#रूस्ती:अच्छे भले सोया करते थे कभी,
आखिर कौन होते होंगे वो लोग जो रातों की नींद उड़ा ले जाते हैं।।
प्रभात: सपने, उम्मीद, गम और जिम्मेदारियों का न पूरा होने का एहसास ,यही हैं वो लोग
"Prabhat ki poetry"
#prabhatkipoetry#iamthebest
धीरे-धीरे खुद से जो छूट रहा हूँ मैं।
आखिर ये किस दर्द से जूझ रहा हूँ मैं।।
मुद्दतों बाद कोशिश की थी मुस्कुराने की।
अपनी हर कोशिश के बाद फिर से रूठ रहा हूँ मैं।।
ये मुझे किस बात का गुमान चढ़ा हुआ है।
जो तुम्हारी गलियों में खुद ही खींच रहा हूँ मैं।।
अब हार भी जाऊं और मान भी लूं कि एक बार जो चला जाए, मिला नहीं करता।
पर पता नहीं क्यूँ उम्मीद के दिये तूफानो में सींच रहा हूँ मैं।।
धीरे-धीरे खुद से जो छूट रहा हूँ मैं।
आखिर ये किस दर्द से जूझ रहा हूँ मैं।।
मुद्दतों बाद कोशिश की थी मुस्कुराने की।
अपनी हर कोशिश के बाद फिर से रूठ रहा हूँ मैं।।
ये मुझे किस बात का गुमान चढ़ा हुआ है।
जो तुम्हारी गलियों में खुद ही खींच रहा हूँ मैं।।
अब हार भी जाऊं और मान भी लूं कि एक बार जो चला जाए, मिला नहीं करता।
पर पता नहीं क्यूँ उम्मीद के दिये तूफानो में सींच रहा हूँ मैं।।
Prabhat Chantola
I rubbed my hand when loosed a tie.
It is too hard to remain high.
I actually try I actually try.
But this heart never wanna separate from your side.
I engage myself at work right.
There is something free span which make me fright.
Ya here is always all bitter night.
When I tried to sleep tight but eyes betrayed and mind fight.
I rubbed my hand when loosed a tie.
It is too hard to remain high.
I actually try I actually try.
But this heart never wanna separate from your side.
I engage myself at work right.
There is something free span which make me fright.
Ya here is always all bitter night.
When I tried to sleep tight but eyes betrayed and mind fight.
Prabhat Chantola
#prabhatkipoetry#missingyou#nocaptionrequired#d#UnMe#lobefeelings
I rubbed my hand when loosed a tie.
It is too hard to remain high.
I actually try I actually try.
But this heart never wanna separate from your side.
I engage myself at work right.
There is something free span which make me fright.
Ya here is always all bitter night.
#prabhatkipoetry#missingyou#nocaptionrequired#d#UnMe#lobefeelings
I rubbed my hand when loosed a tie.
It is too hard to remain high.
I actually try I actually try.
But this heart never wanna separate from your side.
I engage myself at work right.
There is something free span which make me fright.
Ya here is always all bitter night.
Prabhat Chantola
#prabhatkipoetry
पुलमाना मैं दुखद घटना के बाद।।
मेरी चंद पंक्तियों से ये पुकार।।
कोई निंदा करें,माँ चिंता करे।
आखिर मेरे जवान कब तक फोकट मे मरे।।
कोई मोमबत्तियाँ जलाए,कोई प्राथनाएं गाएँ।
आखिर आतंक कब तक मेरे मुल्क को यूँ ही गंदा करें।।
क्या है उपाय , आखिर कब तक हम चर्चा करे।
#prabhatkipoetry
पुलमाना मैं दुखद घटना के बाद।।
मेरी चंद पंक्तियों से ये पुकार।।
कोई निंदा करें,माँ चिंता करे।
आखिर मेरे जवान कब तक फोकट मे मरे।।
कोई मोमबत्तियाँ जलाए,कोई प्राथनाएं गाएँ।
आखिर आतंक कब तक मेरे मुल्क को यूँ ही गंदा करें।।
क्या है उपाय , आखिर कब तक हम चर्चा करे।
Prabhat Chantola
पूरे ८महीने ग्यारह दिन और पन्द्रह घंटों के बाद।
कौशाम्बी मेट्रो पर मेरा तुम्हारा करना इंतजार।
पता है तेरी एक झलक पाने को कब से था मै बेकरार।
वो खाने की टेबल पर तुम संग बैठकर यार।
तुम्हें बहाने से छूकर खुद को दिलाना ये विश्वास।
कि देखो मेरा ढिशुम मुझसे मिलने आया है यार।
वो तुमको कोल्ड काफी पीते हुए देखना।
बस इतना ही करता हूँ मै तुझसे प्यार।।
पूरे ८महीने ग्यारह दिन और पन्द्रह घंटों के बाद।
कौशाम्बी मेट्रो पर मेरा तुम्हारा करना इंतजार।
पता है तेरी एक झलक पाने को कब से था मै बेकरार।
वो खाने की टेबल पर तुम संग बैठकर यार।
तुम्हें बहाने से छूकर खुद को दिलाना ये विश्वास।
कि देखो मेरा ढिशुम मुझसे मिलने आया है यार।
वो तुमको कोल्ड काफी पीते हुए देखना।
बस इतना ही करता हूँ मै तुझसे प्यार।।