अंधेरी रातों का जुगनू हूं मैं, रात के अंधेरे को गुरूर है खुद पर, पर हमारे उजाले के सामने वह फीका है हम खुद की रोशनी पर नाज करते हैं कभी किसी से उधार लेना नहीं सीखा है.
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Harshit Singh
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Harshit Singh
nojoto
बस इतना ही आप सब से कह जाती हूं मैं
समाज की ओछी मानसिकता की बेड़ियों से बंध जाती हूं मैं
लाखों सपने लिए आंखों में घर में ही रह जाती हूं मैं
बस एक ही जुर्म है मेरा की ""बेटी ""हूं मैं
Indeevar Joshi Haksh Pandey Fateh Chauhan Divya Joshi नयनसी परमार
Harshit Singh
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ यही बिहार का नारा है
कूड़े कचरे चुनचुन कर हो रहा इनका गुजारा है
nojoto
Harshit Singh
तूमरे रस में पिया डूबा है तन मन मोरा
तनीक छुअन से यूं बलखाए जैसे कोई कागज कोरा Internet Jockey नयनसी परमार Fateh Chauhan Divya Joshi Haksh Pandey
Harshit Singh
मैं तुमसे बिछड़कर प्रेम रोगी नहीं शायर बना हूं
अपने तर्पण को कोरे कागज पर उतार कर मशहूर हुआ हूं Aadarsha singh Haksh Pandey Fateh Chauhan Divya Joshi Kajal Kapoor
Harshit Singh
मेरे बदन पर कपड़े नहीं है यह अलग बात है कि तुम सोने के चम्मच से खाते हो
मैं तो टूटी फूटी झोपड़ियों में गुजारा कर लेता हूं तुम महलों में रात बिताते हो
Harshit Singh
हवस की आंधी चली और मेरा साया उड़ गया
दरिंदगी में वह मां बहनों का पहचान भूल गया
नोच खाया है उसने मेरे पूरे बदन को
शरीर पर कपड़े भी नहीं बचे हैं अब कफन को
क्या कहूंगी मैं इस गूंगे बहरे समाज को
एक पल की भूख मिटाने को मुझे कलंकित कर गया
पूरा जीवन नजरे छुपाने को मुझे जिंदा छोड़ गया
Internet Jockey नयनसी परमार Indeevar Joshi Aadarsha singh
Harshit Singh
पिंजरे में अगर चांद को कैद करोगे
फिर रोशनी से मोहब्बत तुम कैसे करोगे
हर शाम कोई ही चांद आता है मेरी खिड़की पर
और अपनी रोशनी की वफा की कहानियां सुनाता है
Harshit Singh
फसलों की बुनियाद पर टिकी परी है जीवन की गाथा
भूख लगे तो काम ना आवे कोई भी रघुवर की गाथा