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ritikashrivastav1045
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Ritika Vijay Shrivastava

Hi...everyone...plz do like and share my #poetry #kavita #voice🙂🙏

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Ritika Vijay Shrivastava

उसी देवी का ही रूप है नारी,
जो घर-घर पूजी जाती है।
छप्पन भोग चढाते मंदिर में, 
बूढ़ी माँ भूखी रह जाती है।
पूजा पाठ में अक्सर अपने, 
कंजक रूप में पूजी जाती है।
ज़रा देख गौर से यहीं है वो, 
जो हर रूप में स्नेह लुटाती है।
माना सब न एक समान, 
कुछ मानवता धर्म निभाते हो,
देखते हो जब ऐसा मंज़र, सच कहना..?
क्या...तुम आवाज़ उठाते हो?
फिर क्यों? तुम मनाते हो।

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Ritika Vijay Shrivastava

पराये घर को मान कर अपना, 
ब्याह कर वो आती है।
न्योछावर कर यौवन सुंदरता, 
तेरा घर संसार बसाती है।
आंगन को वो तेरे अपनी, 
निःस्वार्थ खुशबू से महकाती है।
भूलकर सारे सपने अपने , 
कुलवधू का फर्ज निभाती है।
दानव बन जाते हो तुम, 
उस देवी को तड़पाते हो,
कागज़ के रुपयों के ख़ातिर,
घर की लछमी जलाते ह।
फिर क्यों? तुम नवरात्र मनाते हो।

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Ritika Vijay Shrivastava

संवारती हूँ खुद को मैं, 

तेरी चाहत में झूम जाती हूँ।

काजल नहीं लगाती मैं बस, 

आँखों में तुझको सजाती हूँ।

चुपके से मेरे माथे पर तुम, 

वो काली बिंदीया लगाते हो।

निख़र जाता है रूप मेरा, 

जो दर्पण तुम बन जाते हो।

आफ़रीन ये दुनिया लगती है,

जब सामने तुम आजाते हो।।

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#जब_सामने_तुम_आजाते_हो❤️

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Ritika Vijay Shrivastava

कच्चे माटी से मन को जिसने,
एक सकल साॅंचे में ढाला है।
चंचल बालक के मन को तुम्हीं ने,
अज्ञान स्याह से निकाला है।
जीवन में हमारे नि:संदेह यही तो,
एक उम्मीद का दीप जलाते है।
यक़ीनन,..ये शिक्षक कहां भुलाए जाते है?

©Ritika Vijay Shrivastava
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Ritika Vijay Shrivastava

बादल जो काले छाते है, और बूँदे राग सुनाती है,
जाने वो कैसा समंदर है, जो मन को मेरे डुबाती है। 
बरसता है जो प्यार मेरा, और दुनिया मेघ बतलाती है,
अकेली कहाॅं ? ये बारिश तुम्हे भी तो साथ लाती है।

©Ritika Vijay Shrivastava #Barsaat  हिंदी कविता प्रेम कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

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Ritika Vijay Shrivastava

मेरे हर शब्द के यथार्थ तुम्ही से , 
और भाव का आधार भी तुम ।
कस्मकश सी है साँसों में जिनके, 
इंकार भी तुम स्वीकार भी तुम ।
अब ज़ोर नहीं साँसों पर मेरे,
इस जीवन का अधिकार भी तुम ।
तुम से ही दिन ढ़लता मेरा, 
खुले आँख सुबह तुम्हीं दिखते हो।
है किताब सरीखी जीवन मेरा जिसके,
 हर पन्ने में सिर्फ "तुम" बसते हो।

©Ritika Vijay Shrivastava
  #kitaab  कविताएं हिंदी कविता प्रेम कविता प्यार पर कविता कविता

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Ritika Vijay Shrivastava

orange string love light 
🌹 पहला गुलाब 🌹

©Ritika Vijay Shrivastava #lovelight
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Ritika Vijay Shrivastava

अनगिनत रंग दिखलाए इसने,
कुछ सबक का पाठ पढ़ाया है।
बदलते हुए इस साल ने कुछ,
यूं हमको हम ही से मिलाया है ।
कभी बरसीं मुस्कान हृदय से,
अब आंखों से दरिया उतर रहा है।

एक और दिसंबर गुज़र रहा है,...
   मुठ्ठी से रेत ज्यों फिसल रहा है । (२)

©Ritika Vijay Shrivastava
  #PhisaltaSamay
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Ritika Vijay Shrivastava

है विश्व पटल पर स्वर्णिम गाथा,
निरंतर अडिग परचम लहराएगा।
राजनिति से उपर उठकर जब,
जन कल्याण मुद्दा बन जाएगा।
कोमल कल के पौधे को जब,
स्वतंत्र बुद्धि से सींचा जाएगा।

निःसंदेह उसी दिन भारत मेरा,
एक नयी आजादी पाएगा।।

©Ritika Vijay Shrivastava
  #IndependenceDay
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Ritika Vijay Shrivastava

न दौड़ लगेगी श्रेष्ठ धर्म की,
सांप्रदायिक भेद मिट जाएगा।
दंगों से आहत सड़कों पर ज्यों,
बादल खौफ का छट जाएगा।
भयमुक्त चहकेगी चिड़िया और,
अस्मत ना दांव पर आएगा ।

निःसंदेह उसी दिन भारत मेरा,
एक नयी आजादी पाएगा।।

©Ritika Vijay Shrivastava
  #IndependenceDay
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