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devesh7860446118705
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Devesh

दो पल की ज़िन्दगी है इसे जीने के सिर्फ़ दो उसुल बना लो, रहो तो फूलों की तरह और बिखरो तो ख़ुशबू की तरह !!😘😍

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Devesh

किस्मत को और दूसरों को इल्जाम क्या लगाना,
जब सपने हमारे है तो कोशिशें भी तो हमारी होनी चाहिए,,

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Devesh

कुछ तो चाहत रही होगी वारिस की बूंदो मे
वरना कौन यूं आसमान तक जाने के बाद जमीं पर आता है‌ ।

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Devesh

चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,
हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,
लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।

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Devesh

दोस्ती तुम निभा नहीं  पाए
दुश्मनों में नाम लिख लूँ क्या?
 दुश्मनी के भी तुम  नही लायक
अजनबी समझ के भूल जाऊँ क्या?
भूलकर भी मुझे भूल पाना 
मुश्किल होगा 
लायक बेशक मैं 
दोस्ती न दुश्मनी के 
अब जो फैसला तेरा 
कबूल हमें सब होगा।।

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Devesh

पढ़ाई या नॉकरी के नाम पर वो भी घर से दूर हो जाते है
सोचो कि आख़िर वो कितने मजबूर हो जाते है
मिलते है सबसे तो चटटान से दिखते है वो
पर साहब अकेले में वो भी चूर चूर हो जाते है
एक ही सलाह-
ज़िन्दगी में इतना व्यस्त हो जाओ
कि उदास होने का वक्त ही ना मिले

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Devesh

दो पल की ज़िन्दगी है इसे जीने के सिर्फ़ दो उसुल बना लो,
रहो तो फूलों की तरह और बिखरो तो ख़ुशबू की तरह !!

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Devesh

 enough
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Devesh

अभी तो इस '#बाज' की असली उड़ान' बाकी है
*अभी तो इस '#परिंदे' का '#इम्तेहान' बाकी है।*

अभी अभी तो मैंने लांघा है 'समुंदरों' को
*अभी तो पूरा 'आसमान' बाक़ी है।*
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Devesh

भीड़ भरे चौराहे पर जब, 
सांस लेने में तकलीफ हुई
तो इल्ज़ाम हवाओं पर लगाया
की बो जहरीली हो गयी ।
तपती दुपहरी में जब,
पानी पीने पर पेट दर्द हुआ ,
तो इल्ज़ाम नदी पर लगाया ,
की बो जहरीली हो गयी ।
फुरसत में  कुछ पल जमीन पर बैठे जब,
पैरों में जलन और खुजली हुई 
तो इल्ज़ाम जमीन पर लगाया ,
की बो जहरीली हो गयी ।
शाम को संगीत का आनंद लेने बैठे जब ,
कान में असहनीय  दर्द हुआ 
तो इल्ज़ाम आवाज़ पर लगाया 
की बो जहरीली हो गयी ।
भूमि ,जल और वायु एवम ध्वनि का उलाहना 
देकर सब को दूषित कर आया खुद मानव 
अंदर खुद के  झांक कर देखा तो 
आखिरी मुल्ज़िम  खुद थे हम ।

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Devesh

टूटने लगे हौंसले तो ये याद रखना

बिना मेहनत के तख्तों-ताज नही मिलते,
ढूंढ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी,
क्योकि #जुगनू कभी रौशनी के मोहताज नही होते… motivate
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