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alfaazdilse9173
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Alfaaz dil se

https://www.instagram.com/alfaaz_dil_se_jitender/

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Alfaaz dil se

White एक खालीपन सा है अभी ए खुदा मेरे लफ्जों की स्याही में,
मिलेंगी तुझे तो जब ढूंढेगा छींटे गहरी मेंरी तन्हा स्याही में,

गुप अंधेरा दिखा है मुझको जब जब ढूंढा तुझे स्याही में,
रंग चाहे कितने भी रख लूं तेरे बिन मैं कागज़ की स्याही में,

रूप निखार सब लिख देते हैं मैं लिखता सादगी तेरी स्याही में,
जान डाल देती है एक अदा बस तेरी ना जानें क्यों स्याही में।।

©Alfaaz dil se #wallpaper
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Alfaaz dil se

मैं तो हर वक्त ख़ास लिख लेता हूँ तुझे ना जाने क्यों नहीं पता,
पर तेरे हर नए अहसास को लफ्जों में पिरोता है ए सनम सफ़र तेरा,

कभी यूं ही लिखता था मैं बे खयाली सा खुद में खुश होकर सुन,
दे गया मुझे भी अनजाने ख्याल ना जाने कब ये सफर तेरा,

भरा हुआ है अब तेरी रूह का कतरा कतरा इश्क के एहसासों से,
दिखा गया तेरे एहसासों के समुंदर को मुझे भी ये सफ़र तेरा,

दर्द मिलता है अक्सर इश्क की राहों पे मैने सुना था बस ए सनम,
टूट कर बिखर जाता है दिल का हर हिस्सा बताता है सफ़र तेरा,

लिख रहा है तेरे हर अहसास को अपनी कलम की स्याही से सुन,
खुदा ने चाहा तो कभी फिर बन बैठेगा पाक इश्क हमसफ़र तेरा।।
                                                                           Part 5

©Alfaaz dil se #WallTexture
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Alfaaz dil se

कीमती है तेरा हर एक मोती जो गिरा है तेरी आंखों के समुद्र से,
बना मूक दर्शन बैठा है आज तक ना जाने क्यों ये सफ़र तेरा,

हो गई है बे कद्र तेरी हर धड़कन जनता है ये जमाना भी सुन,
काटना मुश्किल हो गया है जो लगा था कभी आसान सफ़र तेरा,

तेरा वजूद कीमती है बहुत तेरे हर चाहने वाले के लिए सुना तूने,
ना जाने कब समझेगा ये बात नादान सा कमबख्त सफ़र तेरा,

बस तू चलती चल आहिस्ता आहिस्ता तू बढ़ा क़दम आगे अपने,
एक दिन तुझे खुद से मिला ही देगा एक अनजाना सा सफ़र तेरा,

ना जाने कोई तेरे इश्क की गहराई को ना ही कोई समझे भाव तेरे,
पर लफ्ज़ मेरे बख़ूबी बयां करते हैं कितना बेरहम रहा सफ़र तेरा,
                                                                            Part 4

©Alfaaz dil se #WallTexture
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Alfaaz dil se

खुद को खुद में कैद कर लिया मन से बैर कर लिया,
पर चीखता है जब तुझे तुझ से मिलाता है सफ़र तेरा,

कभी ज़ख्म देता है कभी मरहम बन मिल जाता है,
बड़ा पेचीदा चुना है खुदा अब  इश्क सफर तेरा,

कभी मुस्कुराती हो कभी चुप हो जाती हो अजनबी सा अब,
अजनबी सा है अब तुम खुद जानती हो तुमसे ये सफर तेरा,

कभी आंखों सा गहरा कभी मीठा होंठों सा सुन ए सनम,
पल पल रंग बदलता है खूबसूरत दुनिया का ये सफर तेरा,

कभी फूल मिले हैं कभी कांटों पे तुझे चलना पड़ा है बेवजह,
कांच सा नाजुक दिल तय कर रहा है बड़ा मुश्किल सफ़र तेरा,
                                                                         Part 3

©Alfaaz dil se #WallTexture
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Alfaaz dil se

राह अकेली है तेरी तुझे उसपे चलना है अकेले सुन,
मिल गया अगर मैं कहीं तो होगा खुशनुमा सफर तेरा,

खूबसूरत बहुत हो तुम तुम्हारी अदाएं बहुत प्यारी हैं,
हर दिल को अपना कर लें कमबख्त ये सफर तेरा,

