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utkarshchauhan7624
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Utkarsh Chauhan

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Utkarsh Chauhan

जितनी उल्फत है ,उतनी ही तकाज़ी है
ये ज़िन्दगी लिखी नही , ये ज़िन्दगी कागज़ी है
                     
                               - उत्कर्ष चौहान कैसी है

कैसी है

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Utkarsh Chauhan

लड़ाई तक जाकर लौट आने की खूबी हम में हैं
हम अपने चेहरे पर गुरुर कम ही रखते हैं लिख डी

लिख डी

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Utkarsh Chauhan

ज़िन्दगी में अभी दिक्कत है
पर आगे बाधा नही आएगी
माना मंजिल अभी दूर है
पर राहों में कोई राधा नही आएगी
              
                   - उत्कर्ष चौहान लिखी है

लिखी है

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Utkarsh Chauhan

सिर्फ कुछ दिन कमी खलेगी तुम्हारी
फिर ज़रा सी भी नही चलेगी तुम्हारी
                      
                     -राहुल विष्वकर्मा किसी और कि है

किसी और कि है

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Utkarsh Chauhan

पर्दो की नुमाइश बहुत है
इस अंदाज में ख्वाहिश बहुत है बस

बस

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Utkarsh Chauhan

बेहया , बेसहर, बेजुबानी रहती है
मेरे दिल मे उसकी हर कहानी रहती है।

रातें नही कटतीं है मगर पर
मेरी हर रात उसकी दीवानी रहती है

हयात में लू और हवाब में तराश दूँ
चाँद में ढूँढू उसे , तभी ज़िन्दगानी रहती है

में समझता हूं उसे या वो समझती है मुझे
इस समझने में ही दोनों की रवानी रहती है

ज़हर दुनिया फैलती है एक रोज़ मेरे मन मे
हर बार उसी पर क्यों हर गुमानी रहती है

समझना चाहता हूँ पर धड़कता हु उसके लिए
इस दिल मे हर बार क्यों वो निसानी रहती है ऐसे ही

ऐसे ही

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Utkarsh Chauhan

सारी दुनिया के ग़म हमारे है
और सितम ये की हम तुम्हारे है
              
                - बशीर बद्र यू ही

यू ही

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Utkarsh Chauhan

बेहया, बेसहर, बेजुबानी रहती है
मेरे दिल मे उसकी हर कहानी रहती है

में समझता हूं उसे या वो समझती है मुझे
इस समझनें में ही दोनों की रवानी रहती है

                        -Utkarsh Chauhan Tu hi
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Utkarsh Chauhan

हयात ले के चलो कायनात ले के चलो,
चलो तो सारे जमाने को साथ ले के चलो

             -मखदूम मुहीउद्दीन बस लिख दी

बस लिख दी

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Utkarsh Chauhan

हमे भी आज ही करना था इंतेज़ार उसका,
उसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे
      
                  -आशुफ्ता चंगेज़ी खुद नही लिखी

खुद नही लिखी

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