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aanandmuzaffarpu2574
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

Writer Instagram:- aanand_muzaffarpuri

https://www.youtube.com/channel/UC700WL9lO-kT5ZjNV3SCEgA

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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

हमारी जिंदगी ऐसी है जिसकी ऊँचाई सबको दिखती है
पर खाई कोई नही देख पाता, ।।

अब ये उन्हें कौन बताये, ज़नाब खाई देखने के लिए भी पहले उचाई पे आना पड़ता है  ।।

©Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी] #fourlinepoetry
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

हमारी जिंदगी ऐसी है जिसकी ऊँचाई सबको दिखती है
पर खाई कोई नही देख पाता, ।।

अब ये उन्हें कौन बताये, ज़नाब खाई देखने के लिए भी पहले उचाई पे आना पड़ता है  ।।



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©Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी] #संघर्ष #जिंदगी
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

ऐ जिंदगी तू कितनी ख़ास रही है 
बस  बन  के  इक  लास  रही  है 
ख़ुदखुशी  ग़वारा  नही  मुझ  को
वरना  बद  से बक़-वास  रही  है

©Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

हर  लब  के  पीछे  इक  लब  है
जैसे  हर सहर के  पीछे  शब है
ख़ुद को ख़ुदा ना समझ मेरी जां
हर कर्म का हिसाब रखता रब है

©Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी] #शेर

#Morning
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

तेरे इश्क़ में इस हद तक जा चुका हूं मैं
तेरा भी ना हुआ, ना ख़ुद का रहा  हूं मैं

जिन्दगी साहिल के रेत सी बनी है,जब-
जब लिखा गया इक झोकें से मिटा हूं मैं

©Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी] #aanand_muzaffarpuri
#worldpostday
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

यूँ  मेरी  जां  अटकी  पड़ी  है  रकीब  में
जैसे अमीर की  दौलत फ़सी हो गरीब में

©Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी] #story
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

#poetryunplugged
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

जिंदगी में अपनों की भी जिल्लत उठानी पड़ती है
कभी - कभी  ऐसे  भी  जिंदगी  बितानी  पड़ती है

माँ - बाप  चुप - चाप  सब  सहन  कर  जाते  है
उसे क्या पता, नादानी की कीमत चुकानी पड़ती है

©Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी] #मतला #शेर
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Abhiuday Mishra [आनंद मुज़फ्फरपुरी]

#Shayari
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