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lavanyasahu4632
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lavanya_sahu

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lavanya_sahu

#myvoice #Stop_Your_Bad_Thoughts_For_Everyone🙏
🇳🇪❤

#myvoice Stop_Your_Bad_Thoughts_For_Everyone🙏 🇳🇪❤

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lavanya_sahu

दिल कर रहा है ठहर जाऊँ...         
  पर,                              
                               असल सफर तो अब शुरू हुआ है जिंदगी का

एक कदम बढ़ा है उस ओर..              

पर दिल कर रहा है ठहर जाऊँ...! 
                                                  By-Lata_Sahu # सफर...!!!!

# सफर...!!!!

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lavanya_sahu

वक्त ले जा रहा है                      
                कहीं ओर....
उस और जिसको वक्त है                
                         अभी आने में...
   इस वक्त खुद से मिल रही हूं..             
                      पर खुद के लिए उसे ढूंढ रही हूं..
मिला नहीं है..                             
               पर कहीं तो है....
वक्त है अभी... वो वक्त आने मे...!! Think_About_Self...

Think_About_Self...

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lavanya_sahu

मैं ढूंढ रही हूं खुद को
पर , खुद में खो नहीं पा रही 
नहीं खोना चाहती बाकी दुनिया में
पर , खुद की दुनिया बसा नहीं पा रही
जरूरत नहीं हो किसी की
पर ,अपनी जरूरत खुद को नहीं बना पा रही
 हूँ लोगों के बीच
पर , खुद को अलग नहीं कर पा रही
सीख रही हूं खुद में जीना
पर , ऐसे जी नहीं रही
मंजिल तय हो गई है
पर , सफर के रास्ते ढूंढ नहीं पा रही
भाग रही हूं दुनिया की जिंदगी से
पर , अपनी जिंदगी अपने लिए बना रही ।
                                      #Soul_Care
                               #Me
                                            Lata_Sahu💚 #Always_A_Free_Spirit
#Self_love
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lavanya_sahu

#myvoice
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lavanya_sahu

[" मानवता में असुर"]
" फेक रहे हैं पत्थर असुर बनकर
बुला रहे हैं मौत को स्वयं यमदूत बनकर"
" शर्म नहीं आई तुम्हें हैवानियत की सीमा पार कर
लान्ग कराए थे स्वयं भगवान अपने कर्तव्य भूमि पार कर"
" बंद है आज हर धर्म की चार दिवारी 
खुले हैं केवल आज भगवान के दूतों की कर्तव्य की चार दीवारी"
" हैवान भी पखार थे हैं भगवान के चरण
स्वयं भगवान के दूत आए थे लेकर अपने चरण"
" फेके हैं पत्थर , ठुकरा दिया तुमने जीवन को
हो नहीं तुम उस लायक अब बचा जाए तुम्हारे जीवन को"
" बिक गई आज मानवता पत्थरों के मौल
नहीं रहा तुम्हें अपने जीवन का भी मौल"
" भगवान के दूत आए थे जीवन लेकर
तुम भागे अपने हाथों मौत का बुझा हुआ दीपक लेकर"
" आया है तुम्हारे कर्मों का साया लौट कर
पर नहीं तुम्हें चाहिए ही नहीं , आए तुम्हारा जीवन लौट कर"
" बचाने आए थे वो मानव प्रजाति को
बन कर दिखा दिया तुमने असुर उनको"
" हो ही नहीं मानव , कलंक हो मानवता के नाम पर
इन्हीं असुरी कर्मों की वजह से बरस रहा कहर पृथ्वी पर"
" क्या हासिल कर लिया तुमने उछाल दिया जीवन को सिक्कों की तरह
जैसे उछाल था अपने हाथों एक एक पत्थर को जिस तरह"
" मौत निश्चित नहीं थी दे मारी लात तुमने अपने ही जीवन को
 अब मौत निश्चित है लगा लो एड़ी से चोटी तक का जोड़ बचाकर दिखाओ अपने जीवन को"
[" सहायता नहीं ली तुमने निस्वार्थ डॉक्टरों की करके  दिखाना अब तुम स्वयं की सहायता , खड़े हैं वो आज भी निस्वार्थ बनकर ही"]
                                                                   By-Lata Sahu #मानवता_में_असुर
भगवान कभी माफ नहीं करेगा इन्हें, फेके हैं इन्होंने पत्थर भगवान के दूत पर ही।

#मानवता_में_असुर भगवान कभी माफ नहीं करेगा इन्हें, फेके हैं इन्होंने पत्थर भगवान के दूत पर ही। #poem

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lavanya_sahu

["एक दीया"]
" अंधकार में पनपती है लाखों दुष्कर्मओं की जड़ें
इसी अंधकार में एक दिये की ज्वाला, जलाकर राख कर देती है इनकी जड़े"
" घना अंधेरा हवा देता है हर बुराइयों को
प्रकाश की एक किरण मिटा कर रख देती है इन बुराइयों को"
" अंधकार में हावी होती है हर बुरी शक्तियां
जलाएं दीपको की ज्योति मिटा कर रख दे हर बुरी शक्तियां"
" लाया है समय हमारे ही कर्मों के साये का घना अंधेरा
हमें देनी है अपने कर्मों के साये की आहुति ज्वाला को"
" हराना है इस घनघोर अंधकार को
मिलकर दीप जलाना है ,मौका है फिर दिखाने एकता को"
" लड़ना है हमें दीपकों को मशालें बना कर
हर एक दीपक की ज्योति मिल उठ खड़ी होगी, मशालें बनकर"
" फिर होकर एकजुट हिंदुस्तान
बनाए मिलकर उज्ज्वल हिंदुस्तान"
" जिस प्रकार धर्म जात नहीं देखता अंधकार
विभिन्न दीपक ओं की निकलती ज्योति समान है हर अंधकार में"
[" हर दीपक से निकलती ज्वाला का सामान सहयोग है इस अंधेरे में
एक दीपक की भतिँ हर इंसान का एक सामान सहयोग होगा इस घने अंधेरे को मिटाने में"] 
                                                                                         By-Lata Sahu #आओ_मिल_फिर_दीया_जलाएं
#Salute_of_The_Day🔥
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lavanya_sahu

[" पत्रकार"]
" लांग कर अपनी हर सीमा
बता रहे हैं लोगों को उनकी सीमा"
" यह लक्ष्मण रेखा उनके लिए भी
यह गंदगी कर सकती है अपहरण उनका भी"
" क्यों जाते हैं वह हर कोने कोने में
क्यों देते हैं वह हर खबर कोने-कोने से"
" है उनका भी परिवार जो कहता है, रुक जाओ
और पर्दे के पीछे बैठे परिवार को वो कहते हैं, रुक जाओ"
" कर रहे हैं वह अपना कर्म निष्ठुर होकर
दे रहे हैं इस समय भी हर खबर बिना कदमों को रोक कर"
" रहती है उनकी नजर हर चपे-चपे पर
खड़ी हो चाहे हैवानियत उस चपे पर"
"देते हैं वह हर खबर निचले से निचले स्तर से
पनपते हैं जहां मानवता में असुर ,उस स्तर से"
[" जाते हैं वह उस जगह भी जिस जगह होती है इंसानियत पर हावी हैवानियत भी
नहीं सोचते हैं वह पल भर भी यह हैवानियत हावी हो सकती है हम पर भी"]
                                                                               By-Lata Sahu #Salute_of_Our_All_Reporters🕴👏
#Think_Deep_Guys🙏

Salute_of_Our_All_Reporters🕴👏 Think_Deep_Guys🙏

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lavanya_sahu

[" रोटी देशप्रेम की"]
" होकर लंगर बंद गुरुद्वारे से
आया है बाहर लोगों के द्वारे"
" बना रहे हैं भोजन हजारों में जन
है नहीं पेट में एक अन्न लाखों गरीबों के जन"
" एक तरफ यह महामारी है
और दूसरी तरफ यह भुखमारी है"
" भारत से लड़ रहा है एक महामारी से
इस भारत का आधा हिस्सा लड़ रहा है द्विमहामारी से"
" बन रहा है खाना भारत के हर छोटे हिस्से में
हो रही है मदद इंसानियत के नाम पर हर छोटे हिस्से से"
" प्रेम की रोटी सिक रही है हर आंच से
मिटा रहे हैं लोग भूख, सिखा है जो अन्न् इस आंच से"
" है उनके पास इतना जो कर रहे हैं दिल की खुशी पूरी
निभा रहे हैं अपना परम धर्म मिटा कर उनकी भूख पूरी"
" बना कर खाना कर रहे हैं समर्थन
यहां समर्थन बड़ा है, करोड़ों  रुपए के समर्थन"
[" डॉक्टर निभा रहे हैं अपनी भूमिका इस महामारी को मिटाने में
और यह निभा रहे हैं अपनी भूमिका भुखमारी को मिटाने में "]
                                                              By-Lata Sahu #Roti_Desh_Prem_Ki🍪😍
#Ek_Salute_Unko_Bhi_Jo_Khana_bana_Kr_Garibo_ka_Pet_Bhar_Rhe_Hai🙏🤗
#

Roti_Desh_Prem_Ki🍪😍 Ek_Salute_Unko_Bhi_Jo_Khana_bana_Kr_Garibo_ka_Pet_Bhar_Rhe_Hai🙏🤗 #

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lavanya_sahu

["कर्तव्य के धनी"]
"क्यों इनके ही जीवन में यह कर्तव्य है
छपा है क्या कहीं कि यह इनका ही कर्तव्य है"
" इनका भी अस्तित्व है इस धरती पर
वरना कौन तैयार होता अपने अस्तित्व को मिटाने पर"
" हर समय करने में लगे हैं, हर मानव संसाधन को साफ
बिना यह सोचे कहीं हो ना जाए इनकी मौत, इनको करने में साफ"
" सफाई करते समय रखते है,खुद को सुरक्षित
जो बैठे हैं घर में अंदर कर रहे हैं उनको सुरक्षित"
" बड़ा हिस्सा है यह इस जंग के
अधूरी होती वरना लड़ाई , इस जंग में"
 "फरिश्ते हैं यह इस इंसानी दुनिया के
अगर यह इंसान होते, तो मिल जाते इंसानी दुनिया में"
"शायद ,नहीं रहेगा लोगों को याद इस जंग का यह हिस्सा
पर क्या हो पाएगी यह जंग पूरी बिना इस हिस्से के"
[" याद करो वह धारा 15 1950 को
ना धर्म, ना जात पात, सम्मान है नागरिकता सबको"]
                                                       By-Lata Sahu #Salute_Of_Our_All_Works🙏
#Think_Deep_Guys👍
#Articel_15🇮🇳

Salute_Of_Our_All_Works🙏 Think_Deep_Guys👍 Articel_15🇮🇳

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