मिलती है कोई चीज हमें जिंदगी में तब
जब हमको उसकी कोई दरकार नहीं होती ।
पत्थर तो टूटता है अंतिम ही चोट पर,
हथौड़े की सभी चोटें बेकार नहीं होती।
#Shayari
राजवीर 'रसिक'
हर रोज सुबह होती है
हर रोज जागता हूं मैं ।
फिर मैं जिंदगी तेरी बेहतरी के लिए
रात होने तक भागता हूं मैं।
करता कुछ और रहता हूं दिन भर
करना कुछ और चाहता हूं मैं।
#लफ्ज़_ए_राज़#मेरी_सुबह#हर_सुबह
राजवीर 'रसिक'
हाल-ए-दिल सच में कोई कहां जान पाता है।
नदी का हाल समंदर से पूंछा जाता है।
#लफ्ज़_ए_राज़
पैसा जवानी के प्रेम के लिए प्राथमिक है,
गरीब मजदूर लकड़हारे से प्रेम हमने सिर्फ कहानियों में पढ़ा है ।
#लफ्ज़_ए_राज़#पैसा_और_प्रेम#शायरी
राजवीर 'रसिक'
किसी एहसास को तनहा नहीं रखा मैंने ।
उससे मिलकर कभी पर्दा नहीं रखा मैंने ।
इसका वादा था कि मिलते रहेंगे अक्सर,
रोज मिलने का भी वादा नहीं रखा मैंने ।
#intimacy#Nudeness#lovewithyou#ishq#Pyar#shayri
राजवीर 'रसिक'
इश्क़ परवाज पे लाके
छोड़ेगा
मालूम न था ।
दिल मेरा कोई यूँ
तोड़ेगा
मालूम न था ।
#intimacy