#RDV19
वो इस तरह से क़ायम है मुझमें....
जैसे हिलाल-ए-ईद हो....
तेरा ज़िक्र हो रहा है मुझमें....
जैसे इब्तिदा-ए-इश्क़ हो......
- कविता बछावद #nojotophoto
Kavita Bacchavad
#RDV19#ए- ख़ुदा
महसूस तो है तू.... पर फिज़ाओं में
एहसास तो है तेरा... पर कुदरती नज़ारों में
ढूढ़ता हूं फिर भी तुझे.. मंदिरों की मूर्तियों में
सराहता हूं फिर भी तुझे.. पत्थरों की कलाकृतियों में
#nojotophoto
Kavita Bacchavad
#RDV19#सहूलियत
सहूलियत से महरूम हुए बैठें थे...
जब देखा फूलों को खिलते....
काफुर से हो गए होश कुछ पल के लिए...
जाना मुस्कुराहट भी कोई चीज़ हैं....
आंखें छलक सी गई.... #nojotophoto
Kavita Bacchavad
#RDV19
आफ़रीन हैं........................
ये किताब ए ज़िन्दगी............
मुखातिब हुए जब सफ्हात से..
सफ्हा में फूल जैसे...............
शायद हम महक रहे थे..........
वक़्त खफा था हमसे कुछ......
पर हसीन वक़्त को............... #nojotophoto