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storytellerkumar7416
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Storyteller Kumar Shantnu

Hi I am kumar shantnu. I am a co-author of novel "Emotional Pollution" And a writer and storyteller. I write poetry, films, short stories, lyrics ans dialogues.

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Storyteller Kumar Shantnu

तेरी उस खिडक़ी के पार कई राज दफ़न है। 
और मेरे दरवाजे के बाहर बिछा कफ़न है। 

मैं उस सच से सफेद कफ़न को बांध कर आँऊगा 
और तेरे काले झूठे पर्दो का पर्दाफाश कर जाँऊगा। "कफ़न" तेरी उस खिडक़ी के पार कई राज दफ़न है। और मेरे दरवाजे के बाहर बिछा कफ़न है। मैं उस सच से सफेद कफ़न को बांध कर आँऊगा और तेरे काले झूठे पर्दो का पर्दाफाश कर जाँऊगा। 

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"कफ़न" तेरी उस खिडक़ी के पार कई राज दफ़न है। और मेरे दरवाजे के बाहर बिछा कफ़न है। मैं उस सच से सफेद कफ़न को बांध कर आँऊगा और तेरे काले झूठे पर्दो का पर्दाफाश कर जाँऊगा। #window #Poetry #Nojoto #storytellerkumarshantnu #Hindi #liar

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Storyteller Kumar Shantnu

क़फन तेरी उस खिडक़ी के पार कई राज दफ़न है। और मेरे दरवाजे के बाहर बिछा कफ़न है। मैं उस सच से सफेद कफ़न को बांध कर आँऊगा और तेरे काले झूठे पर्दो का पर्दाफाश कर जाँऊगा।

क़फन तेरी उस खिडक़ी के पार कई राज दफ़न है। और मेरे दरवाजे के बाहर बिछा कफ़न है। मैं उस सच से सफेद कफ़न को बांध कर आँऊगा और तेरे काले झूठे पर्दो का पर्दाफाश कर जाँऊगा।

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Storyteller Kumar Shantnu

 वो बेगैरत अब किसी ओर के बादलो में भीगती है 
एक बार मेरी बरसती आँखों को भी जो छूआ होता 
तो जान जाती तेरी बेवफाई में
ये किस कदर चीखती है।

पर अब जरा दूरी बनाए रखना 
इन आँखों में अब पानी नहीं    आग है 
जल चुकी है तू भीतर मेरे

वो बेगैरत अब किसी ओर के बादलो में भीगती है एक बार मेरी बरसती आँखों को भी जो छूआ होता तो जान जाती तेरी बेवफाई में ये किस कदर चीखती है। पर अब जरा दूरी बनाए रखना इन आँखों में अब पानी नहीं आग है जल चुकी है तू भीतर मेरे

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Storyteller Kumar Shantnu

बीती बातो की, भूली यादों की लकडियाँ बना कुछ कोरे सफेद पन्नों का क़फन उढ़ा, मैं अपनी मोहब्बत को जला आया हूँ और जली अस्थियों का एक हिस्सा मैं बहा आया हूँ, पानी में बूँद की तरह एक किस्सा

बीती बातो की, भूली यादों की लकडियाँ बना कुछ कोरे सफेद पन्नों का क़फन उढ़ा, मैं अपनी मोहब्बत को जला आया हूँ और जली अस्थियों का एक हिस्सा मैं बहा आया हूँ, पानी में बूँद की तरह एक किस्सा

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Storyteller Kumar Shantnu

 सुनो, शहर में बहुत शोर है
पता तो करो, क्या हो रहा है। 

सुना है कोई सपने बेच रहा है 
पता तो करो, कौन सो रहा है

आँखो के आँसू तो कबके सूख गए है सबके 
पता तो करो, कौन है जो अभी भी रो रहा है

सुनो, शहर में बहुत शोर है पता तो करो, क्या हो रहा है। सुना है कोई सपने बेच रहा है पता तो करो, कौन सो रहा है आँखो के आँसू तो कबके सूख गए है सबके पता तो करो, कौन है जो अभी भी रो रहा है #Poetry #Hindi #writers #hindipoetry #storytellerkumarshantnu

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Storyteller Kumar Shantnu

  #2liners  #hindipoetry #poetry #storytellerkumarshantnu
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Storyteller Kumar Shantnu

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Storyteller Kumar Shantnu

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Storyteller Kumar Shantnu

सवेरा सूरज रोशनी हकीकत - गुम #5words #nojoto #storytellerkumarshantnu
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Storyteller Kumar Shantnu

चाँद की कटोरी


इस रात मैं फिर तनहा
कटोरी से अधूरे चाँद में अधूरे से अपने सपनो को छोटे छोटे जगमगाते तारों के नीचे
अपनी आँखों को खोले देख रहा हूँ

उस आधे कटोरी से चाँद
से अँधेरे की तरह बिखर रहे अपने सपनो को समेट रहा हूँ

कुछ हाथ लगे अधूरे से अँधेरे से सपनो में जो तारो से जगमगाते, 
वो तुम थे जिसे मैं अपनी बार बार झपकती आँखों से देख रहा हूँ

हाँ मैं अपने अधूरे से अंधेरो में सिमटे सपनो को समेट रहा हूँ

पर अब फिर सुबह होने को है जगमगा रहे थे जो सपने
अब सोने को है

हाँ , मैं तुम्हे अपनी आँखों में जलते धुआं बनके उड़ते देख रहा हूँ

अब हर रात मैं उन अधूरे सपनो को अधूरे अँधेरे में समेट रहा हूँ

जो आधी सी जगमग करती रौशनी है मेरे आसमां में , वो तेरी है मैं ये भी देख रहा हूँ ,

लगता है , मैं तुझ में सिमट के खुद को समेट रहा हूँ।


इस रात मैं फिर तनहा
कटोरी से अधूरे चाँद में अधूरे से अपने सपनो को छोटे छोटे जगमगाते तारों के नीचे
अपनी आँखों को खोले देख रहा |

© Storyteller Kumar Shantnu #chand #storytellerkumarshantnu #poetry #nojoto
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