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rajgupta9890
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KaviRaj bhatapara

भावनाएँ कागज पे उतारता हूँ, कलम प्यार की चलाता हूँ बैर ना रखु कभी किसी से ऐसी मेरी छवी रहने दो राज कहती हैं दुनिया एक छोटा सा कवि हु मुझे कवि रहने दो

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KaviRaj bhatapara

दोस्तों से हारता हूं मैं सिर्फ दोस्ती के लिए
वरना दुश्मनों से मेरा कद कहां मिलता है

©KaviRaj bhatapara #newplace
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KaviRaj bhatapara

जो किसी और का थोड़ा भी है
वो मुझे थोड़ा भी नहीं चाहिएं

©KaviRaj bhatapara #humantouch
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KaviRaj bhatapara

तेरी वफ़ाओ का गुलाब छुपा रखा है।
सीने में चाहतों का किताब छूपा रखा है।।
तुम आओ न आओ ये मर्जी तुम्हारी,
मैंने पलकों में कई हसी ख्वाब छुपा रखा है।।

©KaviRaj bhatapara #Books  Anupriya

#Books Anupriya #लव

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KaviRaj bhatapara

तेरे इश्क से इस कदर गुजरने लगा हूं
उम्र नहीं मरने की पर तुझपे मरने लगा हूं
आईना देखने की अब मुझे जरूरत नहीं
घर की दीवार देख मैं सजने संवरने लगा हूं

©KaviRaj bhatapara #OneSeason
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KaviRaj bhatapara

मेरी आंखों में, जुगनू की तरह तुम चमकने लगे हो।
मेरी मोहब्बत को शाय़द तुम, जानने समझने लगे हो।।
मेरी बेकरारी से फिर भी, तुम अंजान बनते हो।
उलझा रहे हो मुझे, या खुद ही उलझनें लगे हो।।

©KaviRaj bhatapara #ballet
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KaviRaj bhatapara

ये सितंबर की हवाएं, जिस्म को कंपकंपाने लगी है।
पर तपीस तेरी आंखों की, सुकुन ढाने लगी है।।
सोने लगा हूं मैं, अब नींद पूरी होने तक!
जब से तू रोज ख्वाबों में, आने-जाने लगीं है।।

©KaviRaj bhatapara #teatime
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KaviRaj bhatapara

नींदों का बोझ पलकों में उठाया नहीं जाता
और वो दिल को लगा रहे है गम उठाने के खातिर
बागबा निगेहबान है सारे गुलिस्तां का
और वो फुल को तकते है जुड़े में लगाने खातिर

©KaviRaj bhatapara #roseday
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KaviRaj bhatapara

दिल से दिल तक जुड़ने का सिलसिला मिल गया
अकेला गुजरा तेरी राह गुज़र से काफ़िला मिल गया
अब क्या शिकायत करूं अपने रब से
तुम क्या मिले इंतजार का सिला मिल गया

©KaviRaj bhatapara #tereliye
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KaviRaj bhatapara

तेरे नाम से मैं अब बदनाम होने लगा हूं,
लगता है मुझे इश्क का तरीका आ गया है।
भटक रहा था अब तक मैं बेवजह,
तुझसे मिलकर जीने का सलीका आ गया है।।

©KaviRaj bhatapara #chaandsifarish  लव शायरी हिंदी में

#chaandsifarish लव शायरी हिंदी में

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KaviRaj bhatapara

Red sands and spectacular sandstone rock formations कोई चांद कोई सितारा लगने लगा है
वो शख्स मुझे जान से प्यारा लगने लगा है
तेज हवाओं की तरह वो क्या आये जिंदगी में
हमें तो हर शख्स हमारा लगने लगा है

©KaviRaj bhatapara #Sands
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