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ajaykumar5008
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Ajay Kumar

Diploma Engineering students, Government Polytechnic Muzaffarpur

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Ajay Kumar

छक्के - चौके ही नहीं, तप्ती धूप में अपना खून भी जलाता था वो
दिखा जादूगरी अपने बल्ले और कप्तानी से ,
भारत को विश्व विजेता बनाता था वो
" धोनी " था वो साहब, 
बदन को पानी से नहीं, पसीने से नहलाता था वो 

¶ अजय कुमार ¶

"You Don't Play For The Crowd, 
You Play For The Country" 
Dear, 
"Mahi" 
We Miss You
But Never Retired The "Dhoni" #Dhoni
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Ajay Kumar

🌸  एक था धोनी  🌸

छोड़ " Railway " की नौकरी  " Cricket " की दुनिया में आया था वो ।
कर कठोर मेहनत   " Indian Cricket Team " में जगह बना पाया था वो ।। 

पकड़ हाथों में  " बल्ला " , " हेलिकॉप्टर " शॉर्ट्स लगाता था वो । 
पहन हाथों में  " ग्लबस् " , विकेटों की गिल्लियां उड़ाता था वो ।। 

सिर्फ छक्के - चौके ही नहीं , लगाता था वो । 
एक अच्छी सी कप्तानी भी , निभाता था वो ।। 

शांत स्वभाव के लिए , " कैप्टन कूल " कहलाता था वो । 
तो कभी बौलरो की पिटाई करने के लिए , " धौनी " कहलाता था वो ।। 

जब तक खड़े रहता मैदान पर , हार के भय को दूर भगाता था वो ।
अपने ही दम पर सबों को , जीत की साहस दिलाता था वो ।। 
 
जब लगे Team विकट परिस्थितियों में हो , खुद ही मैदान पर आ जाता था वो । 
दिखा बाजुओं की ताकत , कर परास्त विरोधियों की Team को जीत दिला जाता था वो ।। 

कर करामात बल्ले और कप्तानी से ,  " India " को  " World Cup " जीता जाता था वो । 
यूहीं नहीं वो इस दुनिया में , महेंद्र सिंह धोनी कहा जाता था ।।

✍🏻✍🏻रचनाकार   -  अजय कुमार #MSDhoni
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Ajay Kumar

India quotes  जब वो खेल चला था बंदूकों में 
जिस्म लिपट कर आया था संदूकों में 

~ अजय कुमार #happyimdependenceday
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Ajay Kumar

💮 काश ! वो बचपन आज फिर वापस लौट आयें 💮

याद आते हैं वो प्यारे - प्यारे स्कूल के दिन
न जाते स्कूल कभी अपने दोस्तों के बिन

कैसी थी वो दोस्ती और कैसा था वो प्यार
एक दिन की जुदाई से डरता था जब आता था रविवार

चलते - चलते पत्थर पर मारते थे ठोकर 
कभी हंसकर चलते थे तो कभी चलते थे रोकर 

याद आते हैं वो इंक से रंगे हुए हाथ 
क्या दिन थे वो जब सब मिलकर करते थे लंच साथ 

छुट्टी की घंटी बजते ही भागकर क्लास से बाहर आना 
फिर हंसते - हंसते सभी दोस्तों से मिल जाना 

कंधे पर बैग लिए और हाथ में लेकर बोतल पानी 
किसे पता था कि दोस्ती को बिछड़ा देगी ये इंजीनियरिंग की ज़िन्दगानी 

काश! वो बचपन आज फिर वापस लौट आयें
और सब दोस्त आज भी मुझे मिल जाये


रचनाकार - अजय कुमार
पता - बोचहाँ, मुजफ्फरपुर ( बिहार ) #Dosti
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Ajay Kumar

मुझे इस बात की खुशी नहीं है
 कि आज मेरा जन्मदिन है...

मुझे तो इस बात की खुशी है
कि चलो मेरी इस ग़म भरी जिंदगी का एक साल और तो कम हुआ #Happy_Birthday_Day
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Ajay Kumar

💮💮 क्या मुझे कोई नौकरी मिल पायेगा? 💮💮

मेरी डिग्रियां देखकर ....
सबका खोपड़ी हिल जायेगा ।

इतना पढ़ने के बाद भी .... 
क्या मुझे कोई नौकरी मिल पायेगा ।

Bihar है साहब! चलती यहाँ सिर्फ़ सरोकारों की .... 
क्यों तुझे वो कोई नौकरी दिलवायेगा । 

Examination में सेटिंग करके .... 
क्यों तुझे वो कहीं Selection दिलवायेगा । 

सरकार किसी का भी हो ख़र्चे से भी ....
क्या मुझे कोई सेटिंग करवायेगा ।

बोल अब मेरी बारी का .... 
समय कब आयेगा ।

कर ले तू लाख जतन .... 
बेरोजगार ही रह जायेगा । 

थक चुका हूँ अब इस सिस्टम से ....
क्या मुझसे कोई रोजगार करवायेगा । 


टूट चुका हूँ , पर हिम्मत नहीं हरा हूँ मैं .... 
नौकरी न सही , मजदूरी करके ही खाऊंगा । 

है मेरी बाजुओं में अब भी भरोसा.... 
इस भरोसा से ही , एक अच्छी सी नौकरी लाऊंगा । 

✍🏻 रचनाकार ✍🏻 -👨‍✈️ अजय कुमार 👨‍✈️ 💮💮 क्या मुझे कोई नौकरी मिल पायेगा? 💮💮

💮💮 क्या मुझे कोई नौकरी मिल पायेगा? 💮💮 #विचार

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Ajay Kumar

दिल के अंदर ग़म का अंबार छिपाए ना जाने अपने चेहरे पर मुस्कान कैसे लाता था वो...
खुद रोता था पर औरों को कैसे हँसाता था वो....
I miss you
@SushantSinghRajputSir #SushantSinghRajput
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Ajay Kumar

सूरज सा चमक नहीं मुझमें
दीपक सा जलता हूँ|
अपने सपनों को लेकर 
 नित्य परिश्रम करता हूँ|
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं 
जिसे नदियों ने सिंचा हैं
बंजर माटी में पलकर
मैंने मृत्यु से जीवन खिंचा है | जीवन

जीवन

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Ajay Kumar

Jivan

Jivan

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Ajay Kumar

हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपनो से हो !

और जीतना तब आवशयक हो जाता है, जब लड़ाई अपने आप से हो !!


मंज़िल मिले यह तो मुकद्दर की बात है, 


हम कोशिश ही ना करें , यह तो गलत बात है|


किसी ने बर्फ से पूछा की तुम इतनी ठंडी क्यों हो ?


बर्फ ने बहुत ही सुन्दर उत्तर दिया-

   मेरा अतीत भी पानी, 

 मेरा भविष्य भी पानी

    फिर गर्मी किस बात पे रखूँ ? हरिवंश राय बच्चन

हरिवंश राय बच्चन #कविता

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