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Modern Gyani

"हमारे साथ समय बिताइए, जो आपको सर्वश्रेष्ठ बनाता है, न कि आप में तनाव लाता है।” 

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Modern Gyani

आसान नहीं होता प्रतिभाशाली स्त्री से प्रेम करना
क्योंकि उसे पसंद नहीं होती जी हुज़ूरी
झुकती नहीं वो कभी
जब तक न हो रिश्तों में प्रेम की भावना।
वो नहीं जानती
स्वांग की चाशनी में डुबोकर अपनी बात मनवाना
वो तो जानती है बेबाकी से सच बोलना।
फ़िजूल की बहस में पड़ना
उसकी आदतों में शुमार नहीं
लेकिन वो जानती है
तर्क के साथ अपनी बात रखना।
पौरुष के आगे वो
नतमस्तक नहीं होती,
झुकती है तो तुम्हारे निःस्वार्थ प्रेम के आगे।
हौसला हो निभाने का
तभी ऐसी स्त्री से प्रेम करना
क्योंकि टूट जाती है वो
धोखे से, छलावे से, पुरुष अहंकार से
फिर नहीं जुड़ पाती, किसी प्रेम की ख़ातिर ।

©Modern Gyani
  #स्त्री
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Modern Gyani


 कितना अरसा बीत गया तुम्हे देखे हुए,
अब तो यादें भी दूंधली हो गई है।

अब अखबारों में धूल बड़ा जमती है,
शायद चश्मा टूट गया तुम्हारी राह ताकते।

अब गलियारे में बच्चों की गेंद नही आती,
शायद उन्हें डांटने बाला कोई नही आता।

अब चमेली के फूल से वो खुशबू नही आती जैसा तुमसे आती थी
शायद बरसों बीत गया है, पानी दिए हुए।

अब मैं भी उसी शय्या में हू जहां से तुम मुझे छोड़ के गई थी।

©Modern Gyani
  #तेरियादें
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Modern Gyani

जबसे तू मुझसे दूर हुआ
मेरा बहोत दूर जाने का जी चाहता है
जहा कोई आ न सके,
गर कोई आए तो दुबारा जा न सके।
जहां न हवा है न पानी 
जहां न उजियार है न अंधियार।
जहां न आकाश है न धरती ।
है तो सिर्फ शून्य,
हमारे प्रेम की तरह ll

©Modern Gyani
  #शून्य
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Modern Gyani

ये रात ही है जो एक प्रेम में पड़ी 
औरत को 
जगाए रखती है
ये रात ही है जो एक प्रेमी के तन के 
भूख को 
सुलगाए रखती है
ये रात ही है जो मधुशाला में जख्मियों की 
चेतना को
डुबाए रखती है
ये रात ही है जो हमसे आपसे 
कविता को
कराए रखती है।

©Modern Gyani
  #रात
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Modern Gyani

आवारा हूं
तेरे इश्क का मारा हूं
इसीलिए कुंवारा हूं 
मां के आंखो में बेचारा हूं 
दुनियां के लिए ढिंढोरा हूं
आवारा बंजारा भौंरा हूं
भिखारी के हाथ का कटोरा हूं
डूबती नैया का सहारा हूं
साथियों के संग कस्तूरा हूं
तेरे बगैर अधूरा हूं,
मैं तेरा किनारा हूं।

©Modern Gyani
  #आवारा
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Modern Gyani

इतिहास के पन्नों पर,
क्या 
नवजवानों के लहू का मोल है
जहां 
 रणभूमि में रो रहा सत्य है।
और
विजयी पुरुष के नाम पर
अर्द्ध _ मृत _ से हो रहे आनंद से;
किन्तु
व्यंग्य, पश्चाताप, अंतरदाह का 
अब
विजय _ उपहार भोगो चैन से।

©Modern Gyani
  #क्रांतिकारी #सुभाषचंद्रबोस
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Modern Gyani

कोई कविता देव जगाए,
कोई जगावे देश। 

मेरा लिखा-आपके अंदर
ज्ञान जगाए,
बचे अज्ञान न शेष।।

©Modern Gyani
  #Moderngyani
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Modern Gyani

"सच कहूं ..मेरी भी कुछ अधूरी कविताएं बैठी हैं आज तक किसी प्रतीक्षा में..जैसे तपती दोपहरी में राह तकती हैं छांव, किसी मुसाफ़िर का..'कि वो पलभर सुकून से बैठे उसके साथ...वो चाहतीं हैं नदी के साथ इठलाना और हवाओं के साथ खुशबुओं में बिखर जाना...वो खिल जाना चाहती हैं बसंत सा और कभी हो जाना चाहती है अपनी पूर्णता में पतझड़...और फिर पुनः पल्लवित हो जाना चाहती हैं,किसी प्रेम शाख़ पर...🌿🍁🍂

©Nikunj Manjari
  # अधूरीख्वाहिश

# अधूरीख्वाहिश #कविता

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Modern Gyani

अक्सर लिख देती हूं आवाज तुम्हारी।।
सुनी थी जो कॉलेज के पुस्तकालय  में।।
फिर हर दिन अब पेशी होने लगी ।।
मसहूर इश्क़ के न्यायालय में।।
जज बन बैठा सारा जमाना।।
सबूत में पेश हर शाम किया।।
जब सवाल तुमसे पूछा गया।।
तुमने मेरे नाम को सरेआम किया।।
मैं तो मुजरिम बन गई इस जमाने के लिए।।
फिर बोली कुछ बोलो खुद को बचाने के लिए।।
होठो पे मुस्कान और आँखों मे आशु ले के।।
मैं बोली सब मंजूर है बस सजा दे दे।

©Nikunj Manjari
  तुम्हारी याद

तुम्हारी याद #कविता

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