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niketaojha5294
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Niketa ojha

https://youtube.com/@quoteswithniketa?si=2mx8XZDTut27pihh follow me on youtube for more vedios and shayari Siyappa girl😁💃 poet ✨️💫 writer ✍️ Co-author 🖊 compiler 📙

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Niketa ojha

https://youtube.com/@quoteswithniketa?si=2mx8XZDTut27pihh

#love

https://youtube.com/@quoteswithniketa?si=2mx8XZDTut27pihh love #शायरी

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Niketa ojha

#L♥️ve 
#ishq 
#Women
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Niketa ojha

White अभी बाकी हैं बिछड़ना उस से,
मुक्कमल ये कहानी कहा है अभी|

©Niketa ojha #SAD
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Niketa ojha

#ishq 
#loV€fOR€v€R

#ishq loV€fOR€v€R #शायरी

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Niketa ojha

#chaand
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Niketa ojha

#loV€fOR€v€R 
#ishq

loV€fOR€v€R #ishq

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Niketa ojha

White इश़्क अधूरा ही रहे तो बेहतर है मेरी जां, 
मुक्कमल हुआ तो, अहमियत कम हो जाएगी ||

©Niketa ojha #love_shayari
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Niketa ojha

कुछ ऐसी ही शाम थी जब मैं उससे पहली बार मिली थी, 
इत्तेफ़ाक भी ख़ूब ही था क्यूँकी महीना मोहब़्ब़त का महीना , सरल ज़ुब़ां में कहूँ तो फरवरी ही थी!!
हाँ नज़ारा भी कुछ ऐसा ही था, और चकाचौंध भी ऐसी ही थी,
थोड़ी सर्दी, थोड़ी वाहनों की भीड़  तो कोहरे के  कारण अंधेरे की नर्मी कुछ ऐसी ही थी!!
मैं उससे मिलने से पहले काफ़ी ज्यादा घबराई हुई थी, 
क्यूँकी इस तरह से मैं पहली बार किसी से मिल रही थी!!
हाँ माना माहौल में सर्दी थी, 
मग़र मेरे एहसासों में घबराहट के साथ आतिश-ए-उल्फ़त की गर्मी थी!!
हाँ उस वक्त मेरा शर्माना थोड़ा लाज़मी था, 
क्यूँकी उस समय वो मेरे बेहद करीब़ था!!
घबराहट में कदम मैंने बढ़ाए थे, 
मग़र थामने वाले हाथ उसी ने आगे बढ़ाए थे!!
वो पहली बार था जब मैंने किसी शख़्स का हाथ उस तरह से पकड़ा था,
हाँ उसने भी मेरा हाथ एकदम कसकर कर थामा  था!!
हाँ मुझे आज भी याद है कि मौसम सर्द था
 मग़र उसका हाथ गरम और नरम था और मेरा सर्दी में घबराहट से ठंडा था!!
मैं वाकई उस वक्त कुछ भी सोच नहीं पा रहीं थी कि क्या कहूँ क्या नहीं?
मग़र सूकून और महफ़ूज़ होने का एहसास था  क्यूँकि साथ में वो था!!
अब वक्त घर लौटकर भी आने का था काफ़ी देर भी हो चुकी थी, 
मग़र उसे छोड़कर आने का मेरा बिल्कुल मन नहीं था!!
मग़र ना चाहते हुए मैंने मन को मना लिया और आते आते एक बार फ़िर मैंने उसका हाथ थाम लिया, 
यार क्या करूँ??कह रहीं हूँ ना कि उसे छोड़ने का मन नहीं था!!
वो थोड़ा handsome तो है ही ,मग़र उसकी पग ❤️ हायययययययय क्या ही कहूँ?
तो फ़िर आते आते मैंने उसकी बाजू को कसकर थाम " सुन्दर लग रहे हो आप " चुपके  से कान में तारीफ़ भरे लफ़्ज़ों को कह दिया था!!
Areeee साथ में तेजू भी थी ना, 
तो इसे चुपके से ही कहना पड़ा था!!
अब मैं लौट तो आयी, 
मग़र अपने ज़ज़्बात उसी के पास छोड़ आयी!!
     ये इतनी सुहानी शाम में जो हुई वो उसके साथ मेरी पहली मुलाकात थी,
   फ़िर उसके बाद उसके साथ मेरी ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई,  हाँ माना उस मुलाकात को आज पूरे 3 साल हो गए पर एहसास ऐसा है जैसे कल ही मुलाकात थी!!

