प्लीज भाई सपोर्ट करें #मोहब्बत है या नशा था जो भी था कमाल का था रूह तक उतारते उतारते जिस्म को खोखला कर ■■■ #तुम मुझे जितनी इज़्ज़त दे सकते थे दे दी अब तुम देखो मेरा सबर और ■■■ #कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला जोभी मिलता है समझा के चला जाता है ■■■ #झोत का सहर है जाने दो साहेब हम सच के मरीज़ है यहाँ हमारा इलाज़ नहीं ■■■ #उन लोगो के साथ गुजरा हो सकता है जिन की तबियत ख़राब हो उनके साथ नहीं गुजरा जा सकता जिन की फितरत ख़राब हो ■■■ #जो रौशनी में खड़े है वो जानते ही नहीं हवा चले तो चीरागों की ज़िन्दगी की होगी ■■■ #aloneboy