ये बात है उस दिन की जो यूं लगा था कि बरसो बाद आया है
वो दिन बस गुजारा नहीं बल्कि जीया था मैंने
मानो यूं लगा कि बरसो बाद कुछ पाया था मैंने
मैं इसे लिख कर बयान नहीं कर सकती क्युकी वो कुछ खास था
मेरा अपना हर कोई मेरे पास था
इस खुशी से आंखे नम थी
दिल के किसी कोने में ही सही पर खुशबू थी गुम की
क्युकी पता था मुझे आज आया है ये दिन अब कभी आए की ना