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BLK

i m the greatest person in this world. but i no have igo.....😊

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BLK

गैरों से बेशक मिलो मगर फासला रखना
लूट लेते हैं लोग यहां अपना बनाकर।

माफ़ी मांग भी लिया करो
माफ भी कर दिया करो।
खुश रह ना पाओगे 
गिले शिकवे दिल में दबाकर।

बुरी सोहबातो में 
गुजार दिए कई दिन
कीमत अब समझ अाई वक्त की
वक्त गवाकर।

काम जो भी करो
सोच समझ के करना
जो किया वहीं देगी जिंदगी 
आइना दिखाकर।

मां बाप के पैसे से 
ख़्वाहिशें पूरी करने वालों
उनकी जरूरतें ही पूरी कर देना 
खुद कमाकर।

*बबलेश कुमार*
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माँ 
औलाद की खुशी के खातिर
हर दर्द सहने को रहती तैयार।
जो यह सहती,
सह ना पाए कोई करतार।
अपने सुख दुख से वो अनजान होती हैं।
संतान में ही बसी,उसकी जान होती हैं।
सच में माँ..महान होती  हैं ।

रोता है जब तू,सीने से लगाती माँ 
अपने हिस्से का निवाला, तुझे खिलाती माँ 
तेरी गलतियां पिता से छिपाती
तेरी हर डाट-फटकार बचाती 
तेरे लिए ही तो पगले
बेवजह बदनाम होती हैं।
सच में माँ..महान होती हैं।

उसकी हर दुआ,मन्नत व्रत और उपवास में
तेरी खुशी की फरियाद होती हैं।
उसकी हर हिचकी में तेरी याद होती हैं।
तेरी सलामती की दुआ
उसके लबों पे सुबहो शाम होती हैं।
सच में माँ..महान होती हैं।

*बबलेश कुमार*🙏🏻🙏🏻 #माँ
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फ़ुरसत नहीं या याद आती नहीं
बहाने रोज़ यूं बनाया ना करो

मसला यह है कि तुम याद करते नहीं
हमें भी रोज़ यूं याद आया ना करो

चेन से सोने दो हमें भी रातभर
ख्यालों में रोज़ यूं सताया ना करो

हमारी ही गली से गुजरते हो क्यूं रोज़
बेचैन दिल को यूं धड़काया ना करो

दोस्ती ही है या मोहब्बत,उलझन तो है
राज़ जो भी हो दिल में यूं दबाया ना करो

दिल के दरिया में उफान सा आता है
कातिल अदा से रूबरू यूं मुस्कुराया ना करो

जब भी मिलो सिद्दत से गले लगाओ मकबूल
अदब से हाथ अब यूं मिलाया ना करो।

*बबलेश कुमार*😊
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*परिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहब को समर्पित  रचना*
*बाबा साहब अमर रहें*👏🏻👏🏻
 
कर्म क्षेत्र की इस दुनिया में
कर्म सभी करने आते है।
कोई खुद डूब जाते है
कोई औरो को भी पार लगाते हैं।
ऐसा एक मानवता का मसीहा
भारत भूमि पर आया
तोड़ी मनुवाद की बेडियाँ 
मानव को मानव होने का एहसास दिलाया
शिक्षा और समानता के लिए
जो लडे जीवनभर डटकर
प्यार से कहते है लोग इन्हें
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर

इनकी कोशिशों को मालूम था
मनुवाद से कैसे लड़ना है
संकल्प एक यही था मन में
सबको समता का अधिकार दिलाना है।
मुश्किलों ने इरादों को 
जीवनभर आजमाया
कदम कदम पर मनुवादियों ने सताया
कोशिशें लाख की इनको गिराने की
मगर वो क्या गिरते
जिनको ठोकरों ने ही चलना सिखाया
मुश्किलों से जो घबराए नहीं
बढ़ते कदम पीछे हटाए नहीं
नाम कर दिया पूरे जहान में
मैं शीश झुकाता हूं
बाबा साहब के सम्मान में
गर्व से कहता हूं
 बाबा साहब की शान मे
चांद तारों की उपमाएं भी 
कम है बाबा साहब के सम्मान में
ये धरती ,ये गगन जब तक रहे
बाबा साहब का इतिहास अमर रहें
अमर रहें.... जय भीम🙏🏻🙏🏻


*बबलेश कुमार*

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#HappyChildrensDay  वो हसीन गुजरा दौर,
फिर याद आ गया।
 
हम भी कभी 
राजा थे।
बंदूके थी, सेना थी, 
पूरा गांव रियासत थी।

रियासत में दिन रात
हमारे ही शोर थे।
हम कभी सिपाही
तो कभी चोर थे।

अफसोस! 
हम थोड़े सयाने
क्या हुए
वो बचपन का 
दौर ही गुजर गया।..BLK📝😌 बचपन पर हमारी एक छोटी सी कोशिश यह पंक्तियां

बचपन पर हमारी एक छोटी सी कोशिश यह पंक्तियां #happychildrensday

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काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।
जीवन हो समरस प्रेम भरा।
ना हिंदू हो ना मुसलमान
सब बन जाए 
केवल और 
केवल इंसान।

सरहदें हटे बेर भाव मिटे
धर्म जात पात के बंधन कटे
शांति सद्भाव मैत्रीपूर्ण हो धरा

काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।

चारों ओर खुशहाली, हरियाली हो।
सदा प्रेमरस झरे ऐसी जन-जीवन प्याली हो।
सुख दुख में साथ निभाए
कोई जेब ना खाली हो

फल फूल धन-धान्य से परिपूर्ण हो धरा
काश! प्रेममय हो सम्पूर्ण धरा।..BLK

*बबलेश कुमार* my new poem

my new poem

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काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।
जीवन हो समरस प्रेम भरा।
ना हिंदू हो ना मुसलमान
सब बन जाए केवल 
और 
केवल इंसान।

सरहदें हटे बेर भाव मिटे
धर्म जात पात के बंधन कटे
शांति सद्भाव मैत्रीपूर्ण हो धरा 

काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।

चारों ओर खुशहाली, हरियाली हो।
सदा प्रेमरस झरे 
ऐसी जन-जीवन प्याली हो।
सुख दुख में साथ निभाए
कोई जेब ना खाली हो
फल फूल धन-धान्य से परिपूर्ण हो धरा
काश! प्रेममय हो सम्पूर्ण धरा।..BLK

*बबलेश कुमार*

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हजारों खुशियां भी 
कम पड़ जाती हैं
एक गम को 
भुलाने के लिए

एक गम
सिर्फ एक ही गम  
काफी है
जिंदगी भर
रुलाने के लिए ...

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तुम इजाजत तो दो
करीब आने की
बहुत हसरत है 
तुम्हें गले लगाने की

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मेरी एक
 छोटी सी बात मानलो
लम्बा है सफर 
मेरा हाथ थाम लो

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