©Niketa ojha # पहली मुलाकात

# पहली मुलाकात #लव

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Niketa ojha

कभी कभी मैं यूँ ही निकल पड़ती हूँ,
इस बेवजह सी दुनिया में ख़ुद को पाने, 
वक़्त ज़्यादा तो नहीं मिलता, 
मग़र फ़िर आ जाती हूँ उस शाम का आंचल थामे!!
 
ख़ुद को पाने का सफ़र आसान तो नहीं होता, 
मग़र पहरा शाम का भी हमेशा नसीब़  नहीं होता!!

कभी कुछ अजनब़ी से अपने बन जाते हैं, तो कुछ अपने ग़ैर बन जाते हैं, 
मग़र मैं खोजती रहती हूँ ख़ुद को बिना सोचे उस आंचल को थामे!!

कभी कभी मैं यूँ ही निकल पड़ती हूँ 
ख़ुद को पाने 
उस हस़ीन सी शाम का आंचल थामे!!


हाँ भीड़ लाखों की मिलती है, 
मग़र अकेले के भी बन जाते हैं कुछ अफ़साने!!

कुछ दिखते हैं हस़ीन, टूटे हुए चेहरे, 
तो कुछ दिखते हैं फ़रेबी मुस्कराते हुए चेहरे!!

और इन सब में ख़ुद के वज़ूद को पाने, यूँ ही निकल पड़ती हूँ मैं ख़ुद को पाने ,
हस़ीन शाम का आंचल थामे!!
           🌺🍁😌

©your creator हस़ीन शाम

हस़ीन शाम #Poetry

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Niketa ojha

हाँ मेरी कुछ दोस्तों को तुम्हारी पता थी 
ज़्यादा नहीं थोड़ा बहुत!!
मेरी दोस्त अक्सर कहती भी थी कि आख़िर तूने उसमें ऐसा देखा क्या, ऐसा भी तो नहीं है कि वो बहुत smart हो dashing हो ,इससे ज्यादा smart और dashing तो वो लड़के है जिनका तू crush है जो तेरे अक्सर आस पास घूमते रहते हैं मग़र तू उन सबसे दूर रहती है वो भी उस लड़के के लिए जो तुझे भाव तक नहीं देता 😂 
और मैं हमेशा ही smile करते आ जाती थी और सोचती, कि हां यार तूने क्या देखा?? To be honest मैंने तो तुमको आज तक कभी ग़ौर से निग़ाहें भरकर ही नहीं देखा, 
कमबख़्त तुम्हें देख मेरी धड़कने ही जो इतनी तेज़ी से बढ़ जाती थी!!
और तुम्हारी वजह से ही कॉलेज के किसी लड़के को भी कभी निग़ाहें उठा के नहीं देखा, 
क्यूंकि जब भी मुझे कोई देखता मुझे बहुत गुस्सा आती थी और मैं अपनी classroom में आ जाती थी!!
मग़र तुम्हारा इंतज़ार मैं हमेशा किया करती थीं, 
मेरी नज़रे, धड़कने भी ही तुम्हारा इंतज़ार करती थी!
हां शायद तुम्हें ख़बर ना हो मग़र जब भी तुम कभी आस पास होते थे जाने कैसे  मुझे एहसास हो जाता था कि तुम यही कहीं आस पास हो!
आज उस एहसास को महसूस किये पूरा एक महीना गुज़र गया!!

©your creator collage life

collage life #Poetry

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