मोहब्बत हुई जो आबाद ज़िन्दगी भी मौत बन गई
शाम कुछ पल की ओर अगले ही पल रात बन गई
चरागों की रोशनी उजाला करती है फिर जाने क्यूँ
यही रोशनी मेरी तबाही की जश्न ऐ सौगात बन गई
घायल परिंदा मैं जो बाघी हुआ इश्क़ ऐ मोहब्बत में #Hindi#Collab#YourQuoteAndMine#terasukhi#terasukhiquotes