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prashantsharma5722
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PRASHANT 'GAZAL'

A LEARNER

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PRASHANT 'GAZAL'

#waiting  Dipti Singh
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PRASHANT 'GAZAL'

#breaktime
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PRASHANT 'GAZAL'

ग़ज़ल

गर कोई ज़लज़ला नहीं होता l
क्या कहीं हादसा नहीं होता ll

ज़िंदगी रोज़ ख़त्म होती है......
मौत ही ख़ात्मा नहीं होता ll

इश्क़ में शख़्स दूर होता है....
रूह में फासला नहीं होता ll

हर जगह मंजिलें नहीं होतीं...
हर तरफ़ रास्ता नहीं होता ll

जख़्म की जड़ समझ नहीं आती...
दर्द का जायजा नहीं होता ll

ज़िंदगी खूब स्वाद देती है.....
मौत का ज़ाइका नहीं होता ll

दिल के पिंजरे में कैद हो जाता...
तो 'ग़ज़ल' लापता नहीं होता ll

©प्रशान्त 'गजल' #Morning
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PRASHANT 'GAZAL'

सरकार गिर रही थी मोटी रकम के बाद ....
सरकार बच गयी है मोटी रकम के बाद l

©प्रशान्त 'गजल' #mehngaai
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PRASHANT 'GAZAL'

#lovebeat
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PRASHANT 'GAZAL'

#lovebeat
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PRASHANT 'GAZAL'

यह पर्व शाश्वत ज्योति का, आनन्द के आयाम का  l
दशकों  प्रतीक्षा  की  परीक्षा में  मिले परिणाम का  ll
अद्भुत, असाधारण  मने  इस  वर्ष  की  दीपावली  , 
पावन 'अयोध्या' में हुआ है आगमन  'श्री राम' का  ll

                                               ~ प्रशान्त #Lights
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PRASHANT 'GAZAL'

मनुष्य हेतु प्राण भी l
विनाश का प्रमाण भी ll
विशुद्ध रूप ईश्वरी l
अशुद्ध रूप आसुरी ll
विनाश बाढ़ काल में l
अनिष्टता अकाल में ll
सुवृक्ष काट काट के l
अरण्य छाँट छाँट के ll
धरातलीय  भोग से l
कुअम्ल, क्षार योग से ll
नदी अस्वच्छ हो रही l
महत्व आज खो रही ll
अचेतना बिसार दो l
मनुष्यता सँवार लो ll
समीप नाश-द्वार है l
 सचेतना पुकार है ll
अशिष्ट जो नदी हुई l
विनष्ट ये सदी हुई ll
बचा यही निदान है l
कहो नदी महान है ll

~प्रशान्त 'ग़ज़ल'

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PRASHANT 'GAZAL'

खौलतें हैं जो शाम-ओ-सहर...........दोस्तों l
सैनिकों के भी देखो.............जिगर दोस्तों ll

रोज होती है...........मां से मिलन की तड़प... 
रोज करते हैं हम फिर............सबर दोस्तों ll

मां की गोदी सी लगती है........हमको जमीं... 
होता है ये गुमां................. लेटकर दोस्तों ll

दिल किसी फूल सा ही था.....नाजुक कभी.. 
आज कांटों की है............रह गुजर दोस्तोंll

खून के सारे कतरे..............वतन के लिये.. 
है तिरंगे की खातिर.............ये सर दोस्तों ll

तुमसे वादा है ये.............खैर उसकी नहीं.. 
सरजमीं पर है.........जिसकी नजर दोस्तों ll

मौत है हर कदम......फिर भी हंसते हैं हम.. 
बस समझ लो......है शौक-ए-जहर दोस्तों ll

गोलियां कब चलीं........कब शहादत हुयी.. 
तुम सलामत रहो.............बेखबर दोस्तों ll

लौट कर फिर गये......... वो ना घर दोस्तों.. 
भेजी सरहद ने उनकी..........खबर दोस्तों ll

आखिरी वक्त हो गर..........तो ऐसा ही हो.. 
हो तिरंगे में लिपटा..............सफर दोस्तों ll

आसमां पे नया चांद...........क्यूँ दिख रहा.. 
इक शहीदी हुई................ दोपहर दोस्तों ll

देश मेरा भी है..............तो तुम्हारा भी है.. 
आओ मिलकर सजाएं.........शहर दोस्तों ll

भूल नफरत...........हमारी गुजारिश सुनो.. 
तुम बना दो वतन..............बेहतर दोस्तों ll

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PRASHANT 'GAZAL'

परहित


लोक-लज्जित, अश्रुपूरित, पथभ्रमित विचरण करे l
मोहमाया से ग्रसित , मानव हृदय......प्रतिक्षण मरे ll

स्वार्थमय झंझावतों के गर्भ में..........जीवन कहाँ  l
अग्नि अन्तरमन जले , लोलुप महा चितवन जहाँ   ll
अर्थ-अर्जन हेतु....... नर बहु छद्म अवधारण करे  l
मोह-माया से ग्रसित मानव हृदय.....प्रतिक्षण मरे  ll

सारगर्भित, अतिपरिष्कृत मार्ग....परहित जानिए  l
जिस हृदय संवेदना........निर्बल उसे मत मानिए  ll
धन्य है वह मन जहाँ.......सद्भावना विहरण करे  l
मोहमाया से ग्रसित मानव हृदय.....प्रतिक्षण मरे  ll

संकुचित हर मानसिकता से बचें......यह ठान लें  l
जन्म मानुष का मिला है भाग्य से....यह जान लें  ll
हर सबल....इक दीन संरक्षण, भरण-पोषण करे  l
मोहमाया से ग्रसित मानव हृदय.....प्रतिक्षण मरे  ll

लोक-लज्जित, अश्रुपूरित, पथभ्रमित विचरण करे l
मोहमाया से ग्रसित मानव हृदय........प्रतिक्षण मरे ll

                                         ~ प्रशान्त 'ग़ज़ल'

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