लबों से रूबरू होकर आँखों में नशा हो जाना चाहिए
कानों की बालियाँ औऱ जुल्फों की लटों में खो जाना चाहिए
सर्द रातों में किसी महफ़िल में फिजूलखर्ची से बेहतर है
खुले आसमां मे किसी कि बाहों में हो जाना चाहिए
#eternallove
Shiv
सावन-भादों कितना भीगा मगर वो अब बेगाना होगा
बिन मौसम बरसात होगी तो सर्द मौसम अब सुहाना होगा
बसंत की आहट में ये पतझड़ को इशारा था मगर
पत्तों ने भाँप लिया कि साख को छोड़कर अब जाना होगा
#coldwinter
Shiv
सब-कुछ आज ही बता देंगे तो
बाकी के दिनों में करेंगे क्या
कुछ ख़ाहिश बची रहने दो
सब मुकम्मल हो जाय तो फिर बचेगा क्या
#ballet