Nojoto: Largest Storytelling Platform
vidushimishra1923
  • 32Stories
  • 6.9KFollowers
  • 11.9KLove
    17.6KViews

vidushi MISHRA

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

पृथ्वी में आवेग आए  तो 
वो 
जब चाहे अपने मन के भार को
 किसी ना किसी रूप में निकाल
 ही देती हैं 
पर 
मानव मन में आवेग आए
 तो 
उससे निकले प्रदार्थ को 
कोई धरातल नहीं समेट
 सकती हैं....

©vidushi MISHRA #thought  जय श्री राम

#thought जय श्री राम #भक्ति

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

White  एक बात तो बताओ
 अगर वीरह और वेदना में डूब जाने के बाद 
अगर 
अनन्त सुख की प्राप्ति हो भी जाए 
तो क्या वाकई
 इंसान परिपक्व हो जाता है 
अपने जीवन यापन के लिए 
या 
 शून्यता की अनुभूति उसे हर सुखों से वंचित कर देती है
 या
 फिर 
 जीवन के वास्तविक ज्ञान 
 और भौतिक सुखों में वो उलझ कर रह जाता है

©vidushi MISHRA #Sad_Status  नये अच्छे विचार

#Sad_Status नये अच्छे विचार

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

Unsplash इस हद तक बेजार हो रही हूॅं मैं
 इस मुस्कुराहट के साथ 
खुद को खुद ही नहीं समझ पा रही 
अगर
 टूट ही गई हूॅं तो बिखर क्यों नहीं जा रही
 क्यों 
उम्मीद के दामन का एक धागा 
खुद की उंगलियों में लपेट 
रखी हूॅं

©vidushi MISHRA #Book  सुविचार इन हिंदी

#Book सुविचार इन हिंदी

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

White इंसान की समस्या मूलतः 
व्यक्तिगत 
होती है
 उसे  कोशिश भी यही करनी चाहिए
 की 
व्यक्तिगत तौर पर ही 
उन समस्याओं को 
निपटा ले..….

©vidushi MISHRA #love_shayari  hindi poetry

#love_shayari hindi poetry #Poetry

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

White भला बताओ तो कैसे आ सकती है
 मुझे नींद 
आंखों की राहत के लिए एक दो झपकी
 ले भी लूं 
पर 
नींद तो नहीं आ सकती 
वजह न पूछना
 क्योंकि 
वो बातें इतनी गहरी है कि 
तुम उतर भी नहीं पाओगे मुझमें 
और उतर भी गए तो यकीन मानो 
डूब जाओगे तैर नहीं पाओगे 
ये मैं ही जानती हूॅं मैं कैसे तैरती  हूॅं 
उन तमाम बातों के 
साथ......

©vidushi MISHRA #sad_qoute  poetry in hindi Hinduism

#sad_qoute poetry in hindi Hinduism #Poetry

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

White बेहद लगाव नहीं रखना चाहती मैं
 अब किसी से भी
 क्योंकि 
खुद को फिर से खोना नहीं चाहती 
 बिखरी थीं जो पिछली दफा
 अब तक पूरी ना सीमट सकी
 मैं.....

©vidushi MISHRA #sad_shayari  poetry hindi poetry

#sad_shayari poetry hindi poetry #Poetry

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

White  कोई बता सकता है कि
 कितना झूठ बोलना चाहिए 
कैसे बोलना चाहिए 
और हाॅं 
किस हद तक चलाक हो जाना चाहिए 
कि 
बस अपना काम बन जाए
 हैरान है सब की  
इस युग में भी मुझे यें सब नहीं आता 
उन्हें कैसे समझाऊं कि
 यें सब करके मुझे सुकून नहीं 
आता अंततः  मैं वही करती हूॅं 
जो वास्तविक होता है
 फिर 
चाहे परिणाम जो भी 
हो.....

©vidushi MISHRA #love_shayari  hindi poetry on life  hindi poetry poetry

#love_shayari hindi poetry on life hindi poetry poetry #Poetry

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

White  माना कि
 मैं हर गली हर चौराहे से गुजरती हूॅं 
पर यकीन मानो दस्तक  सिर्फ और सिर्फ 
तुम पर ही देती हूॅं
 क्योंकि
 मेरी पहली आरजू  हो सिर्फ और सिर्फ 
 तुम ही हो 
मैं ये भी जानती हूॅं की
 वास्तविक रूप नहीं है तुम्हारा 
पर फिर भी तुम्हारे नाम से जुड़ने
 की चाहत मुझे आखरी सांस 
तक रहेंगी.....

©vidushi MISHRA #good_morning_quotes  आज का विचार  कविताएं

#good_morning_quotes आज का विचार कविताएं

70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

White अपने भावों को अगर शब्दों में समेटने  
की कला आ जाए 
तो मुझे नहीं लगता की 
व्यक्त करने का माध्यम इससे बेहतर 
भी हो सकता है
 क्योंकि 
मनुष्य ने तो हमेशा 
भावों का भावों से ही 
हरड़ किया 
है

©vidushi MISHRA 22agust
70515c7eaffccfbc028aba800996bb43

vidushi MISHRA

स्पर्श चाहे जिस भी प्राणी 
का हो 
अगर मन को स्पर्श कर ले
 तो 
मनुष्य परत दर परत 
खुलता जाता
 है

©vidushi MISHRA #Journey
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile