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विपिन कुमार सोनी

a simple man against all odds.

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विपिन कुमार सोनी

वादा ये न टूटे, चलो वादा करें हम
संग-संग जीने का, संग-संग मरने का, 
इरादा करें हम

संग-संग चलना है, इतना ही सोचें
दूर        कितना है, इतना न सोचें
वादा ये न भूलें, चलो वादा करें हम
संग-संग जीने का, संग-संग मरने का,.... 

पग-पग सम्भलना है, इतना ही जाने
शूल         कितना है, इतना न जाने
वादा ये न छूटे, चलो वादा करें हम
संग-संग जीने का, संग-संग मरने का,.... 

रंग-ढंग बदलना है, इतना ही चाहें
भूल      कितना है, इतना न चाहें
वादा ये न रूठे, चलो वादा करें‌ हम
संग-संग जीने का, संग-संग मरने का,....

©विपिन कुमार सोनी #attachment Riya Soni pooja sharma Somya Sakshi Swati Srivastava GOuri sharma

#attachment Riya Soni pooja sharma Somya Sakshi Swati Srivastava GOuri sharma #लव

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विपिन कुमार सोनी

Life Like संभालते संभालते कभी, कुछ छूट जाता है
देखते ही देखते, सब टूट जाता है

क्या सच है, था और रहेगा यही
समझ में समझ, बस झूठ आता है

के पिलाता रहा, जो पूछ पूछ कर
बमुश्किल प्यास में, एक घूंट पाता है

रूप को रंग कर, जिस्म का ढोना
कांधों पर चढ़कर, सिर्फ ठूंठ जाता है

पल में फिसलता है, ये एक पल
बेवजह इस कदर, 'विपिन' अटूट जाता है

©विपिन कुमार सोनी #Break_upRajeev Ranjan Shiv Shilpi Author Shivam kumar Mishra PS gana  Rakhie.. "दिल की आवाज़"

#Break_upRajeev Ranjan Shiv Shilpi Author Shivam kumar Mishra PS gana Rakhie.. "दिल की आवाज़" #ज़िन्दगी

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विपिन कुमार सोनी

#rammandir
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विपिन कुमार सोनी

इस इश्क़ की वजह, मैं जानता नहीं
ये  इश्क़  है‌  रिस्क, मैं मानता नहीं

इसमें पहले होगा वो, और बाद में‌ होगा‌ ऐसा
इसमें होता नहीं कुछ भी, जो सोचते हैं‌ जैसा
ये इश्क़‌ है फिक्स, मैं मानता नहीं
इस इश्क़ की वजह..... 

भई मगन‌  मीरा औ राधा, पग बांध घुंघरूवा
इसका रंग गर गेरुवा, तो हर‌ रंग बस गेरुवा
ये इश्क़ है मिक्स, मैं मानता नहीं
इस इश्क़ की वजह..... 

भाव  के गांव की  छांव  में, ठांव मिले  बस इसका
छल के महल में आज न कल, पांव न ठहरा इसका
ये इश्क़ है ट्रिक्स, मैं मानता नहीं
इस इश्क़ की वजह..... 

*विपिन कुमार सोनी (c) 
  13.09.2023

©विपिन कुमार सोनी #Chhuan
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विपिन कुमार सोनी

तू ना माने तो क्या, तू तो मेरा खुदा है
ये अलग बात है तू बेवफा था, बेवफा है
*****
आज जो देखा तो, बीते कल सभी चुभने लगे
देख कर मुझे, बेवजह‌‌ सबके सब हंसने लगे
तू‌ ना माने तो क्या, तू तो मेरी दुआ है
ये अलग बात है...... 
*****
वादे जो आपस के थे, सब शर्म से गड़े हुए हैं
खुशनुमा लम्हें भी, कर्म पर रोते खड़े हुए हैं
तू ना माने तो क्या, तू तो मेरी सदा है
ये अलग बात है....... 

*विपिन कुमार सोनी (c) 
  13.05.2023, 20.06.2023

©विपिन कुमार सोनी #bewafa
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विपिन कुमार सोनी

इस जिन्दगी की कहानी,
लिखना मुश्किल है
जैसे पानी के ऊपर पानी, 
लिखना मुश्किल है

रात को सुलाते-सुलाते, सवेरा हो गया
सुबह को जगाते-जगाते, अंधेरा हो गया
इक बात यूँ ही, ऐठी बैठी रही
और बातों-बातों में, तेरा-मेरा हो गया
इस जिन्दगी की बयानी, 
लिखना मुश्किल है
जैसे पानी के..... 

कल की ख्वाहिशों ने आज का, हाथ थामा है
आज की बन्दिशों ने कल का, साथ त्यागा‌ है
मौन का शब्द कौन सुना-समझा
तदबीर को क्या पता? के तकदीर का मारा है
इस जिन्दगी की परेशानी, 
लिखना मुश्किल है
जैसे पानी के...... 

*विपिन कुमार सोनी(c) 
  20.05.2023, 02.06.2023

©विपिन कुमार सोनी #zindigi.vip
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विपिन कुमार सोनी

15 अगस्त, 2022 को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के शुभ सुअवस
झण्डा गीत
*********
लहर-लहर, लहराए तिरंगा
फहर-फहर,फहराएं तिरंगा
पहला रंग,  केसरिया  इसका
त्याग-तपस्या अर्थ है जिसका
भेंट चढ़ाकर जीवन अपना
सम्मान बढ़ाएं हमसब इसका 
हरष-हरष, हरषाए तिरंगा
लहर-लहर, लहराए... 

