सनम छेड़ो न मुझको तुम, निशा वैसे नशीली है,
बहक जाऊँ न इक पल में, हया मेरी लचीली है ।
सितम ढाती हैं मुझपर ये तुम्हारी मदभरी आँखें,
तेरी मिश्री भरी बातें गज्ज़ब की वो रसीली हैं । #शायरी
Rekha Srivastava
तेरे ख़्यालों को दिल से न निकालूँ अब मैं,
तू मेरे रोम रोम में बसकर मेरा हो गया है ।
#loveshayari#शायरी