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vaibhavjain1268
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VaibhavJain

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VaibhavJain

तुम कहती हो न बहुत तकलीफ होती है
तुम्हे मेरी शायरी से
तो आज तोड़ रिश्ता मेरा इस कलम से
रुख अपना मोड़ ले
लिख मेरी मौत इस क़लम से
और ये कलम ही तोड़ दे......
-VAIBHAV JAIN
(JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

इस देश के संत/महाराज भी क्या खूब
धर्म का प्रचार कर रहे हैं
धर्म को ढाल बनाकर अपनी
लड़कियों की अस्मिता से खिलवाड़ कर रहे हैं
-VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

बचपन खर्च कर दिया
ज़िम्मेदारियाँ उठाने में
जवानी खर्च कर दी
पैसा कमाने में
आया जब मौका परिवार के साथ
बैठकर खाने का,
बेटे-बहु ने घर से बाहर निकाल दिया
दर-दर की ठोकरे खाने को ज़माने में
-VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

खुदखुशी गुनाह है साहेब
इसलिए हमने इश्क़ कर लिया
ऐसे हमने ये गुनाह भी कर लिया
और कतरा - कतरा ख़ूबसूरती से खुदको
तबाह भी कर लिया
-VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

शराब का नशा क्या छीन लेगा हमसे
हमने तो उनका नशा भी
करके देख लिया,
वो कोनसा ज़िन्दगी बख़्श गए हमें??
-VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

कुछ प्यार अपने माँ-बाप से भी निभा लिया करो
मेहबूबा को तो खिलाते हो
अपने हाथों से खाना
कभी कुछ वक़्त निकालकर
माँ-बाप के साथ बैठकर भी
खाना खा लिया करो ।।

VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

ज़माने के सामने पलट गयी वो
और सारी गलतियाँ उसकी
मेरे नाम हो गयीं
बेवफाई कर मेरे प्यार की ऐसी
कीमत वसूल की उसने
की मेरी क़ब्र तक नीलाम हो गयी

-VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

वो शौक से भीख नहीं
माँग रहा है साहेब
वो मज़बूरी में तुम्हारी
चौखट पर आया है
कुछ खिला दोगे उसे तो तुम्हारा
कुछ कम नहीं होगा
वो साथ में दुआओं का खज़ाना
भरकर लाया है❤

-VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

होती थी बीमार वो जब
दवाइयाँ ले लेकर उसके पीछे
भागा था मैं,
देकर उसको अपना सुकून और चैन
ना जाने कितनी ही रातें जागा था मैं
VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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VaibhavJain

मेरी ज़िन्दगी में तुम्हे लाया है
मुक़म्मल नहीं होनी थी हमारी प्रेम कहानी
फिर भी देखो हमें मिलाया है
तेरा मासूम चेहरा और उसपर
वो काला तिल भी क्या
ख़ूबसूरती से सजाया है
खुदा ने भी मुझे बर्बाद करने का
क्या हसीन जाल बिछाया है......
-VAIBHAV JAIN (JAZBAAT_ALFAAZ_MEIN)

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