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irfansaeedfitnes6689
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Irfan Saeed

दिल मे मेरे कुछ राज़ है वो राज़ रखता हूं चेहरे को छोड़ो यारों अल्फ़ाज़ रखता हू subscribe my YouTube channel 👇 my insta link #irfan_saeed07 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🙏🙏🙏Please follow my channel 👈 🇮🇳🇮🇳🇮🇳i am proud to be an indian👈 मेरे चैनल को लाइक करें और बटन दबाकर फ़ॉलो भी कर ले ताकि आपको हमारे आने वाली नई शायरी और एक से एक लजीज बेहतरीन हिंदी और उर्दू में गजलें मिलती रहे। #Nojotomylove🌷🌷🌷 my followers 💋💋💋💋

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Irfan Saeed

nojoto ka girta graph 📈📉 😲😭
#Nojoto 
#nojotoapp 
 motivational thoughts R  Ojha  Yash Mehta  Mukesh Poonia  Manzoor Alam Dehalvi   Anshu writer

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Irfan Saeed

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Irfan Saeed

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Irfan Saeed

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Irfan Saeed

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Irfan Saeed

White मैं   तेरे   दिल   में  रहूंगा  तो   कहूंगा   गजलें
दिल  के  दरिया  से मिलूंगा तो कहूंगा।  गज़लें 

मेरे   बहते   हुए   हर अश्क   पे   रोने     वाले
तेरी  आंखों   से  बहूंगा   तो   कहूंगा    गज़लें 

राहें  पुर-ख़ार  पे चलता  है  ये  आशिक़   तेरा
इश्क़ -ए- ग़म-ख़्वार बनूंगा तो  कहूंगा  गज़लें

अब्र  ए  मुस्कान  बरसता  है  मेरे   आंखों  से
सहरा  ए  इश्क़  चलूंगा   तो   कहूंगा    गज़लें 

मैं तो ज़िंदान  मे  था  मैने  मुहब्बत कर     ली 
मुकदमा दिल का  लडूंगा  तो   कहूंगा   गज़लें

©Irfan Saeed
  मैं   तेरे   दिल   में  रहूंगा  तो   कहूंगा  गजलें
दिल  के  दरिया  से मिलूंगा तो कहूंगा गज़लें 

मेरे   बहते   हुए   हर अश्क   पे   रोने    वाले
तेरी  आंखों   से  बहूंगा   तो   कहूंगा  गज़लें 

राहें  पुर-ख़ार  पे चलता  है  ये  आशिक़  तेरा
इश्क़ -ए- ग़म-ख़्वार बनूंगा तो  कहूंगा  गज़लें

मैं तेरे दिल में रहूंगा तो कहूंगा गजलें दिल के दरिया से मिलूंगा तो कहूंगा गज़लें मेरे बहते हुए हर अश्क पे रोने वाले तेरी आंखों से बहूंगा तो कहूंगा गज़लें राहें पुर-ख़ार पे चलता है ये आशिक़ तेरा इश्क़ -ए- ग़म-ख़्वार बनूंगा तो कहूंगा गज़लें #GoodMorning #Shayari

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Irfan Saeed

White जहर था पहले कभी  दिखावे को दवा बन गया
एक था अपना कभी जो फिर से सज़ा बन गया 


मेरे गांव  की  हवा  ने  ही धोखा  दिया था  मुझे
अंदाजा  था बहार  का तूफ़ान ए बला बन गया


इरफांन" तेरे ज़मीर को हिलाने की थी  शाजिशें 
आंधियों का शोर  उठा और जलजला बन  गया

©Irfan Saeed
  जहर था पहले कभी  दिखावे को दवा बन गया
एक था अपना कभी जो फिर से सज़ा बन गया 


मेरे गांव  की  हवा  ने  ही धोखा दिया था  मुझे
अंदाजा  था बहार  का तूफ़ान ए बला बन गया

जहर था पहले कभी दिखावे को दवा बन गया एक था अपना कभी जो फिर से सज़ा बन गया मेरे गांव की हवा ने ही धोखा दिया था मुझे अंदाजा था बहार का तूफ़ान ए बला बन गया #Shayari #शायरी #Sad_shayri

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Irfan Saeed

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Irfan Saeed

White मैं  तो  बेज़ार  हूं  मिस्मार  बना  फिरता  हूं 
दश्त  ए इश्क़  में  बीमार   बना  फिरता  हूं

अब्र    ने    आब    से    संधि     कर    ली 
फ़सील ए दिल में हूं कुम्हार बना फिरता हूं 

शिकस्ता हूं मैं अजी शाद का चेहरा बनकर
दिल में अहवाल का बाज़ार बना फिरता हूं 

मुहब्बत थी  उससे  उसने ही मारा मुझको
सहरा ए इश्क़  कलमकार  बना फिरता हूं

मस्कन ए दिल  को हर बार  उसने तोड़ा है
बाब ए इश्क़ हूं  ग़म-ख़्वार  बना फिरता हूं

©Irfan Saeed
  बेज़ार- नाराज़, नाखुश, खफा
मिस्मार - बर्बाद, तबाह 
दश्त ए इश्क़ - इश्क़ का रेगिस्तान
अब्र - बादल, घटा
आब - पानी
फ़सील ए दिल- दिल की मुंडेर,दिल की दीवार
शिकस्ता - टूटा हुआ
शाद - खुश

बेज़ार- नाराज़, नाखुश, खफा मिस्मार - बर्बाद, तबाह दश्त ए इश्क़ - इश्क़ का रेगिस्तान अब्र - बादल, घटा आब - पानी फ़सील ए दिल- दिल की मुंडेर,दिल की दीवार शिकस्ता - टूटा हुआ शाद - खुश #Shayari #Sad_shayri

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Irfan Saeed

जब मां जिंदा थी तो हमेशा ख्याल रखती थीं
आज वो नही है तो कोई भी हाल नही पूछता

जरा सी चोट लगती थी दबाने सर को लगती थी
मां के बिन गिर पड़ता हू आज कोई चाल नही पूछता

मेरी मां फिक्र मेरी करती मुझे खाना खिलाती थी
आज कोई रोटी चावल दाल नहीं पूछता

जब मां जिंदा थी तो हमेशा ख्याल रखती थीं आज वो नही है तो कोई भी हाल नही पूछता जरा सी चोट लगती थी दबाने सर को लगती थी मां के बिन गिर पड़ता हू आज कोई चाल नही पूछता मेरी मां फिक्र मेरी करती मुझे खाना खिलाती थी आज कोई रोटी चावल दाल नहीं पूछता #Shayari

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