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sakshishankhdhar5913
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Sakshi Shankhdhar

proud to be brahaman 🌜sakshi Shankhdhar💥 🔶Simple#and#sweet 🔶Only shayr 😀🎶🎻 Profession; HR in minda carporation follow me on Instagram-- दिल की बात कुछ अनकहे अल्फ़ाज़..... and u can find out me on Google ... plz support me guys ...

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Sakshi Shankhdhar

नारी तुम मौन त्यागो,
दुर्गा बन कर भरो हुंकार ।
मत देखो  रूप दुर्गे का,
तुम देखो उनके हथियार।
जो कोई चितवे तुच्छ दृष्टि से,
काली का तुम लो अवतार।।
संसार भरा है असुरों से,
करने तेरी नजुकता पर वार।
बिजली बन कर तुम टूट पड़ो,
राख करो धरती का भार।।


ममता प्रेम नेह की मूरत
संबंधों की तुम बुनियाद।
तारणी तुम नारायणी भी तुम ,
रक्षा करो सदा रिश्तों की,
पर मत सहना शीलाघात।।
फूलो को तुम खुशबू देना,
कांटो को कांटो का हार।

व्यथा पराई कौन समझता,
अपने ही करते जय जयकार।
अपनी रक्षा खुद करनी है,
भीम सी तुम हो बलवान ।।
शासन नेता सब मौन पड़े है,
बिके हुए है, अब अखबार।
काली जैसी तुम बन जाना,
दुश्मन का तुम करने नाश।।

©Sakshi Shankhdhar #chaandsifarish
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Sakshi Shankhdhar

जिसका स्वरूप चांद सा है,
नयन जिसके कमल भांति है,
शरीर जिसका फूलो सा कोमल,
 सूरज की स्वर्णिम लाली जैसे होठ है।
रूप चमत्कारी ऐसा, जिसपे मोहित हो जाए संसार है।
ऐसी मोहिनी छवि जैसे मेरे प्रभु श्री राम है।

विपत्ति में भी जो है हंसते,
हनुमंत के हृदय में बसते,
तीन माताओं की आंख के तारे श्री राम है।
ऐसी मोहिनी छवि जैसे.......

दसरथ के राजदुलारे 
अयोध्या के प्राणन प्यारे 
वचन के ऐसे है कर्मठ,
जो आज्ञा दी मात ने तो ,
सब कुछ त्याग बन जाने को  तैयार है,
ऐसे मोहनी छवि के जैसे मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम है।


सबरी के जो झूठे बेर खाए,
केवट को जो पार लगाए,
श्रापित शिला को  भी नारी बनाए,
ऐसी मोहिनी छवि वाले रघुनंदन श्री राम है।

तोड़ धनुष ब्याह लाए जानकी को,
मिथिला के जमाई श्री राम है,
ऐसी मोहिनी छवि जैसे मेरे प्रभु श्री राम है।

©Sakshi Shankhdhar #NojotoRamleela
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Sakshi Shankhdhar

कृष्ण कृष्ण कृष्ण कण कण कण में कृष्ण है,
कृष्ण पालक है संसार के,
सृष्टि के रचियता भी कृष्ण है।

यशोदा की डेहरी जो भी ना लांघ पाए,
दो पग में दो युग नाप ले वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण.....


बचपन की अठखेली में माटी थी चाटी,
पूरे ब्रह्मांड को मुख में दिखा दे वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण........


संखियो के संग ब्रज में जो रास करे,
कालिया नाग नाथ के जो नाच करे वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण......

अपने प्रेम से जो चित चुराए संसार का,
क्रोध में जो चक्र लेके दौड़ जाए वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण....


अक्षर खड़ी जो सीख रहे मईया से,
महाभारत का जो सार सिखाए वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण......

©Sakshi Shankhdhar #DearKanha
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Sakshi Shankhdhar

White 

कलयुग के इस युग में,
नारी का सम्मान नही,
हर रोज़ ये बन जाते है दुशासन 
जघन्य अपराध से भी डरते नहीं ,
ना ही भय करनी का है।
द्वेष दुर्भाव मिटाने को,
 कृष्ण अब तुम अवतार लो l
जो रची है सृष्टि तुमने,
अब उसका उद्धार करो।


दूध दही अनमोल रत्न त्याग कर 
मांस मदिरा के नशे में चूर है,
चार पैसों को चकाचौंध में,
बने कितने अभिमानी है।
अब बस सारथी बन कर,
भटको को राह दिखलानी है।
जो रची है सृष्टि तुमने,
अब उसका उद्धार करो।

©Sakshi Shankhdhar #Krishna
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Sakshi Shankhdhar

दूरियो में भी मोहब्बत बरकरार इस तरह,,
अश्क आंखों में,गिरफ्तार हो जिस तरह l

बड़े एहतराम से रहते है गम के तूफ़ान मुझमें,,
दर्द प्यार में छुपा रहता है बेशुमार जिस तरह।

तेरे जहन में क्या है, कैसे दिखेगा मुझे,,
दिखता नहीं आईने में आर पार जिस तरह।

मोहब्बत नहीं थी शायद क़िस्मत में हमारी,,
मिल जाते हम जैसे मिलती है लहरे साहिल पर जिस तरह।

वो लिवास की तरह रिश्ते बदल लेते है "साक्षी ",,
आता है रोज बदल कर अख़बार जिस तरह।।

                              @साक्षी शंखधार

©Sakshi Shankhdhar #Likho
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Sakshi Shankhdhar

जिसने कभी मां बेटी बहन की इज़्ज़त नही की,
वो भी आज मां दुर्गा को बुलाने की  विडंबना करेंगे।

©Sakshi Shankhdhar #happyNavratri
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Sakshi Shankhdhar

White कैसे बयां करूं अपने इश्क को
मेरी खामोशी में भी हज़ार सवाल है

©Sakshi Shankhdhar #sad_qoute
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Sakshi Shankhdhar

White चैन आपको मिला,
मुझे आवारगी मिली

©Sakshi Shankhdhar #Sad_Status
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Sakshi Shankhdhar

राधा जो कृष्ण की प्राणप्रिये है,
गिरधर जो मीरा के प्राण प्रिए है।
किशोरी को कृष्ण की देह मिली,
मीरा जो एक दर्श को पागल है।

ए विधाता तेरे भी खेल निराले है,
एक  सबकुछ पाके भी जीत न सकी,
एक अपनी ही हार में पागल है।


दोनो की चाह तो कृष्ण  ही है,
एक के जीवन में विरह है लिखा,
एक जो पाने को पागल है।

कृष्ण प्रियतम दोनो के ही थे
एक जो विवाह बंधन में बंध ना सकी
दूजी जो बिन फेरो के ही पागल है।

कृष्ण जो दुनियां के पालक है,
राधा जिसने है प्रेम सिखाया,
मीरा जो भक्ति में पागल है।

©Sakshi Shankhdhar  कविताएं

कविताएं

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Sakshi Shankhdhar

मनमोहना ने वृंदावन में ऐसा मोह लिया,
मोहन की मनमोहक छवि पर मोहित हो गई।

©Sakshi Shankhdhar
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