आशीष दो हे भारती
कर्तव्य पथ पर हम रहे।
जो भी मिले हमको यहाँ,
सब मुस्कुराकर हम सहे।
लाखों निराशाएँ यहाँ
आकर है हमको घेरती।
जितनी भी है खुशियाँ सभी, #Poetry
Rahul Ashesh
रंग दे मुझको केसरिया और मेरी एक पहचान भी लिख,
मेरे रक्त से माथे मेरे अब तू हिंदुस्तान भी लिख।
मान हिंद और आन हिंद हो मेरा यह अरमान भी लिख,
रग-रग में हो लहू हिन्द का मेरा ये ईमान भी लिख।
#IndianRepublic
Rahul Ashesh
तुम वक़्त का इंतज़ार करो,
वक़्त तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है!
तुम्हें, आज से कुछ बेहतर देने के लिए।
#WinterSunset
Rahul Ashesh
लिखा है मैंने हिंदी में,
तुम भी हिंदी में पढ़ लेना।
देखे हैं मैंने कुछ सपने,
तुम भी कुछ सपने गढ़ लेना।
#Hindidiwas