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rajeshparwal1074
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Rajesh Parwal

एक रचना जिसको जमाना पढ्ना चाहता है।

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Rajesh Parwal

कलम और कागज़ ए कलम आज साध देना दिल से
महबूबा को प्रथम प्रेम पत्र लिखना है
ए कागज छूआ है मैंने तुझे उंगलियों से
ये अहसास महबूबा को दिला देना। कलम और कागज

कलम और कागज

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Rajesh Parwal

तेरे दिल के करीब हमेशा में ही रहूंगा
जितना तुम दूर जाओगी
उतना ही करीब मुझे पायोगी
रूठ सकती हो तुम हमेशा के लिए मुझसे
लेकिन क्या अपने दिल से जुदा कर पायोगी।

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Rajesh Parwal

आओ दीप जलायें आओ दीप जलायें मोहब्बत के, क्योंकि जीवन मे मोहब्बत ही ऐसी हे जो है तो निशुल्क लेकिन मिलती किसी के पास नही।

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Rajesh Parwal

राम सा जीवन ना मिला, कोई बात नही,रामायण का कोई भी एक किरदार मिल जाये, और प्रभु श्रीराम के द्वारा मेरे जीवन का उद्धार हो जाए।

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Rajesh Parwal

रेत पर लिखता हूं तुम्हारा नाम तो पानी बहा कर ले जाता हैं, दिल पर लिखता हूं तुम्हारा नाम तो जमाना दुश्मन हो जाता है,।

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Rajesh Parwal

आज धरती पर दो चांद का आपस में मिलन होगा, एक चांद करता है धरती पर उजियारा, दुसरा चांद करता है मेरे जीवन में उजियारा, आसमां के चांद को देख कर वो उसे जल देगी और में अपने चांद को देख कर जल दूंगा। करवा चौथ

करवा चौथ

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Rajesh Parwal

इश्क़ आज भी है मगर इश्क आज भी है मगर वो इश्क नहीं,
पहले इश्क महबूबा को पाने के लिए किया जाता था, 
आज इश्क महबूबा के बदन पाने के लिए किया जाता है।

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Rajesh Parwal

#Pehlealfaaz उजली उजली चांदनी में आई मिलन की बेला, 
राधा संग महारास  में नाचे क्रष्ण कन्हैया। 
रास पूर्णिमा  की हार्दिक शुभकामनाएं। रास पूर्णिमा

रास पूर्णिमा #Pehlealfaaz

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Rajesh Parwal

#Pehlealfaaz कुछ अधुरे शब्द लिख कर जा रहा हूं,
अब मे इस जहाँ से दूर जा रहा हूं, 
वसीयत में ये किताब तुम्हारे नाम करे जा रहा हूं। 

हो सके तो इस किताब के अधुरे शब्दों को पुरा कर देना,
नहीं तो जैसा मेरा दिल जला इसको भी जला देना। वसीयत
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Rajesh Parwal

ये ढलता हुआ सुरज
ये सागर का किनारा
ये तुम्हारे खुले हुए केश
ये सब इशारा कर रहे है
तुम्हें बाहों मे थामने के लिए सागर का किनारा

सागर का किनारा

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