इंद्रधनुष के रंगों सा है, है सावन की ठंडी फुहार सा,
मुझे मुझ से चुरा ले कुछ ऐसा है सनम सफ़र तेरा,

फूलों की कलियों सी तू, है बागों की तितलियों सी,
छीन ले जो नींद मेरी एक पल में है रंगीन सफ़र तेरा,

सुबह की खिलती धूप है सांझ का ढालता सूरज तू,
दिलों पे खंजर चला दे आंखों का मस्त सफ़र तेरा,
                                                          part 2

©Alfaaz dil se #WallTexture
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Alfaaz dil se

बदस्तूर चल रहा है ए जिंदगी अब तो ये सफ़र तेरा,
मुश्किल है काटना अब यहां हर राह में सफ़र तेरा,

निकले थे घर से हम तो खुद के रास्तों के लिए सुन,
भा गया मुझको तो ना जाने क्यों ए जिंदगी सफ़र तेरा,

हुस्न के दीवाने हम, हमें इश्क है अपने अल्फाजों से,
ना जाने कब हो गया मेरा ए अजनबी ये सफ़र तेरा,

कांटे मिलें चाहे मिलें मुझे पत्थर हजार तेरी राह में,
भर दूंगा फूलों से मैं हर पल अजनबी ये सफ़र तेरा,

दाग मंजूर हैं मुझे चाहे लगें कितने भी मुझ पे ए खुदा,
पर कर दूंगा बेदाग़ जाते जाते भी ये प्यारा सफ़र तेरा,
                                                          part 1

©Alfaaz dil se
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Alfaaz dil se

White बा अदब मुस्कुराए वो इस तरह आहिस्ता से वो छोड़ चले,
आंखे खुश थी जिन्हें देख कर एक दफा आंखे नम छोड़ चले,

था मैं कतरा भर तेरे बिना तेरे अहसास के हम निशान छोड़ चले,
रहनुमा बन तू मेरे करीब रहा तू गया तेरे पीछे हम दुनियां छोड़ चले,

रंग बहुत खूबसूरत थे मेरे लिए दुनिया के तेरा वजूद बेरंग छोड़ चले,
गुलाब सा है मेरा दिल तेरे लिए जिसे तुम कुचल कर मुझे छोड़ चले,

पैमाना था खाली तेरे आने से पहले सुन मैखाने कभी देखे नही मैने,
तेरे बाद तेरी याद में कुछ पैमानों में ऐसे डूबे तेरे निशान छोड़ चले,

काफिले थे हमारे पीछे भी ये वहम था हमें मुड़े पीछे तो अकेले थे,
दोस्त कहती थी जो परछाइयां हमें हम खुद ही उनको छोड़ चले,

शौक था यूं तो हमें हर वक्त तेरी चाहत को एक नया पैगाम दें पर,
एक मंजर ऐसा देखा मैने की पीछे तेरे हम कोरा कागज छोड़ चले,

बादल ने संग पानी का छोड़ा तब कहीं खूबसूरत इश्क फूल खिले,
धरती छूटी छूटा अम्बर बिन तेरे ए सनम हम तेरी गलियां छोड़ चले,

और बहुत शुक्रिया तेरा जितेंद्र को हुनर ए लफ्ज़ देने का ए सनम,
तेरे लिए तेरे बाद तेरे इश्क की कहानी को खूबसूरत बना छोड़ चले।।

                                                                              _जितेंद्र

©Alfaaz dil se #sunset_time
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Alfaaz dil se

White   जब देखा मैने तुझे खुदा कसम बहुत खूबसूरत से इरादे मेरे थे,
सच कह रहा हूं मेरे सनम बहुत ही प्यारे वादे लेकर तुझे मेरे थे,

तेरे होंठों पे खुशियां रहे मेरे बिना भी ऐसा ना कभी मैने सोचा था,
लेकिन सच है कभी ना कभी ,आंसू तो तेरे आने सिर्फ हिस्से मेरे थे,

तू बनती गई कभी नज्म तो कभी गजल मेरी सोच के समंदर से सुन,
तुझे जमीं से आसमां बनाने वाले लफ्ज़ भी खुदा जनता है सुन मेरे थे,

पाने की चाहत तुझे मेरी समुंदर की गहराई जितनी ही गहरी थी सुन,
ना तू मिली और ना कुछ साथ ही रहा छूट गए जितने साथी मेरे थे,

लफ्ज़ ब लफ्ज़ लिखूं ए सनमअगर मैं खूबसूरत सी इश्क कहानी तेरी,
टूट कर बिखर जाएंगे सारे खुबसुरत  ख्वाब ए स्याही जो मेरे थे,

