#भीड़
भीड़ बहुत है दुनिया में, कहीं! आँखो से ओझल ना हो जाऊं,
पकड़ कर चलना हाथ मेरा, कहीं! भीड़ में जुदा ना हो जाऊं,
भरोसा-यकिन-बनाए रखना, कहीं! अजनबी ना हो जाऊं,
पसंद हूँ मैं अपनों की, कहीं! भीड़ में नापसंद ना हो जाऊं,
होड़ लगी है यहाँ, अपनो से अपनों को जुदा करने की, #Motivation#Bheed#सस्पेंस#शंकरदास
Motivational_writer79 (शंकरदास)
तन मैला हो कोई बात नहीं, अंतर्मन को स्वच्छ रखो,
हृदय ज्योत से करो वंदन, वर्चस्व स्वयं का उत्तम रखो..।।
मधुर भाषी हो जीव्हा तुम्हारी, सौम्य-सरल स्वभाव रखो,
प्रफुल्लित हो मन सबका, मिलें जो ऐसा व्यवहार रखो..।।
कुसंगति का करो परित्याग, कटु भाव को दूर रखो,
कर से अपने सतकर्म करो, क्रूर विचार विलुप्त रखो..।।
बनो ना तुम पीड़ा किसीकी, हरपल इसका भान रखो,
हो आपत्ति चाहे कैसी भी, संयम से स्वयं को समान रखो..।। #चंदन#मानवता#प्रेरणा#loveNote#शंकरदास#shankardas