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vandanayadav8162
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Vandana Yadav

बारिश पर कविता क्या लिखूं, कविता खुद एक बारिश हैं।

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Vandana Yadav

White फर्क पड़े ना किसी बात से ,
उस ओर रूख मोड़ना चाहती हूॅं ।
दिल दुखता है जिस बात पर ,
उसी पर खुलकर हॅंसना चाहती हूॅं।

ज़माने के निगाहों में कौन खरा उतरा ,
मैं इन निगाहों से बचना चाहती हूॅं।
 होश में रहकर तो सभी अपना कहते हैं,
नशे की हालत में कोई कहे मैं सुनना चाहती हूॅं।

मेरी मोहब्बत में तो नुक्स होंगे बहुत ,
मैं उनकी मोहब्बत को परखना चाहती हूॅं।
छेड़कर फ़साना खत्म कर दिया उन्होंने,
मैं इस फसाने को समझना चाहती हूॅं ।

फर्क पड़े ना किसी बात से ,
उस ओर रूख मोड़ना चाहती हूॅं।
दिल दुखता है जिस बात पर,
उसी पर खुलकर हॅंसना चाहती हूॅं 

वन्दना यादव ✒️✒️✒️
30/9/24
1:15 p.m

©Vandana Yadav
  #Smile
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Vandana Yadav


आज ये क्या हुआ बारिशों को
बिन बुलाए आई है,
तेरी याद खलती है या 
कोई बात इन्हें भी चुभ आई है ।

©Vandana Yadav
  #Barsaat
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Vandana Yadav

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©Vandana Yadav
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Vandana Yadav


टूटकर हर चीज खनकती है 
फिर ये दिल की आवाज उसे ,
सुनाई क्यों नहीं देती है ग़ालिब।

वन्दना यादव ✒️✒️✒️

©Vandana Yadav
  #dodil
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Vandana Yadav


अपनी दिल के बेताबी को क्या मोड़ दूं,
जी करता है अब सब कुछ छोड़ दूं ।

मैं ना निकला हूॅं खुश होकर घर से ,
सोचता हूं अब ये रास्ता घर की ओर लूं।

ख़फ़ा है हर कोई मुझसे यूं ही बेवजह ,
खता क्या है मेरी अगर मिले तो पूछ लूं।

ये मंजिल गुमनाम है गुमनाम सही ,
राहों के एक एक दंश को सहेज लूं ।

जिनके आंखों में हसीन ख्वाब नहीं‌,
सोचता हूं उनकी बेचैनियां खरीद लूं। 

वन्दना यादव ✒️✒️✒️
10/9/24
10:55 a.m

©Vandana Yadav
  #Exploration
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Vandana Yadav

#sad_shayari
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Vandana Yadav

#sad_shayari
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Vandana Yadav

#sad_shayari
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Vandana Yadav

वो मुकर गए हर उस बात से ,
जो वादा किया था मिलकर साथ में।

अब हाथ छूटे भी कैसे ना हम-दम ,
बातें उनकी सारी झूठी थी प्यार के ।

कमबख़्त हम भी कितने नासमझ थे ,
हर बात पे ऐतबार कर बैठे यार के ।

वो ख्वाब में बसर करते थे इस क़दर,
यूं लगा हमें वो मिलने को बेकरार थे ।

ये वहम था हम दिल जीत बैठे उनका ,
मगर ,दिल की बाज़ी में हम नाकाम थे। 

वन्दना यादव ✒️✒️✒️
22/6/24
4:44 p.m

©Vandana Yadav
  #brokenbond
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Vandana Yadav


खामोश रहकर वो सताने लगा है ,
दिल में जो कुछ भी है छिपाने लगा है।

हर शाम बेवजह यूं हाल पूछने वाला ,
बेखबर हूं तुझसे अब ये जताने लगा है ।

ना जाने कैसी कशमकश है उसके दिल में,
मेरे बेचैन दिल को भी वो आजमाने लगा है । 

खामोशी की अब और कोई इम्तिहान नहीं,
बिन बोले वो दिल की बात बताने लगा है ।

उसके बेरुख अंदाज से कौन वाकिफ नहीं ,
अपनेपन की चाहत से यूं बेगाना बनाने लगा है ।

वन्दना यादव ✒️✒️✒️
18/6/24
11:31 p.m

©Vandana Yadav
  #Hum
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