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uditasharma6093
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Udita sharma

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Udita sharma

"सुनो मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ 
        -------------------
        पल भर तुम्हे दो टूक चैन से देखना चाहती हूँ
        नई साड़ी पहन दिखाना चाहती हूँ 
        सुनो में तुमसे कुछ पूछना चाहती हूँ
        -------------------
        गरम गरम पकवान तुम्हे परोसना चाहती हूँ 
        शाम की चाय संग बोलना चाहती हूँ
        सुनो मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ 
        ------------------
        साझ ढले तुम्हारे संग घास पर चहकना चाहती हूँ
        संग साथ तुम्हारे क्यारी रीपना चाहती हूँ 
        सुनो मैं तुमसे कुछ पूछना चाहती हूँ 
        -------------------
        हा चाहती हूँ तुम मेरी आटा गुदते वक़्त लटो को
        सवारो , आंखों का मेरी काजल निहारो ...
        सुनो मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ 
        -------------------
       रात को बिस्तर पर दो मीठे बोल बोलना चाहती हूँ
       तुम्हारे आलिंगन तलह सोना चाहती हूँ 
       पर कहते कहते ना जाने क्यों रुक जाती हूँ 
       समय का अभाव है , या ये कैसी विडंबना मेरी 
       मैं तुमसे कुछ भी न कह पाती हूँ 
       सुनो मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ 
       -------------------
       पानी का गिलास लिए , बत्ती बंद कर जब कमरे
       में आती हूँ , तुम्हे सोया देख हताश सी मुस्कुराहट 
       लिए सो जाती हूँ और अगली सुबह फिर से 
       सुनो मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ #waiting
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Udita sharma

सुंदरता , कोमलता , गरिमामंडल से विभूषित हूँ ।
         बेटी , आत्मजा , कुमारी से संबोधित हूँ ।।
         दहकती देह , तेज- ललाट सा यौवन है मेरा ।
         वात्सल्य , श्रृंगार , मित्रता से सुशोभित हूँ ,
         क्योकि मैं नारी हूँ .........
         करुणा , क्षमा , प्रेम युही देती हूँ ।
         पर गरल अपमानों का ना पीती हूँ ।।
         दुर्गा , लक्ष्मी , रणचंडी भी हूँ ।
         तेरे प्रत्येक प्रहार का प्रत्युत्तर हूँ ।।
         क्योंकि मैं नारी हूँ ......
         काजल , झुमके , बिंदिया से आभूषित हूँ ।
         खण्ड , कृपाण ,गदा , त्रिशूल धरणी भी हूँ ।
         क्योंकि मैं नारी हूँ........
         क्योकि मै नारी हूँ ........ #alone
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Udita sharma

अंधेरों में अपने, उसे आने दूँ कैसे,
ज़ख्मों तले उसे पनाह दूँ कैसे,
बुझे - बुझे से जो ये चिरागों में,
उसे शमा की लौ फिर जलाने दूँ कैसे.... #YOU&I
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Udita sharma

जन्मदिन भी खास हुआ करता था,
वो भी एक दौर हुआ करता था,
तोहफों के इंतज़ार में जन्मदिन का दिन कटता था,
दोस्तों के साथ दिन यह रंगीन हुआ करता था,
अब न तो वो दौर रहा, और न ही वो हम, 
न ही वो हंसी, और न ही वो कल,
न तोहफों की आस, न जीवन की चहचाहट,
कुछ इस तरह से समय में सिमट रही है,
जन्मदिन की आहट। #Heart
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Udita sharma

करवटों की ओट में,
तलाश मेरी जारी थी,
सुध बुध न रही अपनी,
कि तनिक गुंजाइश बाकी थी,
निंदिया से हंसी ठिठोली होती,
आंख मिचौली वाली रातों में,
तपन सीने की ज़िंदा रहती,
पूनम वाली रातों में,
सवाल खुद से कई होते,
इन चांदनी रातों में,
पर उसी शून्य सी अडिग मैं,
इन पथरीली राहों में।
                                   उदिता #Star
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Udita sharma

Girl quotes in Hindi मासूमियत का नूर था,
कल तलक जिस चेहरे पे,
परिपक्व सा जान पड़ता है अब,
पग-पग खाई ठोकरों से..
                            उदिता

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Udita sharma

हम ख्वाब सँजोये बैठे थे जिस आने वाले कल के, उस कल ने ही बेबस करा, बीते हुए कल पे..
                              उदिता

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Udita sharma

कि थक गए हैं खुद का बोझ उठाते - उठाते,
इस सफर में कभी तू भी तो कांधा दे,
छलक जाएंगे हम फिर से, तू बस थोड़ी सी पनाह तो दे...
                         * - उदिता- *

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Udita sharma

तू करके फिर प्यार आबाद तो हो,
तुझे देख कर ही में निहाल तो हो लूँ,
इश्क़ मेरी गैरहाज़िरी में दस्तक दे गया,
तू जा उस पते, बेबसी को कर अनसुना,
कह दे नज़रों से, इश्क़ पर कुछ इस तरह...
फ़तह पा।

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Udita sharma

गुज़री रातों में न जाने कितनी बार रोये हैं,
उठके बैठके बेचैन सी निंदिया में न जाने कितनी बार सोये हैं,
आज मिले बरसों बाद जो वो, तो तक़सीम की याद कर पूरी रात रोये हैं,
पूछ बैठे बीच रात में, बीते सालों का वो हाल  हमसे, 
औराक-ए-परेशान से जैसे हम आज बैठे हैं, कुछ इस तरह ही साल बीते हैं...

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