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anuj5009765614358
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अनुज

लखनऊ, भारत

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अनुज

White न जाने मेरी सुबह और शाम कहां,
बिन वजूद के किसी का एहतराम कहां,

वैसे तो डूब जाना चाहता हूं नशे में मै,
मगर मुफलिसी में इसका भी इंतेज़ाम कहां,

लोग जोड़ते है इश्क में मेरा नाम सबसे
मगर तेरे नाम के बिना मेरा नाम कहां,

जब तक अश्कों को तकियों का सहारा न मिले
तब तक मुकम्मल इश्क ए अंज़ाम कहां

लोग सुकून ढूंढते हैं मंदिर मस्जिद,
तू मुझे देख न ले तब तक आराम कहां,

वैसे तो नशे के लत तमाम है मगर
जो तुझको भुला दे वो जाम कहां,

©अनुज #sad_qoute
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अनुज

White मेरे हिस्से में दर्द है और फरियाद है, 
न जाने इस पहर कौन साथ है,

वैसे तो तमाम रिश्ते है दर ओ दीवार में,
कौन पूछता है के क्या मेरे हालात है

लबों पर खुशी हो तो हुजूम साथ है,
ग़मो में सिर्फ साथ मुश्किलात है,

उम्मीदों से कहां कोई इंसान टूटता है,
टूटता तो सिर्फ इंसानी जज़्बात है,

वो कसमें वो वादे सब दफा हो गए,
एक पल में ही मेंहदी और बारात है,

तुम रुखसत हुई जब से जिंदगी से मेरी,
मेरी तबियत तभी से कुछ नाशाद है,

मगर खुश हूं घूट पीकर बेवफाई का मै,
के सामने एक घर मेरे आबाद है,

©अनुज #love_shayari
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अनुज

White अब तो तुम्हारे नाम का, कुछ भी बचा नहीं,
और मैं तुम्हारे काम का, कुछ भी बचा नहीं,
जो भी पड़ा है टुकड़ों में, उसको समेट लो,
मै और मेरे ईमान का कुछ भी बचा नहीं !!

©अनुज #sad_shayari
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अनुज

White क्या लिखूं कि हाल-ए-गम भुलाया जाए,
लिखके ग़म खुद के, खुद ही सुनाया जाए
अब कहां फ़ुर्शत है किसी को किसी के लिए,
 मुस्कुराहटों से ग़म-ए-हिज़्र छिपाया जाए l

©अनुज #sunset_time  sad shayri

#sunset_time sad shayri #SAD

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अनुज

मंदिर की मां को सबने पूजा,
घर के भगवान न पूजे जाएं,
मन में ईर्ष्या, छल कपट भरा,
और तन गंगा में कूदे जाएं,
              मंदिर की मां को सबने पूजा!!
              घर के भगवान न पूजे जाएं!!
घर में मां ने रहकर भूखे,
तुम सबको दिया निवाला है,
उनको क्या मालूम था ऐसा,
कि मन बच्चों का काला है,
एक भी आंसु उनके निकले,
फिर तुमको ईश्वर नहीं मिलेंगे,
पुण्य क्षीण हो जाएंगे सब,
खुशहाली के फूल नहीं खिलेंगे,
कुछ ऐसा भी कर दो इंसानों,
मां बाप के चेहरे खिल जाए,
             मंदिर की मां को सबने पूजा!!
              घर के भगवान न पूजे जाएं!!
खुशहाली के मौकों पर,
कितना उत्पात मचाओगे,
जिन मां बाप को धिक्कारा,
फिर उनके चरणों में आओगे,
सब कुछ न्योछावर कर डाला,
कितना हिसाब दे पाओगे,
अब तुम तुले हुए हो कि,
ईश्वर तुम पर उपकार करे,
और एक पैर पर खड़े रहे कि,
जो मन में हो वो मिल जाए,
              मंदिर की मां को सबने पूजा!!
              घर के भगवान न पूजे जाएं!!

©अनुज #oldage
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अनुज

White कर्म को सिंचित करूं मैं
फूंक कर पग को धरूं मै,
स्वांस को मै भींच लेता 
प्राण को मै खींच लेता
दो गज धरा को नाप लेता
और स्वयं अभिशाप लेता
कर रहा सर्वस्व अर्पण 
मृत्यु को जीवन समर्पण......

प्रेम का तर्पण करूं मैं,
स्वयं का समर्पण करूं मैं,
आशाओं की रेखा खींच लेता,
अश्रुओं से मन को सींच लेता,
मखमल की चादर छोड़ देता,
बिस्तर मगर पाषाण लेता,
आसमान को कर के दर्पण,
मृत्यु को जीवन समर्पण.......

©अनुज #Poetry
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अनुज

White संबंधों से पृथक,
जीवन का मूल्यांकन,
मन आश्वस्त और
मन से ही मन का अनबन,
प्रेम सर्वश्रेष्ठ परन्तु,
त्याग की अनुभूति भव्य,
अग्नि में समाहित सार,
जीवन का अंतिम गंतव्य,
वैराग्य स्वयं को कर समर्पित,
ओंकार में लीन,
सामाजिकता से परे,
व्यक्ति अर्थविहीन,
कब तक इस हाड़-मांस में,
स्वांसो का अनुमान,
फिर बची राख अवशेष,
मगर पड़ा रहा अभिमान,
कब जाने हो जाए,
मेरे जीवन का तर्पण,
पंचतत्व में हो विलीन,
मुक्त रहे मेरा कण-कण,
संबंधों से पृथक,
जीवन का मूल्यांकन.....

©अनुज #lifelessons #Life
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अनुज

White इतने ऊंचे ऊंचे पर्वत,
इतनी नीची नदिया क्यों 
कल ही छोड़ा साथ तुम्हारा, 
लगती जैसे सदियां क्यों,
आओ ! हमारे पास रहो,
जैसे बादल से पर्वत मिलते है,
मैं बन कींच,कमल तुम बनो,
चलो साथ में खिलते है,
दिन में रोज उजाला है,
पर अंधकार में रतियाँ क्यों,
इतने ऊंचे ऊंचे पर्वत,
इतनी नीची नदिया क्यों.....
तुमको वन उपवन समझूं 
खुद को बारिश की बूंदे
इतना प्रेम समर्पण है,
फिर गहराई में क्यों कूदे 
सारे वृक्ष बुजुर्गो ने,
हिल-हिल कर सहमति दे डाला,
सबने सहज रूप स्वीकार किया,
फिर पीछे इतनी बतिया क्यों
इतने ऊंचे ऊंचे पर्वत,
इतनी नीची नदिया क्यों...

©अनुज 
  #wallpaper
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अनुज

White तारे गिन कर रात बिताना अच्छा है,
जैसे हो हालात बिताना अच्छा है,
कौन बनेगा जाने किसकी परछाईं 
जीवन अपने साथ बिताना अच्छा है,

बिन छत के बरसात बिताना अच्छा है,
प्यार में अपना ताना बाना अच्छा है,
वैसे तो परहेज मुझे सबसे घर में,
पर तेरा घर में आना जाना अच्छा है,

©अनुज #love_shayari
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अनुज

White मैं सिमट कर प्रेम में, गुमनाम हो जाऊं,
तू मेरा और मैं तेरा आयाम हो जाऊं,
टूटकर चाहे मुझे गर कोई मीरा तो,
मैं राधा का कन्हैया और सीता राम हो जाऊं।

©अनुज 
  #love_shayari
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