जैसे खोया हूं   दीवानेपन मे
तुम्हीं मेरा कल थे ,तुम्ही मेरा कल हो ,तुम्ही  मेरे एहसास हो आजकल के
तुम्हारी निगाहो मे है जिंदगी भी , तुम्हारे लिये है हरेक बंदगी भी 
मेरे सारे अरमान तुम तक  हैं जाते  ,औ रह जाते हैं तुम सेे मिल कर पिघल के
ये कैसे हुआ है ,ये कब से हुआ है, नहीं मुझ को मालूम   पर  यूं  हुआ है 
कभी गीत बन के ,कभी मीत  बन के  , तुम्ही  हो  वो अल्फाज  मेरी गज़ल के मेरी गज़ल

मेरी गज़ल

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

आप सब चाहने वालों का तहे दिल से शुक्रिया कि आपने मेरी  किताब  'बज्मे - सुकून '
को अपनी जिंदगी  का एक हिस्सा समझ कर तरजीह दी .मेरी हमेशा से यही कोशिश रही है और रहेगी कि मैं आप तक उन बेहतरीन गजलों और  नग्मों  को पहुंचाता रहूं जो आप को  सुकून के रास्तों पर वापस लाते रहें.....आमीन बज्मेे सुकून

बज्मेे सुकून

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

आज फिर कोशिशें की  मैने कुछ भुलाने की
वो तुम थे या कि कोई याद थी  जमाने की 
होश मैं रहता हूं मै मयखानों  में  भी ऐ साकी
तुमहारी नज़रों ने  एक  वजह दी  बहक जाने की
वो मेरा हम राज  ऐसी  खामोश जगह रहता  है
ख्वाब टूटें भी तो  आवाज़ आती है बिखर जाने की 
मैं आज  कल को  जरा थाम  के  बैठा हूं  यहां 
कोशिशें कर रहा हूं  मैं -फ़लक को ज़मी पे लाने की 
मैं यकीनन  तमाम औरों से अलग हूं दानिश,
मेरी आदत है  तलातुम ओ तूफां  से दिल लगाने की , कोशिश...

कोशिश...

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

मेरे सभी चाहने वालों के लिये

आपकी सुबहें  हसीन हों शामें खुशगवार रहें
गम हों तो बहुत कम हों खुशियां बेशुमार रहें
आबो हवा मे हमेशा खुशबुओं की रफ्तार रहे
दोस्तों की  महफिलें आपसे ही  गुलज़ार रहें
वक्त का यूं तो सभी ताउम्र  इंतेजार किया करते हैं 
आप वहॉ पहुंचें जहॉ वक्त को आपका इंतेजा़र रहे
मेरी दुआ है आप की  सारी आसाइशों में  'दानिश' 
कमाले  कुदरत ओ रहमत , शामिल हरेक बार  रहे
आप. जहां भी हों ,जैसे भी हों ,जो भी हों  साहिबान
आप के  करीब  हमेशा ,हर सम्त , नूरे परवरदिगार रहे ..... एक दुआ सभी  Followers के लिये

एक दुआ सभी Followers के लिये

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

-किसी हंसी के दिल की जगह पत्थर हो ये मुमकिन ही नहीं 
हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है
लोग आँखों से दिल का अंदाज़   पता  करते हैं
जबकि चेहरे से दिल का हरेक तार अलग होता है
हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है
जरूरत ये भी नहीं वो सबसे हंसीं  हो दुनियां में 
अपने हमनशी  पे दिल का ऐतबार  अलग होता है 
हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है
हकीकत में कसमों वादों  का सिलसिला  है ये मुहब्बत 
पर चाहतों का पहला इकरार  अलग होता है 
हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है
जमीन  आसमां की पनाहों मे नहीं  इसको सुकून
महबूब की बाहों का मगर हार अलग होता है
हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है
यूँ तो  हैं  हंसी  लाखों  जो नजरों से  गुजर  जाते हैं 
पर कुछ एक  किरदारों   का दीदार  अलग होता है 
हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है हकीकत है

हकीकत है

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

...
मां........
इबादत क्यूं न करूं मैं उसकी एे  दानिश जिसने
मन्नतें  मांगी रब से  मेरी सारी बलाऐ लेकर
जिसने मुझको अपनी बाहों मे  सुलाया खुद की  नींदे  खोकर
आज भी उठ जाती है सवेरे से कई एक नई उलझनें लेकर
तुम्हारे बस का नहीं उसकी बातों को समझना , यकीं मानो
 मां अब भी ज़माने  से बहुत अच्छी है....
उसे है फिक्र घर के हरेक कोने की , 
हरेक के जागने की हरेक के  सोने की
उसे है फिक्र है बच्चों के बड़े होने की
उऩके अपने  पैरों पे  खड़े होने की 
औऱ तुम ये कहते हो दुनियादारी में जरा कच्ची है
तुम्हारे बस का नहीं उसकी बातों को समझना , यकीं मानो
 मां अब भी ज़माने  से बहुत अच्छी है....
वो  जिस के  दूध का कर्ज तुम चुका नहीं सकते 
वो जैसे अपना दर्द छिपाती है तुम छुपा नहीं सकते
उसी की सीख है जो दुनिया का सामना कर सकते हो
औऱ तुम ये बात मान लो कि बात यही सच्ची है
तुम्हारे बस का नहीं उसकी बातों को समझना , यकीं मानो
 मां अब भी ज़माने  से बहुत अच्छी है.... मां...

मां...

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Dhruv Bali aka Darvesh Danish

मंजिलें वो भी उसने तय की हैं, जो थीं नामुमकिन, 
उसने ज़मींन को ,  आसमान करके रखा है... 
मेरे वजूद का एक हिस्सा है वो भी दानिश 
पर मेरी जिंदगी  को इक इम्तहान  कर के रखा है
सच को सच ही कहता है, झूठ बोलता ही नहीं, 
सारी बस्ती  को  भी पशेमान करके रखा है... 
ये दुनिया इश्क को कत्ल करने पे आमादा है, 
उसने इस दिल को इश्क का सामान करके रखा है.. 
मुझसे क्या पूछते हो , मुझको पता है उसका पता
मेरे साथ ही उसने , अपना मकान करके रखा है.. 
वो आप ही के अंदर है,  उसको कहते हैं ज़मीर, 
जिसने इंसान को आज भी, इंसान करके रखा है.... कौन है वो

कौन है वो

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