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royalthakur5127
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ठाकुर अमित

love is only because of hormones

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ठाकुर अमित

बड़ी शिद्दत के साथ की थी मोहब्बत उनसे,
इश्क के चर्चे आज भी चलते हैं महफिलों में

©ठाकुर अमित #sadak
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ठाकुर अमित

बचपन
भगवान की प्रेरणा से शूकरक्षेत्र में रहकर पाठशाला चलाने वाले गुरु नृसिंह चौधरी ने इस रामबोला के नाम से बहुचर्चित हो चुके इस बालक को ढूँढ निकाला और विधिवत उसका नाम तुलसीदास रखा[4]। गुरु नृसिंह चौधरी ने ही इन्हें रामायण, पिंगलशास्त्र व गुरु हरिहरानंद ने इन्हें संगीत की शिक्षा दी। तदोपरान्त बदरिया निवासी दीनबंधु पाठक की पुत्री रत्नावली से इनका विवाह हुआ। एक पुत्र भी इन्हें प्राप्त हुआ, जिसका नाम तारापति/तारक था, जोकि कुछ समय बाद ही काल कवलित हो गया। रत्नावली के पीहर (बदरिया) चले जाने पर ये रात में ही गंगा को तैरकर पार करके बदरिया जा पहुंचे। तब रत्नावली ने लज्जित होकर इन्हें धिक्कारा। उन्हीं वचनों को सुनकर इनके मन में वैराग्य के अंकुर फूट गए और 36 वर्ष की अवस्था में शूकरक्षेत्र सोरों को सदा के लिए त्यागकर चले गए।

©ठाकुर अमित #CrescentMoon
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ठाकुर अमित

बचपन
भगवान की प्रेरणा से शूकरक्षेत्र में रहकर पाठशाला चलाने वाले गुरु नृसिंह चौधरी ने इस रामबोला के नाम से बहुचर्चित हो चुके इस बालक को ढूँढ निकाला और विधिवत उसका नाम तुलसीदास रखा[4]। गुरु नृसिंह चौधरी ने ही इन्हें रामायण, पिंगलशास्त्र व गुरु हरिहरानंद ने इन्हें संगीत की शिक्षा दी। तदोपरान्त बदरिया निवासी दीनबंधु पाठक की पुत्री रत्नावली से इनका विवाह हुआ। एक पुत्र भी इन्हें प्राप्त हुआ, जिसका नाम तारापति/तारक था, जोकि कुछ समय बाद ही काल कवलित हो गया। रत्नावली के पीहर (बदरिया) चले जाने पर ये रात में ही गंगा को तैरकर पार करके बदरिया जा पहुंचे। तब रत्नावली ने लज्जित होकर इन्हें धिक्कारा। उन्हीं वचनों को सुनकर इनके मन में वैराग्य के अंकुर फूट गए और 36 वर्ष की अवस्था में शूकरक्षेत्र सोरों को सदा के लिए त्यागकर चले गए।

©ठाकुर अमित #CrescentMoon
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ठाकुर अमित

जन्म -
गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान विवादित है। अधिकांश विद्वानों व राजकीय साक्ष्यों के अनुसार इनका जन्म सोरों शूकरक्षेत्र, जनपद कासगंज, उत्तर प्रदेश में हुआ था।[3] कुछ लोग इनका जन्म राजापुर जिला चित्रकूट में हुआ मानते हैं। सोरों उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद के अंतर्गत एक सतयुगीन तीर्थस्थल शूकरक्षेत्र है। वहां पं० सच्चिदानंद शुक्ल नामक एक प्रतिष्ठित सनाढ्य ब्राह्मण रहते थे। उनके दो पुत्र थे, पं० आत्माराम शुक्ल और पं० जीवाराम शुक्ल। पं० आत्माराम शुक्ल एवं हुलसी के पुत्र का नाम महाकवि गोस्वामी तुलसीदास था, जिन्होंने श्रीरामचरितमानस महाग्रंथ की रचना की थी। नंददास जी के छोटे भाई का नाम चँदहास था। नंददास जी, तुलसीदास जी के सगे चचेरे भाई थे। नंददास जी के पुत्र का नाम कृष्णदास था। नंददास ने कई रचनाएँ- रसमंजरी, अनेकार्थमंजरी, भागवत्-दशम स्कंध, श्याम सगाई, गोवर्द्धन लीला, सुदामा चरित, विरहमंजरी, रूप मंजरी, रुक्मिणी मंगल, रासपंचाध्यायी, भँवर गीत, सिद्धांत पंचाध्यायी, नंददास पदावली हैं।

©ठाकुर अमित #CrescentMoon
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ठाकुर अमित

गोस्वामी श्री तुलसी दास जी
श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। रामचरितमानस लोक ग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है। महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान दिया गया। तुलसीदास जी स्मार्त वैष्णव थे।

©ठाकुर अमित #CrescentMoon
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ठाकुर अमित

गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।

तुलसीदास

काँच मन्दिर, तुलसी पीठ (चित्रकूट) में प्रतिष्ठित गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा
जन्म
रामबोला
1511 ई० (सम्वत्- 1568 वि०)[1]
सोरों शूकरक्षेत्र, जनपद- कासगंज, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्यु
1623 ई० (संवत 1680 वि०)
वाराणसी
गुरु/शिक्षक
शूकरक्षेत्र सोरों निवासी पंडित नृसिंह चौधरी (स्मार्त-वैष्णव)
खिताब/सम्मान
गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, इत्यादि
साहित्यिक कार्य
रामचरितमानस, विनयपत्रिका, दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, वैराग्य सन्दीपनी, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, इत्यादि
कथन
सीयराममय सब जग जानी।
करउँ प्रनाम जोरि जुग पानी ॥
(रामचरितमानस १.८.२)
धर्म
हिन्दू
दर्शन
स्मार्त वैष्णव

©ठाकुर अमित #CrescentMoon
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ठाकुर अमित

मोहब्बत की पहेली में हमें ऐसे न उलझाओ,
नहीं आती हमें चालाकी इसे अब तुम ही सुलझाओ,
तेरी खुशियों की खातिर ही मैं तुझ से दूर रहता हूं......,
क्या करती हो तुम भी मोहब्बत ये हमको आज बतलाओ।
तेरी खातिर ही मेरी सांसों का आवागमन है जारी,
वैसे तो दिल में खाली पड़ी है ये ज़मीं सारी,
यहां सब लोग करते हैं इज़हारे मोहब्बत का.....,
नहीं मंज़ूर है हमे इस दिल में किसी और की हिस्सेदारी ।
तेरी खातिर ही मैंने छोड़ दी थी ये दुनियां सारी
था बचपना मेरे अंदर न थी ज़रा सी समझदारी
रुलाते हैं आज भी अल्फाज़ वो तेरे......,
क्योंकि मेरी मोहब्बत थी मुझे अपनी जान से प्यारी।

✍️ ठाकुर अमित

©ठाकुर अमित #Likho
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ठाकुर अमित

जी करता है तेरी जुल्फ़ों में सो जाऊं,
जी करता है तेरी आंखों में खो जाऊं,
जाना हम तो इस क़दर मसरूफ़ हुए हैं तुम्हारी मोहब्बत में......,
अगर हो मुकम्मल मिलना नसीबों में तो मैं तेरा हो जाऊं ।
यूं तो हर एक नदी का किनारा होता है,
मोहब्बत में साथ रहने का एकसारा  होता है,
न जाने कितनी मन्नतो के बाद पाया है तुमको....,
वरना प्यार करने वाला हर शख्स हमारा होता।
जाना अब नहीं रही पहले वाली वो बातें,
दिन तो कट जाता पर नहीं कटती हैं ये ज़ालिम रातें,
आज कल रब भी क्या सितम ढा रहा हैं.....,
फैली हैं आसमा ये सबनम भरी ये चांदनी फिर भी अंधेरा बता रहा है,
अगर न करूं मैं कोशिश तो करती तुम भी नहीं ये.....,
कि हम दोनों अपने दिल की एक दूसरे को बाते बताऊं ।
अगर हो मुकम्मल मिलना नसीबों में तो मैं तेरा हो जाऊं।।

 ✍️ठाकुर अमित

©ठाकुर अमित #Moon
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ठाकुर अमित

जी करता है तेरी जुल्फ़ों में सो जाऊं,
जी करता है तेरी आंखों में खो जाऊं,
जाना हम तो इस क़दर मसरूफ़ हुए हैं तुम्हारी मोहब्बत में......,
अगर हो मुकम्मल मिलना नसीबों में तो मैं तेरा हो जाऊं ।
यूं तो हर एक नदी का किनारा होता है,
मोहब्बत में साथ रहने का एकसारा  होता है,
न जाने कितनी मन्नतो के बाद पाया है तुमको....,
वरना हमसे प्यार करने वाला हर शख्स हमारा होता।
जाना अब नहीं रही पहले वाली वो बातें,
दिन तो कट जाता पर नहीं कटती हैं ये ज़ालिम रातें,
आज कल रब भी क्या सितम ढा रहा हैं.....,
फैली हैं आसमा ये सबनम भरी ये चांदनी फिर भी अंधेरा बता रहा है,
अगर न करूं मैं कोशिश तो करती तुम भी नहीं ये.....,
कि हम दोनों अपने दिल की एक दूसरे को बाते बताऊं ।
अगर हो मुकम्मल मिलना नसीबों में तो मैं तेरा हो जाऊं।।

 ✍️ठाकुर अमित

©ठाकुर अमित
  #Moon
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ठाकुर अमित

दूरियां कुछ बढ़ गई हैं अभी बहुत सी बातें बाकी हैं,
तेरे किए वादे की बहुत सी मुलाकतें बाकी हैं।
 घूमूं कब तक मारा-मारा इस  ज़मी आसमां तक,
वो  गमों  का लम्हा अकेले देखूं  कहां तक.....।
जिस दिन होगा सजदा तेरा 
वो वक्त आने में अभी रातें बाकी हैं।
दूरियां कुछ बढ़ गईं हैं अभी बहुत सी  बातें बाकी हैं ,
तेरे किए वादे की बहुत सी मुलाकातें बाकी हैं।।

✍️ ठाकुर अमित

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