दूजा रंग,    श्वेत   है    इसका
सत्य-अहिंसा अर्थ है जिसका
शपथ उठाकर सत्य वचन का
मुस्कान बढ़ाएं हमसब इसका
समझ-समझ, समझाए तिरंगा
लहर-लहर, लहराए... 

तीजा रंग,   हरा   है   इसका
सुख-समृद्धि अर्थ है जिसका
हल चलाके तन-मन-धन का
खलिहान बढ़ाएं हमसब इसका
दरश-दरश, दर्शाए तिरंगा
लहर-लहर, लहराए...

चक्र   निराला   नीले   रंग   का
कभी न थकना अर्थ है जिसका
कदम बढ़ाके, कदम मिलाके
विज्ञान बढ़ाएं हमसब इसका
गरज-गरज, बतलाए तिरंगा
लहर-लहर, लहराए...

*विपिन कुमार सोनी (c)

©विपिन कुमार सोनी #SunSet
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विपिन कुमार सोनी

माँ सरस्वती वन्दना
माँ वर दे! माँ वर दे! माँ वर दे! 
हम निष्प्राण को तर दे

दे पुलकित नव विचार, 
घोर निशा, दे हमें निखार
उत्तमता के नभ को छू लें
हमें ऐसा अभीष्ट पर दे! 
माँ वर दे!.... 

दे ज्ञान का अतुल धन, 
न दे पंचदंश ग्रसित तन-मन
मन वीणा के तार बज उठे
ऐसा धवल मानस कर दे! 
माँ वर दे!.... 

दे अजन्मा गीत हे! जननी, 
दे दिव्य संगीत की रागिनी
गुंजित होता रहे अनंत में, 
ऐसा गेय वाणी अमर दे! 
माँ वर दे!.... 

दे संघर्ष की अविचलित तरंग, 
दे हर पीड़ा की सह्य उमंग
लक्ष्य भाष्कर से प्रकाशित
माँ मुक्त स्वछंद घर दे! 
माँ वर दे!.... 

*विपिन कुमार सोनी, 
03.06.1992

©विपिन कुमार सोनी
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विपिन कुमार सोनी

.... होते तो हैं सुर सात, आठवीं लता

लय ने कहा ताल से, सुन सखी! जरा
संगीत में कितने, सुर हैं बता
ताल ठोक कर तब, ताल ने कहा
होते तो हैं सुर सात, आठवीं लता

गीत के प्रीत में, गुनगुनाने लगी ग़ज़ल
हिन्दी संग उर्दू भी, मुस्कुराने लगी सजल
लफ्ज़ ने कहा शब्द से, सुन सखी जरा
गीत के कितने, गुर हैं बता
नाज़ छोड़कर तब, शब्द ने कहा
गाने के तो रस नव, दसवीं लता
लय ने कहा ताल से,... 

भाव के गाँव की, संवेदना बड़ी सरल
दु:ख के वास की, वेदना गूंजी गरल
गम़ ने कहा दर्द से, सुन सखी जरा
भाव के कितने, अंग हैं बता
आंख मूंद कर तब, बूंद ने कहा
भाव तो हैं रंज अनु, अनुरंजनी लता
लय ने कहा ताल से,.... 

सरगम के सम से, शास्त्रीयता गयी बदल
गायन से विश्व में, भारतीयता बनी कोयल
जन ने कहा मन से, सुन सखी जरा
शास्त्र के कितने, नूर हैं बता
राग छेड़ कर तब, कंठ ने कहा
राग तो हैं रंग अशेष, अनूठी लता
लय ने कहा ताल से,.... 

*विपिन कुमार सोनी, 
 07/08.02.2022
 प्रयागराज (इलाहाबाद)

©विपिन कुमार सोनी #LataMangeshkar
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विपिन कुमार सोनी

जीवन में कुछ... 

जीवन में कुछ, यदि बनना
सबसे पहले, इक नदी बनना
सतत जीवन का, आधार हैं नदियाँ
जीवनभर जीवन की, गति बनना
निकलना पडे़गा, तोड़कर पत्थरों को
चलना  पडे़गा,  सींचकर  बंजरों  को
नूतन नव चेतन की, कृति बनना
जीवन में कुछ... 

*****
जीवन में कुछ, यदि करना
सबसे पहले खुद, खुदी रखना
प्रखर जीवन का, आकार है आत्मा
जीवनभर जीवन की, प्रति बनना
जलना पडे़गा, ओढ़कर अंधेरों को
उगना पडे़गा, चीरकर  तिमिरों को
पतन के शमन की, विधि बनना
जीवन में कुछ... 

*****
जीवन में कुछ, यदि रखना
सबसे पहले धैर्य, मही रखना
समग्र जीवन का, साभार है धरती
जीवनभर जीवन की, यति बनना
रहना पडे़गा, थामकर थपेड़ों को
जमना पडे़गा, बांधकर मेड़ों  को
अनवरत सृजन की, निधि बनना
जीवन में कुछ... 

*विपिन कुमार सोनी, 
प्रयागराज(इलाहाबाद)

शब्दार्थ:
खुदी - आत्मसम्मान, मही - पृथ्वी, यति - त्यागी/संन्यासी

©विपिन कुमार सोनी #जीवनमेंकुछ
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