वहशी लफ़ंगों के समूहों द्वारा हज़ार साल तक अनवरत किए आक्रमणों से जब हमारा कोई कुछ न उखाड़ पाया तो दो घर दूर के पड़ोसी के यहाँ उनके जानवर-छाप छोकरों के उत्पात से हमारे देश का भला क्या बिगड़ेगा🇮🇳💪🏼 ?
#MereKhayaal#विचार
Shankar Yadav
*"ब्रहाम्ण" अच्छे भोजन से "तृप्त" होते हैं, "मोर" मेघ "गर्जना" से, "साधु" दूसरों की "सम्पन्नता" देखकर और "दुष्ट" दुसरों की "विपदा" देखकर।*
🙏 *सुप्रभात*🙏 #समाज