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karunasingh3522
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Karuna Singh

मैं कविताएं लिखती हूं अभिनय करती हुं

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Karuna Singh

पूर्णिका
***
माता रानी भजन
***
हे देवी मां ,हे देवी मां ,सुनो मेरी आराधना 
नाम श्रवण की आशा ,यही है बस कामना

पुनर्जन्म से साधक हूं ये तो  जानती हो मां
होश में सदा करती , परिवर्तन  का सामना

जो भक्त है मां के शरण डर का होता हरण
मांकाली  मांलक्ष्मी  मांसरस्वती को मानना

शूलधारिणी शत्रुविनाशिनी, हैं वो शिवप्रिया
प्रतीक है वो शक्ति का ,अंतर्मन ही जानना 

है वो जगत जननी खड़ंग धारणी रत्नप्रिया 
कर्म वचन है प्रिय उन्हें, करें उनकी साधना 

चिंतन मनन की वो महादेवी है त्रिपुर सुंदरी 
कल्पना चंद्रघंटा की उनके चरण ही थामना

स्वरचित मौलिक 
करुणा सिंह कल्पना 
रांची झारखंड

©Karuna Singh #navratri
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Karuna Singh

White *तुम भी गांधी हो*
        *************
सत्य की   राह  पर, चलते हो गर
अपने कर्म पर नजर रखते हो गर 
तब तो तुम भी  गांधी हो
ओढ़ी अगर अहिंसा झीनीं चादर
करते सभी  मां बहनों का आदर 
तब तो तुम भी गांधी हो
हरराह को सम्यक सरल बनाकर 
निरंतर  सोच  में अडिंग   रहकर
तब तो तुम भी गांधी हो
तृष्णा त्याग मन पुष्प सा बनकर 
हृदय निश्चल गंगाजल सा बनकर
तब तो तुम भी गांधी हो 
प्रकृति प्राणी में रहते प्रेम बनकर
जनसेवा बापू की   लाठी बनकर
तब तो तुम भी गांधी हो
एकता में  धैर्य पर्वत सा बनकर
धारण  खादी  नंगे पांव चलकर
तब तो तुम भी गांधी हो
*****   
- करुणा सिंह कल्पना

©Karuna Singh #gandhi_jayanti
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Karuna Singh

White पूर्णिका**

******रक्षाबंधन का त्यौहार

*******
मेरे  भैया  से  है अपने  खुशियों  के  संसार 
चलो हिल मिलकर  मनातेहैं  पावन त्योहार
थाल  सजाओ रोली  चंदन  तिलक लगाओ
कर  आरती मुख  मिश्री बंधन है स्नेहदुलार

माता-पिता  के  हैं  हम  सब अनमोल रतन 

तोलमोल  के वचन अनोखे  बोलेंगे हर बार
बचपन की  वो बात  निराली रखेंगे हम याद 
भूल होजाए हमसे क्षमा भैया करना हर बार
भाई भाई बहन भाई हम सबहैं उनके संतान 

जीवन भर उन्हें  हम देंगें खुशियों का उपहार
सुनो कल्पना रक्षाबंधन है संबंध की तिजोरी
जगन्नाथ सुभद्रा भैया बलभद्र है जीवन  सार

मेरे  भैया   से  हैं  अपने  खुशियों के  संसार 
चलो हिल  मिलकर मनाते हैं  पावन त्यौहार

रक्षाबंधन की 
आप सभी को अनंत अनंत शुभकामनाएं 
एवं बधाई

स्वरचित मौलिक 
करुणा सिंह कल्पना 
भागलपुर रंगरा

©Karuna Singh
  #raksha_bandhan_2024
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Karuna Singh

 भक्ति संगीत हर हर महादेव

भक्ति संगीत हर हर महादेव

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Karuna Singh

White पूर्णिका 
*****
वक्त तो लगता है 
*****
सजदे तेरे दर घर से जाने में वक्त तो लगता है 
सुनकर  आहट समझने  में  वक्त तो लगता है 

जाने अनजाने  में कहीं  राह   भटक न जाऊं 
कदमों  को सही  करने  में वक्त तो  लगता है 

नज़रें   तो फक़त दरमियां  नज़ारे  दिखाती है 
रंग  तेरे उम्र गुजर जाने  में वक्त  तो लगता है 

शहर  से तेरे शहर का  ठिकाना  दूर  तो  नहीं 
रेतको समंदरसे मिल जानेमें वक्ततो लगता है 

ठहरो   ज़रा  कल्पना   को  संवर   जाने   दो 
ख़ुद रूह से रूबरू होने में वक्त तो  लगता है

©Karuna Singh
  #Emotional_Shayari
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Karuna Singh

White वक्त का यह नजारा है 
मानो या ना मानो सब कुछ तो हमारा है 
 यहां सोच बिखरा पड़ा है 
कहा न सब तुम्हारा हमारा है

©Karuna Singh
  #sad_quotes
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Karuna Singh

निराकार में साकार हो तुम
मेरे अंतर मन में आकार हो तुम।

©Karuna Singh
  #mahashivaratri
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Karuna Singh

आसमां का फैला पंख सा
 कर्म कठिन रचती हाथों से 

पंक में कमल पुष्प सा
क्षमा ओढ़ती गहना तन पर

 समय की धारा जो चले निरन्तर
चलती है तू श्रम पहर तक

©Karuna Singh
  #womeninternational
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Karuna Singh

26 jan republic day भेज दो संदेशा 

मोहब्बत  का रंग  अभी जिंदा है यारों
धड़कनों में  दौड़ती लहू परिंदा है यारों

जब तक  वह मेरी नजरों के  सामने है
तब  तक  मेरे हाथों में   तिरंगा है यारों
यह जिगर मेरी सांसों की   बुलंद महक
सब उस  महजबी   पर कुर्बान  है यारों

ये मोहब्बत सदियों से चलती आ रही है
दीवारों पे टंगी कोई तस्वीर नहीं है यारों
मैं किसी भी  मौसम में वादा नहीं करता
ये दिल  महबूबा के  रंगों में रंगा  है यारों

ये नशा है सदियों से  मेरे हर जिंदगी का
धड़कनों में मोहब्बत का  ईमान  है यारों
भेज दो संदेशा जान को  मैं हारा नहीं हूं
तिरंगे में हूं बस! ये मेरी मोहब्बत है यारों

स्वरचित मौलिक 
करुणा सिंह कल्पना 
रांची झारखंड

©Karuna Singh
  #26janrepublicday
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Karuna Singh

       


मोहब्बत है मुझे, इन वादियों ,इन घटाओं से,
हवा में, महक़ी तेरी सांसों की भीनी ख़ुश्बू से,

मोहब्बत है मुझे,आसमां पे बिछी,इन तारों से,
चाँद की रौशनी में, खिला तेरे मासूम चेहरे से,

मोहब्बत है मुझे, इन पहाड़ों, गिरती झरनों से,
बून्द मोतियों सी ,गिरती पत्थरों पे,तेरे नैनों से,

मोहब्बत है मुझे,आसमां पे उड़ती, पंछियों से,
कुहकति कोयल,गुनगुनाती फिज़ा में तेरे  गीतों से,

मोहब्बत है मुझे, इस ज़मीन के पेड़ पोधों से,
लहराती हरियाली खेतों में,  बिखरे ज़ुल्फों से,

मोहब्बत है मुझे, इन झीलों पहाड़ों जंगलों से,
सुगन्ध लुटाती तरंगों में,  तेरे सुंदर विचारों से
मोहब्बत है, मोहब्बत है, मोहब्बत है।।।

**

©Karuna Singh
  #arabianhorse
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