Nojoto: Largest Storytelling Platform
vishal4211300211091
  • 9Stories
  • 48Followers
  • 34Love
    0Views

Vishal

  • Popular
  • Latest
  • Video
51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 Your Life is limited.

Your Life is limited. #nojotophoto

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 आपकी सोच की गुणवत्ता से ही आपके के जीवन की गुणवत्ता तय होती है।

आपकी सोच की गुणवत्ता से ही आपके के जीवन की गुणवत्ता तय होती है।

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 जीवन में कठिनाइयों से भागें नहीं, उनका सामना करें।

जीवन में कठिनाइयों से भागें नहीं, उनका सामना करें। #Quote

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 समस्त शक्ति तुम्हारे भीतर है .... यह विश्वास करो | मत विश्वास करो कि तुम दुर्बल हो | तत्पर हो जाओ | तुममें जो देवत्व छिपा हुआ है, उसे प्रकट करो |

समस्त शक्ति तुम्हारे भीतर है .... यह विश्वास करो | मत विश्वास करो कि तुम दुर्बल हो | तत्पर हो जाओ | तुममें जो देवत्व छिपा हुआ है, उसे प्रकट करो | #Quote

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 ‘उठो, जागो और सोओ मत | सारे अभाव और दुःख नष्ट करने की शक्ति तुम्हीं में है, इस बात पर विश्वास करने ही से वह शक्ति जाग उठेगी |’

‘उठो, जागो और सोओ मत | सारे अभाव और दुःख नष्ट करने की शक्ति तुम्हीं में है, इस बात पर विश्वास करने ही से वह शक्ति जाग उठेगी |’

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 क्षमता और नम्रता ही संसार-संग्राम में विजय दिला सकती है |

क्षमता और नम्रता ही संसार-संग्राम में विजय दिला सकती है |

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 मेरी पहली अनिवार्य शर्त है – जिस किसी वस्तु से आध्यात्मिक , मानसिक या शारीरिक दुर्बलता उत्पन्न हो, उसे पैर की अंगुलियों से भी मत छुओ |

मेरी पहली अनिवार्य शर्त है – जिस किसी वस्तु से आध्यात्मिक , मानसिक या शारीरिक दुर्बलता उत्पन्न हो, उसे पैर की अंगुलियों से भी मत छुओ |

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

 संसार का इतिहास उन थोड़े से व्यक्तियों का इतिहास है, जिनमें आत्मविश्वास था |

संसार का इतिहास उन थोड़े से व्यक्तियों का इतिहास है, जिनमें आत्मविश्वास था | #Quote

51d8a01db6d5f54a78a4f4f8f14aa1fa

Vishal

दूसरों के लिए रत्ती भर काम करने से भीतर की शक्ति जाग उठती है | दूसरों के लिए रत्ती भर सोचने से धीरे – धीरे हृदय में सिंह जैसा बल आ जाता है | स्वामी विवकानन्द - दूसरों के लिए रत्ती भर काम करने से भीतर की शक्ति जाग उठती है | दूसरों के लिए रत्ती भर सोचने से धीरे – धीरे हृदय में सिंह जैसा बल आ जाता है |

स्वामी विवकानन्द - दूसरों के लिए रत्ती भर काम करने से भीतर की शक्ति जाग उठती है | दूसरों के लिए रत्ती भर सोचने से धीरे – धीरे हृदय में सिंह जैसा बल आ जाता है | #Quote


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile