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nojotouser2771437153
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Akanksha dwivedi

बदल जाना फितरत नही मेरी रूठी हुई ज़िन्दगानी है अपनों के लिए अपनों के दिए ज़ख्मो की निशानी है

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Akanksha dwivedi

इन झुकी हुई आँखों में एहसास रुका हुआ है।
दिल की बढ़ती धड़कन में विश्वास रुका हुआ है।
हासिल करना पा लेना सब खेल कुछ पल के हैं...
वो प्यार मेरे हिस्से का मेरे पास रुका हुआ है। #raindrops  #Love #Pyar #pyar_ke_alfaz #stayhome #stay_home_stay_safe
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Akanksha dwivedi

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Akanksha dwivedi

#rain ये वक़्त कुछ और है वो वक़्त कुछ और था.... #Nojoto #nojotohindi  #Dil #mohabbat #aashiqui #Dard #Pain #love #stay_home_stay_safe

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Akanksha dwivedi

बातें उस एक मोहब्बत की
#lovebeat #शायरी #Love #Love_a_mental_disease #Nojoto

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Akanksha dwivedi

तो कैसी रही...
#rain #Love #Dhoka #mohabbat #Nojoto #nojotohindi

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Akanksha dwivedi

#mohabbat #ishq #Self #Nojoto #nojotohindi  तुमने भी मोहब्बत की है क्या...?

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Akanksha dwivedi

#Nojoto #nojotohindi #Love
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Akanksha dwivedi

किसी की नज़र में मेरा अभिमान बहुत बड़ा है...
उनके लिए ये अभिमान ही है जो उनसे लड़ा है..
कैसे समझाऊँ दुनिया के इन अबूझ मूढ़ों को
के अपना वजूद बचाने का फैसला बहुत कड़ा है.....
मेरा वजूद मेरा ग़ुरूर मेरी सनक सब गवाह है के
अभिमान के रास्ते मेरा स्वाभिमान खड़ा है....
Aspiration_of_soul✍️ #street
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Akanksha dwivedi

कोई नही सुनेगा बेजान हो गए मंदिर और मज़ार ।
जंग खा गयी है शायद इन शूरवीरों की तलवार ।
जात पात बस बच जाए अब करते है यही गुहार।
जाने किस बेड़ी में बंध के हुए कायर और लाचार।
जात पात और मज़हब ने बाँट दिया इंसान को।
राम रहीम बटे, बांटा अल्लाह और भगवान को।
मुद्दा गर राम मंदिर का है तो संसद तक जाएगा।
तीन तलाक पर हर कोई तलवार निकाल लाएगा।
बेटी बहन की आबरू अब बाज़ारों में बिकती है।
माँ के आंचल में हैवानो को हवस ही दिखती है।
कहते है....
आबरू का क्या है वो तो लुट ही जाती है।
जान का क्या है वो तो छूट ही जाती है।
झड़ी लग गयी दलीलों की नेता और वकीलों की।
सागर हुआ लहू सा लाल क्या बिसाद है झीलों की।
जिस धरा की माटी में कल तक पूजी जाती थी सीता।
जिस धरती की परिपाटी में कभी पढ़ी गयी थी गीता।
सोने की चिड़िया का जीवन तिल तिल करके रीता।
भारत माँ क्या  दुख बाकी है कोई जो तुम पर न बीता।

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Akanksha dwivedi

ज़िन्दगी ख़ुशगवार तो है पर अब भी मलाल बाकी है।
जो पूछने थे तुझको वो बिखरे सभी सवाल बाकि है।
इस रूठे मुक़द्दर से क्या शिकवा करू ऐ ख़ुदा इसके हिस्से तो तेरा बिछाया जाल बाकी है।
 दरवाज़े पर दस्तक सा बैठा है कम्बख़्त जिसका दिल में ख्याल बाकि है।

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