पूछना भूल गया मैं तुझ से जो तू आगे बढ़ गई मुझे तन्हा छोड़कर,
याद है आज भी तुझे वो खूबसूरत तोहफा ए लफ्ज़ जो दिए मेरे थे,

मिलना तुझसे ए सनम एक सफर था खूबसूरत सा जिंदगी का,
हो गए अब वो सब अंधेरे कहीं जो उजाले कभी हिस्से मेरे थे,

शुक्र है तेरा ए खुदा मेरी जिंदगी में अभी चंद सांस बाकी हैं,
कोशिश तो खूब थी उनकी मुझे मिटाने की जो रकीब मेरे थे,

फूल, चांद, तारे और रातें जो ये सब तुझको बहुत भाते थे सुन,
दोस्त ना समझना तुम उनको ए सनम मेरा वो सारे दुश्मन मेरे थे,

बयां करे अब कैसे बता तू जितेंद्र को जो दर्द दिए वो तेरे थे,
शुरू हुआ नया सफर मेरा जब स्याही कलम दोस्त बने मेरे थे

©Alfaaz dil se #GoodMorning
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Alfaaz dil se

White "खून बहाकर पाई है हमने ये आजाद घड़ियां,
इश्क वतन से था उनको जिन्होंने लूटा दी जिंदगानिया,

याद रहे ए वतन तुझे अब हर पल वो कहानियां,
छूट गई हैं पीछे जिनकी यादों में निशानियां,

क्या कोई हिन्दू क्या कोई मुस्लिम सब लड़े एक तलवार से,
मिल गई खाक में ना जाने ए दोस्त कितनी ही जवानियां,

अब हम करते  याद उन्हें जो लिख बैठे वतन कहानियां,
खून खौल उठता था जिनका देख गुलामी की निशानियां"

      "हाथ जोड़ कर करे वंदना विनती यही है मेरी,
 हो जाओ अब खड़े तुम  आजादी अब जिम्मेदारी तेरी,
   
दे गए त्याग जो जीवन अपना सुनने आजादी वाली लोरी,
   कलम से लिखता है जितेंद्र फिर आजादी तुझे जो प्यारी,

       याद रखेगा ये देश हमेशा सुन ये बलिदान वाली खून की होली
आज खड़ा है बना हिमालय मेरे देश का प्यारा अडिग प्रहरी"

©Alfaaz dil se #happy_independence_day
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Alfaaz dil se

महफिल तेरी थी और हम दिल अपना गवां बैठे थे,
मेरे हर लफ्ज़ में तेरे दिल को शामिल कर अपना बना बैठे थे,

पसंद आ जाए तुझे मेरा संग कर खुदा से दुआ बैठे थे,
तेरी ही महफिल में पैगाम ए रूह तेरे लिए बुला बैठा थे,

तेरे दिल के अंधेरे को हम तो अपना उजाला बना बैठे थे,
तेरे ही इश्क के तरीके को हम अपना इश्क तरीका बना बैठे थे,

तू होकर इश्क में गुम महफिल ए इश्क को तबाह बता बैठे थे,
तेरे कतरे भर इश्क से हम मधुशाला को अपना हिस्सा बना बैठे थे,

साथ जब तेरा था तो एक उम्मीद से तेरा हाथ हम थामे बैठे थे,
रूह ए इश्क में हम तो तेरी सादगी को बंदगी बनाए बैठे थे,

तुम तो मिली नही पर तेरे इश्क की महफिल को सजाए बैठे थे,
रहम दिली को तेरी हम ए सनम इश्क अर्जी बनाए बैठे थे,

ज़ख्म ए इश्क को भरने के लिए रूह ए मरहम लाए बैठे थे,
जाना तो मेरा आखिरी रास्ता था तेरे लिए धड़कन धड़काए बैठे थे,

तेरे नाम को हम आज भी ना जाने क्यों होंठो पे सजाए बैठे थे,
मेरी महफिल में तो बस तेरा नाम लिए बदनाम हुए बैठे थे,

इश्क ए कमल की स्याही में हम तेरा नाम छुपाए बैठे थे,
हाल देख तेरा हम अपनी पलकों को भिगाओ बैठे थे,

तेरे ऊपर हम अपना सारा इश्क बरसाए बैठे थे,
हम तो तेरे इश्क में अपने लाल खून को तड़पाए बैठे थे

©Alfaaz dil se #WallTexture
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