Nojoto: Largest Storytelling Platform
ap2339043978152
  • 63Stories
  • 100Followers
  • 467Love
    4.9KViews

Ap

Not here

  • Popular
  • Latest
  • Video
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

White प्रेम पथिक बन कर यूं ही,
 हम तेरा साथ निभाएंगे।
बस खो कर तेरी यादों में,
अब सबको प्रेम सिखाएंगे।
तुम गर राधा हो जाओ तो
हम भी कान्हा बन जायेंगे।

✍अमित पांडेय

©Ap
  #Krishna
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

White कि उनसे मुहब्बत करने की सजा ये मिली।
के हम फिर कभी खुद से इश्क न कर सके।

जी भर के दुआएं दी थी उन्हे खुश रहने की।
और खुद का दामन खुशियों से भर न सके।

जिए जा रहें है उनसे किए वादे के खातिर।
अफ़सोस है की उनकी तरह हम मर न सके।
अमित पांडेय 




वियोगी

©Ap
  #weather_today
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

ज़िंदगी तुमसे बहुत कुछ कहना है।
कभी तुम आना वक्त निकाल कर।
तुम्हारे रास्ते पर अब तक कैसा चला।
तुम्हे ए जिन्दगी साथ में संभाल कर ।

कभी गम तो कभी खुशियां मिली है।
कभी राहत तो कभी बैचैनियां भी मिली है।
कितना चला हूं अब तक बताना चाहता हूं।
तुमसे मिले हर गम को खुद में ढाल कर।
कभी तुम आना वक्त निकाल कर....

लोगों से सुना है की जिंदगी कट रही है।
अब चाहे जैसी भी है रोज कुछ घट रही है।
चार दिन को जिंदगी का नाम देते है सभी।
फिर क्यों नहीं जीते हैं ईर्ष्या को मार कर।
कभी तुम आना वक्त निकाल कर......

जिसे देखो वो जिंदगी में निराश है।
जबकि जीवन की सारी खुशियां पास है।
दुःख तकलीफ़ तो हिस्सा है न जिंदगी का।
इसका तो रिश्ता लगा रहेगा न दिल्लगी का।
क्यूं नही हम खुश होते हैं दुखों को पार कर।
कभी तुम आना वक्त निकाल कर.....

अमित पांडेय,
25 जून 2023

©Ap #GoldenHour
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

अरे ऐसे यहां वहां मत ढूंढो मुझे,
जंगल का छुपा वीराना नही हूं मैं।
मौका मिले तो बैठो मेरे साथ भी, 
जिंदगी हूं तुम्हारी फसाना नही हूं मैं।

अमित पांडेय

©Ap
  #Missing
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

#Flute
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

एक सपना फिर से आँखों में मर गया।
आज वो फिर से उदास हो के घर गया। 

तरसता रहा एक अदद मुहब्बत को जो,
अंत तक बस तरसते हुए ही मर गया। 

जाने वाला तो आसानी से चला जाता है,
मौत तो उसकी है जो यहीं कहीं रह गया। 

ख्वाब था कि आसमां को छत बनाएंगे,
कीमत सुनकर ये बस सपना ही रह गया।

दो जून की रोटी को दौड़ता निराश बच्चा।
माँ को खुश देख फिर उम्मीदों से भर गया। 

अमित कुमार पाण्डेय 
वियोगी-एक एहसास

©Ap #snowfall
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

गमों के तूफान में अब परिंदे कहां चहकते है,
अच्छी सोहबत हो तो क़िरदार भी महकते है।

वक्त बदलते बदल जाता है हर रिश्ता यहां,
इतना तो जनाब अब हम भी खूब समझते है।

दिन के उजाले में जो भी सफेदपोश होते हैं,
रात के अंधेरे में वो ही गुनाह को मचलते हैं।

मुहब्बत में रूठना मनाना तो चलता रहता है।
वफ़ा पर उनके यकीं नही जो रास्ते बदलते है।

यूं ही किसी का भी भरोसा न कर लेना वियोगी,
क्योंकि अक्सर राख के नीचे अंगारे दहकते हैं।

अमित  पाण्डेय

©Ap #holikadahan
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

#SawaalJawaab
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

कुछ लोगों से तो रिश्ते अच्छे रखिए जनाब ।
जहां में सभी को नाराज़ करना अच्छा नहीं।

माना की आप बादशाह ए सल्तनत है अभी।
इतना भी मिजाज़ कड़क रखना अच्छा नहीं।

बादशाहत तो अच्छे अच्छी की कायम न रही।
यूं सभी को अपना गुलाम कहना अच्छा नहीं।

अमित पांडेय

©Ap #addiction
5268a51a43723365173779e288db8d71

Ap

इतना आसान नहीं है,रिश्ते दिलों के निभाने के लिए।
न जाने कितने जन्म लिए,सती ने शिव को पाने के लिए। 

पांडे जी

©Ap #SunSet
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile