मेरी पहली कहानी पहली मर्तबा फेसबुक पर.
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प्लेसमेंट प्वाईंट
"कितने दिन हुए रजिस्ट्रेशन किए ? " सामने बैठे रमेश ने अपनी स्वतंत्र मिजाज का होने का परिचय देने का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहता था इसलिए तो पूछा ।
"यही कोई चार - पांच दिन " गणेश ने बड़ी सहजता से जवाब दिया । #कविता
falendra kumar
हम तो राह ताक रहे कब से इस जहाँ में,
कोई तो आये टक्कर दे मुझे,
मिटने सिमटने लगे मेरी कमजोरी तो
दे हौसला बुलंद बोले हम भी हैं इस जहाँ में. #विचार
falendra kumar
चलिए मेरे लिए ही सही
पकड़े तो राह आपने सही
पहुँच जाएँगे मंजिल तक
जब तलक साथ खुद परवान होंगे। #विचार